जानिए, कश्मीर में क्यों दूर हुए मनोरंजन के साधन
कश्मीर में ही आतंकवाद व अलगाववाद के चलते वर्ष 1990 से एक दर्जन के करीब सिनेमाघर बंद पड़े हुए हैं।
जम्मू, विवेक सिंह। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भले ही सऊदी अरब में सिनेमाघरों पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाए जाने का स्वागत किया है, लेकिन कश्मीर में ही आतंकवाद व अलगाववाद के चलते वर्ष 1990 से एक दर्जन के करीब सिनेमाघर बंद पड़े हुए हैं। कश्मीर में नब्बे के दशक में बिगड़े हालात के बाद सिनेमाघरों को बंद कर दिया गया था।
इसके बाद अब तक रही राज्य सरकारों ने कट्टरपंथी तत्वों के प्रभाव को देखते हुए इन्हें खोलने का जोखिम नहीं उठाया। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कश्मीर में वर्ष 1996 के बाद तीन थियेटर खुलवाए थे, लेकिन आतंकी वारदातों में बढ़ोतरी के बाद ये फिर बंद हो गए। दो थियेटरों पर आतंकियों ने ग्रेनेड हमले किए थे। श्रीनगर के नीलम थियेटर पर आतंकियों ने फिदायीन हमला किया था। अब बंद पड़े सिनेमाघरों के भवनों का इस्तेमाल भी अलग-अलग तरीकों से हो रहा है। कइयों में शॉपिंग माल बन चुके हैं, एक में बार, एक अन्य में अस्पताल और कइयों का इस्तेमाल सुरक्षाबल भी कर रहे हैं।
सिनेमा पसंद हैं कश्मीर के लोग:
आतंकवाद व अलगाववाद के चलते भले ही कश्मीर में सिनेमाघर बंद पड़े हैं, लेकिन यहां के लोगों को सिनेमा काफी पसंद है। अस्सी के दशक में शायद ही कोई ऐसी फिल्म होगी, जिसकी शूटिंग कश्मीर की वादियों में नहीं हुई होगी। उस समय भी कश्मीर के लोग शूटिंग देखने से लेकर फिल्मों का भरपूर मजा उठाते थे। अभी दो माह पहले ही कश्मीर के टैगोर हाल में फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया गया था, जिसमें पुरानी फिल्में दिखाई गई। इन्हें देखने के लिए भी काफी लोग आए थे।
महबूबा ने सऊदी अरब में सिनेमाघरों खोलने का किया स्वागत:
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सऊदी अरब में सिनेमाघर खोलने का स्वागत किया है। महबूबा ने बुधवार को ट्वीट किया, 'सऊदी अरब के युवराज की ओर से सामाजिक सुधार इस बात का सुबूत है कि वहां समाज तरक्की कर रहा है।'