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मुख्य सचिव मेहता ने स्वास्थ्य विभाग को दिए निर्देश-दवाइयों की खरीदारी, स्टोरेज और वितरण पर रिपोर्ट दे

डा. मेहता ने कैपेक्स बजट के प्रावधानों के माध्यम से अगले वित्तीय वर्ष तक डिजिटल नुस्खे पर स्विच करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश में ई-स्वास्थ्य सेवाओं को लागू करने की दिशा में एक कदम आगे होगा।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 11:06 AM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 11:06 AM (IST)
मुख्य सचिव मेहता ने स्वास्थ्य विभाग को दिए निर्देश-दवाइयों की खरीदारी, स्टोरेज और वितरण पर रिपोर्ट दे
सरकारी अस्पतालों द्वारा पालन की जाने वाली एक गुणवत्ता नीति को अधिसूचित करने के लिए कहा गया।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : मुख्य सचिव डा. अरुण कुमार मेहता ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि वे दवाइयों की खरीदारी, स्टाेरेज, और वितरण पर एक रिपोर्ट दें। यही नहीं मरीजों को उपलब्ध दवाइयों के प्रति जागरूक करने के लिए अस्पतालों के मुख्य स्थानों पर सूचियां लगाएं। डाक्टरों द्वारा दवाइयां लिखने के नुस्खे का भी उन्होंने आडिट करने का निर्देश दिया। उन्होंने यह भी सुनिश्चित बनाने को कहा कि अगर डाक्टर बाजार से नान जेनेरिक दवाइयां खरीदने को कहते हैं तो सभी डाक्टर नुस्खे पर हस्ताक्षर करें और सील लगाएं।

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स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शािक्षा विभाग की कार्यप्रणाली की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने चालू वित्त वर्ष में कैपेक्स बजट के तहत उपलब्धियों के बारे में जानकारी ली। अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विवेक भरद्वाज, डायरेक्टर स्किम्स व विभिन्न मेडिकल कालेजों के प्रिंसिपल भी बैठक में मौजूद थे। बैठक में बताया गया कि जम्मू-कश्मीर के सभी अस्पतालों में कुल 422 दवाइयां मुफ्त दी जाती हैं। मु

डा. मेहता ने कैपेक्स बजट के प्रावधानों के माध्यम से अगले वित्तीय वर्ष तक डिजिटल नुस्खे पर स्विच करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश में ई-स्वास्थ्य सेवाओं को लागू करने की दिशा में एक कदम आगे होगा। उन्होंने कहा कि फरवरी 2022 तक मेरा अस्पताल पहल के माध्यम से सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता पर मरीजों की प्रतिक्रिया लेने की प्रणाली को शुरू किया जाएगा।

जम्मू-कश्मीर के सभी संस्थानों में स्वास्थ्य देखभाल के मानकों में सुधार के नजरिए से मुख्य सचिव ने मार्च 2022 तक स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली शुरू करने के लिए विभाग को कहा। विभाग को सभी स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं के लिए गुणवत्ता प्रमाणन प्राप्त करने के लिए भी कहा गया। इसके अलावा, स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग को जम्मू-कश्मीर में इलाज की एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए सरकारी अस्पतालों द्वारा पालन की जाने वाली एक गुणवत्ता नीति को अधिसूचित करने के लिए कहा गया।

उन्होंने कोरोना की रोकथाम के लिए टेस्टिंग को बढ़ाने, 15-17 साल के आयु वर्ग में तेजी से टीकाकरण करने और कोविड मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य देखभाल उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने प्रधानमंत्री विकास पैकेज के तहत हुए कायों को फोटो सहित पब्लिक डोमेन में रखने को कहा ताकि उनके विचार भी लिए जा सकें।


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