Jammu: मुख्य सचिव मेहता के निर्देश-सभी स्कूलों-आगनवाड़ी केंद्रों में 15 अगस्त तक पानी उपलब्ध करवाया जाए
मुख्य सचिव ने जल शक्ति विभाग से कहा कि पानी के बिल के सिस्टम को सुचारू किया जाए। तिमाही आधार पर पानी के बिल बनाए जाएं और राजस्व वसूली की जाए। तिमाही बिलों से लोगों पर बोझ कम होगा और समय पर राजस्व वसूली में मदद मिलेगी।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता ने जिला शक्ति विभाग को निर्देश दिए है कि पंद्रह अगस्त 2021 तक सभी स्कूलों व आगनवाड़ी केंद्रों में पीने के पानी की सुविधा उपलब्ध करवा दी जाए। मुख्य सचिव ने केंद्र प्रायोजित योजना जल जीवन मिशन की प्रगति की समीक्षा की।
उन्होंने निर्देश दिए कि सभी स्कूलों व आगनवाड़ी केंद्रों में पीने के पानी का कनेक्शन पंद्रह अगस्त 2021 से पहले लगा दिया जाए। बैठक में मुख्य सचिव को बताया गया कि मौजूदा वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान अब तक 21650 घरों को पानी के कनेक्शन दिए गए हैं। विभाग ने जल जीवन मिशन के तहत 90 फीसद स्कूलों व आगनवाड़ी केंद्रों, 51 फीसद स्वास्थ्य केंद्रों, 34 फीसद ग्राम पंचायतों को कवर कर लिया है। मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान कश्मीर संभाग के 197593 घरों और जम्मू संभाग के 490583 घरों में पीने का पानी उपलब्ध करवाया जाएगा।
मुख्य सचिव ने जल शक्ति विभाग से कहा कि पानी के बिल के सिस्टम को सुचारू किया जाए। तिमाही आधार पर पानी के बिल बनाए जाएं और राजस्व वसूली की जाए। तिमाही बिलों से लोगों पर बोझ कम होगा और समय पर राजस्व वसूली में मदद मिलेगी।
कौशल विकास विभाग के प्रमुख सचिव असगर समून ने कहा है कि आइटीआई संस्थानों में कोई भी सीट रिक्त नहीं रहनी चाहिए। विद्यार्थियों को दाखिले के लिए जागरूक किया जाए और दाखिला प्रक्रिया शुरू की जाए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को आइटीआई संस्थानों में पढ़ाई के लिए प्रेरित किया जाए। ऐसे कोर्स शुरू किए जाएं जो रोजगार उपलब्ध करवाने में मददगार साबित हों। विद्यार्थियों को सिर्फ प्रमाण पत्र ना दिए जाए बल्कि प्रशिक्षण देकर पूरी तरह से निपुण किया जाए। उन्होंने अधिकारियों से परीक्षाएं समय पर लेने और परिणाम भी समय पर निकाल लेने के लिए कहा।
औद्योगिक विशेषज्ञों की अध्यक्षता में प्लेसमेंट सेल स्थापित किए जाएं ताकि पास आउट होने वाले विद्यार्थियों को रोजगार दिलाने में मदद की जाए। हर साल हर आईटीआई में एक प्लेसमेंट अभियान चलाया जाना चाहिए। उन्हें बताया गया कि जम्मू कश्मीर में 52 सरकारी और 34 प्राइवेट आइटीआई संस्थान काम कर रहे हैं। जो 71 कोर्स करवा रहे हैं और इन सभी में 18000 सीटों की क्षमता है। उन्हें बताया गया कि इनमें 11 महिला आइटीआई संस्थान भी हैं। आइटीआई संस्थानों को माडल संस्थान बनाए जाने पर विचार विमर्श किया गया।