Jammu Kashmir : ट्रैफिक पुलिस को जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर जाम से निपटने के निर्देश
केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान और आइआइटी जम्मू के विशेषज्ञों के एक संयुक्त दल ने जम्मू श्रीनगर हाईवे विशेषकर रामबनबनिहाल और उसके आसपास के क्षेत्रों का सर्वे किया है। इसी सर्वे पर आधारित संबंधित रिपोर्ट में कुछ सिफारिशों पर विशेषज्ञों ने जोर दिया गया है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव डा. अरुण कुमार मेहता ने बनिहाल- रामबन के बीच जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर यातायात को सुचारु बनाने के लिए संबंधित प्रशासन व ट्रैफिक पुलिस से उपलब्ध संसाधनों का इस्तेमाल करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पहाड़ों से मैदानों की तरफ जा रहे गुज्जर-बक्करवाल समुदाय के किसी भी डेरे को काजीगुंड-रामबन के बीच अपने माल मवेशी के साथ न पैदल चलने दिया जाए बल्कि उन्हें उपलब्ध वाहन सुविधा का लाभ लेने के लिए कहा जाए।
मंगलवार को आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता ने श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग की मौजूदा स्थिति की समीक्षा की।
मुख्य सचिव ने कहा कि रामबन मेें कैफटेरिया -मेहर सेक्शन पर भूस्खलन को रोकने के लिए केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की और आइआइटी जम्मू के संयुक्त विशेषज्ञ दल की मदद ली जाएगी। केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान और आइआइटी जम्मू के विशेषज्ञों के एक संयुक्त दल ने जम्मू श्रीनगर हाईवे विशेषकर रामबन,बनिहाल और उसके आसपास के क्षेत्रों का सर्वे किया है। इसी सर्वे पर आधारित संबंधित रिपोर्ट में कुछ सिफारिशों पर विशेषज्ञों ने जोर दिया गया है। इनमें कई सिफारिशें रामबन में कैफटेरिया-मेहर सेक्शन की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण होने वाले भूस्खलन से जुड़ी हैं।इन सिफारिशों को लागू किया जाएगा, ताकि इस क्षेत्र में होने वाले भूस्खलन को रोका जाए और यात्रा में लगने वाले समय में कमी लाई जा सके।
उन्होंने कैफटेरिया मोड़, मेहर के इलाके में मलबा हटाए जाने, बनिहाल-रामबन सेक्शन पर गडढ़ों को भरने,टी-5 सुरंग और रामसू-रामपरी शेरबीबी सेक्शन को चौड़ा किए जाने के काम को निर्धारित समयावधि में पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला प्रशासन रामबन को निर्देश दिया कि बनिहाल बाजार में सडक किनारे वाहनों को खड़ा नहीं होने दिया जाए और रेहड़ीवालों को भी सड़क पर कब्जे से रोका जाए।
मुख्य सचिव ने खानाबदोश गुज्जर-बक्करवाल समुदाय के मौसमी पलायन का जिक्र करते हुए जनजातीय मामले विभाग और सभी संबंधित जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए कि कोई भी डेरा काजीगुंड-रामबन के बीच अपने माल मवेशी संग पैदल नहीं चलना चाहिए। प्रत्येक डेरे को माल मवेशी व अपने सदस्यों के साथ सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई वाहन सुविधा के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित किया जाए। संबधित प्रशासनिक अधिकारी इस बात को सुनिश्ति बनाएं कि हाइवे पर कोई भी आवारा जानवर नहीं होना चाहिए।