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Chhari Mubarak Amarnath : पहलगाम से पवित्र गुफा के लिए रवाना हुई छड़ी मुबारक, 11 अगस्त को होगी संपन्न

Chhari Mubarak Amarnath तीस जून से शुरू हुई बाबा अमरनाथ यात्रा 11 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन संपन्न होगी। अभी तक तीन लाख के करीब श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा के दर्शन कर लिए हैं। जम्मू से पांच अगस्त के बाद कोई जत्था रवाना नहीं किया गया।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 08 Aug 2022 02:27 PM (IST)Updated: Mon, 08 Aug 2022 02:51 PM (IST)
Chhari Mubarak Amarnath : पहलगाम से पवित्र गुफा के लिए रवाना हुई छड़ी मुबारक, 11 अगस्त को होगी संपन्न
साधु-संत "बम बम भोले" के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे।

श्रीनगर, जेएनएन : बाबा अमरनाथ यात्रा के लिए छड़ी मुबारक पहलगाम से पवित्र गुफा के लिए रवाना हो गई। आज सुबह पहलगाम में छड़ी मुबारक का पूजन किया गया। महंत दीपेंद्र गिरि ने भगवान शिव की पवित्र गदा, साधुओं के एक समूह के साथ कड़ी सुरक्षा के बीच यात्रा के अंतिम अनुष्ठान करने के लिए पवित्र गुफा की ओर प्रस्थान किया। पूजन के बाद पहलगाम से पवित्र गुफा की ओर छड़ी मुबारक के साथ रवाना हुए साधु-संत "बम बम भोले" के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे।

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आपको बता दें कि तीस जून से शुरू हुई बाबा अमरनाथ यात्रा 11 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन संपन्न होगी। अभी तक तीन लाख के करीब श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा के दर्शन कर लिए हैं। जम्मू से पांच अगस्त के बाद कोई जत्था रवाना नहीं किया गया। छड़ी मुबारक यात्रा के पारंपरिक रूट पहलगाम के जरिए पवित्र गुफा पहुंचेगी और ग्यारह अगस्त को रक्षा बंधन वाले दिन दर्शन करेगी। छड़ी मुबारक को बिजबिहाड़ा में शिवजी महाराज हरिशचंद्र मंदिर और श्री मार्तंड मंदिर ले जाया गया यहां पर विशेष पूजा की गई।

महंत दीपेंद्र गिरि महाराज ने कहा कि पिछले पांच साल से बिजबिहाड़ा में शिव जी महाराज हरिशचंद्र मंदिर में पूजा नहीं की गई थी। छड़ी मुबारक में साधु संत शामिल है जो बम बम भोले के जयकारे लगाते हुए शामिल हुए। उन्होंने कहा कि मैं पिछले तीस साल से सेवा कर रहा हूं और श्रद्धालुओं, जम्मू कश्मीर के लाेगों ने बहुत सहयोग दिया है। स्थानीय लोग श्रद्धालुओं का स्वागत करते आ रहे हैं।

वहीं बाबा अमरनाथ की यात्रा के लिए यात्री निवास भगवती नगर जम्मू से कोई जत्था पहलगाम या बालटाल के लिए रवाना नहीं हुआ। आज रविवार लगातार दूसरा दिन था जब यात्रा नहीं गई। श्रद्धालुओं की संख्या में भारी कमी आई है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कुछ दिन पहले कहा था कि पांच अगस्त के बाद यात्रा नहीं जाएगी क्योंकि मौसम विभाग के पूर्वानुमान अनुसार भारी बारिश हो सकती है। इसलिए श्रद्धालुओं को पांच अगस्त से पहले यात्रा कर लेनी चाहिए।

बाबा अमरनाथ की यात्रा तीस जून से शुरू हुई थी जो इस बार 43 दिन चलकर ग्यारह अगस्त रक्षा बंधन वाले दिन संपन्न होगी। यात्रा को इस बार प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ा। आठ जुलाई को पवित्र गुफा के नजदीक बादल फटने की घटना हुई जिसमें पंद्रह श्रद्धालुओं की मौत हो गई। इस बार यात्रा दो साल के बाद हुई। कोरोना से उपजे हालात के कारण दो साल तक यात्रा नहीं हो पाई। इस बार आठ लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद जताई जा रही थी इसलिए प्रशासन व श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड ने उसी हिसाब से प्रबंध किए थे।

जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर रामबन जिला के चंद्रकोट में यात्री निवास बनाया गया। इसका फायदा भी काफी हुआ। जब भी जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हुआ तो चंद्रकोट में श्रद्धालुओं को ठहराया गया। अब तक करीब तीन लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा के दर्शन किए है। यात्रा समाप्ति की तरफ है इसलिए लंगर वालों ने अपने लंगर समेटना शुरु कर दिए है। 


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