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पुलवामा हमले का एक साल, नहीं हो सके आरोपपत्र दायर; प्रमुख सूत्रधार भी जिंदा नहीं पकड़े जा सके

पठानकोट हमले में शामिल चारों आतंकी मारे गए थे और आरोपपत्र लगभग एक साल के बाद दायर किया। उसमें मसूद अजहर व उसके तीन अन्य साथियों को आरोपित बनाया है। वे सभी पाकिस्तान में हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 14 Feb 2020 12:17 PM (IST)Updated: Fri, 14 Feb 2020 12:17 PM (IST)
पुलवामा हमले का एक साल, नहीं हो सके आरोपपत्र दायर; प्रमुख सूत्रधार भी जिंदा नहीं पकड़े जा सके
पुलवामा हमले का एक साल, नहीं हो सके आरोपपत्र दायर; प्रमुख सूत्रधार भी जिंदा नहीं पकड़े जा सके

श्रीनगर, नवीन नवाज। देश को दहला देने वाले पुलवामा हमले को एक साल हो गया है पर आरोपपत्र अभी दायर नहीं किया जा सका है। साजिश को अंजाम देने वाले ज्यादातर सूत्रधार या तो ढेर हो चुके हैं या फिर पाकिस्तान में हैं। ऐसे में जिंदा सुबूत की अभी तलाश है। हालांकि जांच एजेंसियों के पास आत्मघाती हमलावर आदिल का वीडियो है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) मामले की जांच कर रही है।

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जांच से जुड़ी एजेंसियों के अनुसार फारेंसिक रिपोर्ट मिल चुकी है, लेकिन हमले में इस्तेमाल उच्च गुणवत्ता वाले विस्फोटक की सही प्रकृति और स्रोत का पता नहीं चल पाया है। हमले के अगले दिन हुई बारिश से कई अहम सुराग धुल गए थे। 14 फरवरी 2019 को श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर पुलवामा में जैश के आत्मघाती आतंकी आदिल अहमद डार ने सीआरपीएफ की बस पर विस्फोटकों से भरी कार के साथ टक्कर मारी थी और 40 जवान शहीद हो गए थे। हमलावर आदिल डार के भी परखच्चे उड़ गए थे।

90 दिन में आरोपपत्र दायर करना होता है : गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत जांच एजेंसी को 90 दिन के भीतर अदालत में आरोपपत्र दायर करना होता है। जांच से जुड़े अधिकारियों की मानें अगर आरोपित या संदिग्ध की मौत हो चुकी हो तो आरोपपत्र दायर करने की समय अवधि को बढ़ाया जा सकता है। पठानकोट एयरबेस का हवाला देते हुए संबंधित अधिकारी कहते हैं कि वह हमला भी जैश ने करवाया था। दोनों की साजिश पाक में ही रची गई। पठानकोट हमले में शामिल चारों आतंकी मारे गए थे और आरोपपत्र लगभग एक साल के बाद दायर किया। उसमें मसूद अजहर व उसके तीन अन्य साथियों को आरोपित बनाया है। वे सभी पाकिस्तान में हैं।

अंजाम तक पहुंचे मास्टरमाइंड: पुलवामा की साजिश को अंजाम देने वाला पाकिस्तानी आतंकी गाजी रशीद 18 फरवरी 2019 को मारा गया था। मुदस्सर अहमद खान मार्च 2019 और सज्जाद खान जून 2019 में मारा गया। मुदस्सर ने ही विस्फोटकों को बंदोबस्त किया था। हमले में इस्तेमाल कार सज्जाद की थी। यह कार चार फरवरी 2018 को खरीदी गई थी। मुदस्सर और सज्जाद पुलवामा के रहने वाले थे। आदिल भी पुलवामा के गुंडीबाग का रहने वाला था।

सभी आतंकी मारे जा चुके हैं: जांच से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, हमले को अमलीजामा पहनाने में लिप्त सभी प्रमुख आतंकी मारे जा चुके हैं। आरोपपत्र में सभी आरोपितों की भूमिका का विस्तार से जिक्र करना होता है। कुछ संदिग्धों को चिह्नित करते हुए उनकी भूमिका के आधार पर जल्द आरोपपत्र दायर करेंगे। साजिश में अजहर मसूद व पाकिस्तान में बैठे साथी भी शामिल थे। आरोप पत्र में पाकिस्तान की भूमिका का उल्लेख होगा।

कुछ कड़ियां जोड़ने  हैं: सूत्रों के अनुसार फोरेंसिक रिपोर्ट आ चुकी है। विस्फोटक कहां से कैसे आया? पैसा किस स्रोत से आया? अभी इन कड़ियों को जोड़ना है। पुलवामा हमले में पाक सेना और उसकी खुफिया एजेंसी आइएसआइ का हाथ है। अधिकारियों ने मुंबई हमले का जिक्र करते हुए कहा कि कसाब ङ्क्षजदा पकड़ा गया था। पुलवामा की साजिश में शामिल आतंकी ढेर हो चुके हैं। गत माह त्राल में मारा गया कारी यासिर मददगार साबित हो सकता था, लेकिन वह भी ङ्क्षजदा नहीं मिला।

आदिल के डीएनए की रिपोर्ट मिली 10 माह बादः पुलवामा हमले में शामिल आत्मघाती आतंकी आदिल अहमद डार के डीएनए नमूनों की जांच पूरी हो चुकी है। हमले में कार और उसमें सवार आदिल के परखचे उड़ गए थे। आदिल के मांस के लोथड़े को घटनास्थल के आस-पास बिजली के तार, पेड़ों की शाखाओं और कार के मलबे से जमा किया था। इनका आदिल के पिता और मां के डीएनए से मिलान किया गया। गत दिसंबर माह में ही अंतिम रिपोर्ट आई है और उसके मुताबिक आदिल डार की पुष्टि हो चुकी है।


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