Jammu : बन टोल प्लाजा आतंकी हमले में साजिशकर्ता पर आरोप तय, तीन आतंकी मारे गए थे जवाबी कार्रवाई में
जांच में खुलासा हुआ कि इस हमले की साजिश जैश-ए-मोहम्मद ने पाकिस्तान में रची थी और सुशील जावेद इस साजिश में शामिल था। जांच में सामने आया कि सुशील पाकिस्तान में जैश आतंकियों के साथ मिलकर कश्मीर में हिंसा फैलाने के लिए यह घुसपैठ करवा रहा था।
जम्मू, जेएनएफ : बन टोल प्लाजा में 31 जनवरी 2020 को हुए आतंकी हमले में एनआइए कोर्ट ने बडगाम निवासी सुशील जावेद उर्फ सुशील लोन पर आरोप तय कर दिए है। इस आतंकी हमले में सुरक्षाबलों ने जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकियों को मार गिराया था जबकि कांस्टेबल बूम राज मुठभेड़ में घायल हो गया था।
एनआइए केस के मुताबिक 31 जनवरी की सुबह साढ़े पांच बजे नगरोटा पुलिस स्टेशन के एएसआई राजेंद्र सिंह बन टोल प्लाजा में ड्यूटी पर तैनात थे जब उन्होंने चेकिंग के दौरान जम्मू से श्रीनगर जा रहे एक ट्रक को रोका। जैसे ही ट्रक की जांच शुरू की गई, उसमें सवार आतंकियों ने गोलियां बरसाना शुरू कर दी जिसमें कांस्टेबल बूम राम घायल हो गया। एएसआई ने इसकी सूचना नगरोटा पुलिस स्टेशन में दी और पुलिस ने अन्य सुरक्षाबलों के साथ मिलकर तीन आतंकियों को मार गिराया। नगरोटा पुलिस ने इस मामले में एफआइआर दर्ज की और बाद में केंद्र सरकार ने मामले की जांच एनआइए को सौंप दी। एनआइए ने दस फरवरी 2020 को एफआइआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू की।
जांच में खुलासा हुआ कि इस हमले की साजिश जैश-ए-मोहम्मद ने पाकिस्तान में रची थी और सुशील जावेद इस साजिश में शामिल था। जांच में सामने आया कि सुशील पाकिस्तान में जैश आतंकियों के साथ मिलकर कश्मीर में हिंसा फैलाने के लिए यह घुसपैठ करवा रहा था। सुशील अंबाला में कोचिंग लेता था और वह पाकिस्तान में अातंकी सरगनाओं व घुसपैठ कर आने वाले आतंकियों के बीच सेतु का काम करता था।
उसके दोनों तरफ संपर्क थे और वह पाकिस्तान से आने वाले आतंकियों को कश्मीर तक पहुंचाने का बंदोबस्त करता था। इस बार भी सुशील ने जैश सदस्य समीर अहमद डार, अहमद मलिक व सरताज अहमद के साथ मिलकर तीन पाकिस्तानी आतंकियों को सांबा से कश्मीर पहुंचाने का जिम्मा लिया लेकिन बन टोल प्लाजा पर चेकिंग के दाैरान पकड़े गए। सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में तीनों आतंकियों काे मार गिराया और समीर अहमद डार, अहमद मलिक व सरताज अहमद को सुशील के साथ मिलकर यह साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया।