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जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में नया बदलाव यहां के लोगों के लिए नया द्वार खोलेगाः राज्यपाल सत्यपाल मलिक

शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम से राज्य के लोगों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने यह यकीन दिलाया कि केंद्र शासित प्रदेश घोषित होने पर उनके अधिकारों का कहीं हनन नहीं हो रहा है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 15 Aug 2019 11:13 AM (IST)Updated: Thu, 15 Aug 2019 11:26 AM (IST)
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में नया बदलाव यहां के लोगों के लिए नया द्वार खोलेगाः राज्यपाल सत्यपाल मलिक
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में नया बदलाव यहां के लोगों के लिए नया द्वार खोलेगाः राज्यपाल सत्यपाल मलिक

श्रीनगर/जम्मू, जेएनएन। श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राज्यपाल के तौर पर अंतिम बार राष्ट्रध्वज फहराया। यहां उनके साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल भी मौजूद रहे। आजादी के 72 सालों में कश्मीर वासियों ने आज नए माहौल में स्वतंत्रता दिवस मनाया। जम्मू कश्मीर के विशेषाधिकार समाप्त कर उसे दो केंद्र शासित राज्यों में विभाजित किया गया है। जम्मू-कश्मीर व लद्दाख 31 अक्टूबर को अलग केंद्र शासित राज्य बन जाएंगे। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राष्ट्रीय गान के साथ स्टेडियम में ध्वजारोहण करने के उपरांत राज्य पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और सेना के बहादुर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज इन्हीं जांबाज जवानों ने देश की क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।

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शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम से राज्य के लोगों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने यह यकीन दिलाया कि केंद्र शासित प्रदेश घोषित होने पर उनके अधिकारों का कहीं हनन नहीं हो रहा है। बल्कि सच तो यह है कि इससे आर्थिक विकास और समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा, सुशासन, आत्मनिर्भरता बढ़ेगी, नौकरी के रास्ते खुलेंगे और देश के बाकी हिस्सों के साथ जम्मू-कश्मीर के लोगों में एकता की भावना आएगी। उन्होंने कहा कि इस अवसर को पारंपरिक संस्कृतियों, मूल्यों और भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। कश्मीरी, डोगरी, गोजरी, पहाड़ी, बालटी, शीना सहित अन्य भाषाएं नए सेटअप में कामयाब होंगी। राज्य में सभी जनजातियों और जातियों को राजनीतिक प्रतिनिधित्व मिलेगा। उन्होंने जम्मू और कश्मीर के लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनकी पहचान के साथ छेड़छाड़ नहीं की गई है क्योंकि भारतीय संविधान सभी क्षेत्रीय पहचानों को खतरे में डालने की इजाजत नहीं देता है।

राज्यपाल ने कहा कि लद्दाख के केंद्र शासित बन जाने से वहां के लोगों की लंबित मांग पूरी हो गई है। उनके प्रशासन ने इस साल के शुरू में लद्दाख को अलग डिवीजन बनाया था और 495 पदों को सृजित किया था। लद्दाख क्षेत्र के लिए अलग यूनिवसिर्टी स्थापित की गई और वाइस चांसलर की नियुक्ति हुई। लेह में कुशाक बकूला, रिमपोचे एयरपोर्ट टर्मिनल इमारत का नींव पत्थर रखा गया। कारगिल में भी व्यवसायिक हवाई अड्डा बनाया जा रहा है।

राज्यपाल ने कहा कि सरकार ने बैक टू विलेज कार्यक्रम के जरिये लोगों की समस्याओं को सुना और इस दौरान 4.5 हजार से अधिकारियों ने पंचायतों का दौरा कर लोगों के मसलों को सुना और समाधान करने के प्रयास किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 28 जुलाई को मन की बात में इसका जिक्र किया था।

सरकार की बड़ी उपलब्धि यह रही कि जमीनी सतह पर लोकतंत्र मजबूत किया गया। लंबे अर्से के बाद पिछले वर्ष अक्टूबर में निकाय चुनाव हुए और उसके बाद नवंबर दिसंबर में पंचायत चुनाव करवाए गए। मुख्य धारा की कुछ पार्टियों और हुरिर्यत के बहिष्कार और आतंकवादियों की धमिकयों के बावजूद 74 प्रतिशत लोगों ने वोट डाले। जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ। पंचायतों के दूसरे टियर के तहत ब्लाक डेवलपमेंट काउंसिल के चुनाव जल्द होंगे। मैं आह्वान करता हूं कि सभी सरंपच व पंच इसमें बढ़-चढ़कर भाग लें। युवाओं के लिए बेहतर भविष्य है और प्रतिभाशाली युवाओं को आगे आकर जम्मू-कश्मीर को खुशहाली और विकास के मार्ग पर आगे ले जाना चाहिए।

आतंकवाद से निपटने के लिए हमारी नीति बिलकुल स्पष्ट है। जो आतंकवादी सीमा पार से अपने आकांओं के कहने पर सुरक्षाबलों पर हमले करते हैं, उन्हें कड़ा सबक सिखाया जा रहा है और वह हार चुके हैं। आतंकवादी घटनाओं में कमी आई है और आतंकवादियों की नई भर्ती कम हुई है। शुक्रवार को ईद के बाद पत्थरबाजी की घटनाएं होती थी, वो बंद हो चुकी हैं। भटके हुए युवा मुख्यधारा में लौट रहे हैं। सीमा पार से घुसपैठ पर अंकुश लगाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। नियंत्रण रेखा पर रहने वाले लोगों की तर्ज पर अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर रहने वाले लोगों को आरक्षण का लाभ दिया गया है।

कश्मीरियों के बिना अधूरा है कश्मीर। हमारी वचनबद्धता है कि कश्मीरी पंडितों की सम्मानजनक घाटी वापसी हो। छह हजार में से शेष बचे तीन हजार पदों को भरने और कश्मीरी विस्थापित कर्मचारियों के लिए आवासीय सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए काम हो रहा है। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए एंटी करप्शन ब्यूरो का गठन किया गया है। बाबा अमरनाथ की यात्रा सुचारू रूप से चली और तीन लाख से अधिक लोगों ने दर्शन किए। यात्रा को सफल बनाने के लिए कश्मीर के लोगों का धन्यवाद करते है। जम्मू आैर श्रीनगर में लाइट रेल ट्राजिट सिस्टम के लिए कारीडोर के प्रोजेक्ट अंंतिम चरण में है। इससे दोनों शहरों में ट्रैफिक व्यवस्था ठीक हो जाएगी। राज्यपाल ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में दो एम्स और पांच नए मेडिकल कालेजों का जिक्र किया।

एमबीबीएस की सीटें पांच सौ से बढ़ाकर नौ सौ कर दी गई। शिक्षा के क्षेत्र में कालेजों की संख्या 98 से बढ़ाकर 200 कर दी गई। 240 हाई आैर हायर सेकेंडरी स्कूल खोले गए। जम्मू-कश्मीर पुलिस का हार्डशिप भत्ता, राशन मनी भत्ता बढ़ाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में भी सरकार ने काफी काम किया है और अक्टूबर में निवेशक सम्मेलन होने जा रहा है। सरकार कर्मचारियों की जायज मांगों को पूरा करने के लिए बचनबद्ध है।

वह जम्मू-कश्मीर का बेहतर भविष्य देख रहे हैं जिसमें जम्मू और श्रीनगर शहर ग्लोबल मेट्रो पॉलिटन शहर बनेंगे। जिसमें अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे होंगे। पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। जम्मू-कश्मीर में बड़े उद्योग स्थापित होंगे। राज्य मेडिकल क्षेत्र का केंद्र बनेगा। अब महिलाओं के साथ कोई भेदभाव नहीं होगा। रिफ्यूजियों और सफाई कर्मचारियों को लोकतांत्रिक प्रतिनिधित्व मिलेगा। केंद्रीय कानून और योजनाएं जम्मू-कश्मीर के लोगों तक पहुंचेंगी।

स्वतंत्रता दिवस के इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ, सेना के जवानों ने मार्च पास्ट में भाग लिया। राज्यपाल ने परेड का निरीक्षण किया। इसके अलावा विभिन्न स्कूलों, कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी के कलाकारों के अलावा सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों ने भी रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए। राज्य के तीनों क्षेत्रों की संस्कृति को दर्शाते नृत्य और गीत संगीत पेश कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।


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