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विस्थापन के संघर्ष से मिली सेवा की प्रेरणा

जागरण संवाददाता जम्मू दुनिया में काफी लोग अपने लिए ही जीते हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे होते

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 06:55 AM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 06:55 AM (IST)
विस्थापन के संघर्ष से मिली सेवा की प्रेरणा
विस्थापन के संघर्ष से मिली सेवा की प्रेरणा

जागरण संवाददाता, जम्मू : दुनिया में काफी लोग अपने लिए ही जीते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जो दूसरों की मदद के लिए हमेशा आगे रहते हैं। ऐसे सेवाभाव में कई महिलाएं भी अग्रणी भूमिका निभाती हैं। इन्हीं में से एक हैं समाज सेविका अनीता चांदपुरी। उन्होंने अपने संघर्ष के बाद संकल्प लिया कि वह जीवन में ऐसे जरूरतमंदों की मदद करती रहेंगी, जिनका कोई सहारा नहीं है। पिछले छह वर्ष में उन्होंने गरीब महिलाओं के उत्थान के लिए कई कार्य किए हैं। बेसहारा बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा उठाया हुआ है। बेसहारा लोगों, झुग्गी-झोपड़ी के बच्चों की निशुल्क स्वास्थ्य जांच, उनकी पढ़ाई के लिए किताब-कॉपी की व्यवस्था करती हैं।

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दैनिक जागरण से बातचीत में चांदपुरी ने बताया कि जब वह छोटी ही थी तो अनंतनाग स्थित अपना घर छोड़ कर विस्थापित होना पड़ा। विस्थापन के बाद जम्मू आकर पढ़ाई पूरी की। उन्होंने यहां भी काफी संघर्ष करना पड़ा। संघर्ष से ही यही प्रेरणा मिली कि वह जीवन में जितना हो सके लोगों की मदद करेंगी ताकि उन्हें अपना लक्ष्य प्राप्त हो सके। इसके लिए लगातार समाज सेवा में जुटी हुई हैं। इस समय समूह थियेटर महिला विग की अध्यक्ष हैं। पिछले छह वर्ष से पुरखु में 70 बच्चों को निशुल्क पढ़ा रही हैं। इसके अलावा राजौरी, रामबन, आरएसपुरा, मिश्रीवाला आदि क्षेत्रों में शिविर लगा चुकी हैं। महिलाओं के उत्थान के लिए वोकेशनल कोर्स करवाती रहती हैं। कटिग टेलरिग, मेकअप, कुकिग आदि प्रशिक्षण करवाती रहती हैं ताकि महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें। खासकर विधवा महिलाओं के लिए विशेष कार्यक्रम करवाती हैं ताकि उन्हें किसी पर निर्भर न रहना पडे़। शादी के लिए भी करती हैं मदद

अनीता चांदपुरी कहती हैं उन्होंने कुछ ऐसी लड़कियों की शादियां भी करवाई हैं, जिनकी शादी का खर्च कर पाना उनके परिवार के लिए मुश्किल था। इस सेवा कार्य में कई और लोग भी मदद करते रहते हैं। खासकर समूह थियेटर के कलाकारों डॉ. सुधर महाजन का पूरा सहयोग रहता है। इसके चलते बडे़-बडे़ कार्यक्रमों का आयोजन संभव हो पाता है। चांदपुरी का विश्वास ही है जिसके दम पर वह लगातार समाज सेवा के कार्यो में जुटी रहती हैं। अपना स्वास्थ्य खराब होते हुए भी वह दिन रात दूसरों की मदद के लिए तैयार रहती हैं। सामाजिक कार्यो के अलावा सांस्कृतिक एवं साहित्यिक कार्यो में भी बढ़-चढ़ कर भाग लेती हैं। चांदपुरी कॉलेज के समय से ही एनएसएस जैसे संगठनों में भी सक्रिय रही हैं।


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