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भारत-पाक सीमा पर इस बार नहीं लगेगा चमलियाल मेला

संवाद सहयोगी, रामगढ़ : भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सांबा जिले के रामगढ़ सेक्टर में 28 जून क

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Jun 2018 01:02 AM (IST)Updated: Fri, 22 Jun 2018 01:02 AM (IST)
भारत-पाक सीमा पर इस बार नहीं लगेगा चमलियाल मेला
भारत-पाक सीमा पर इस बार नहीं लगेगा चमलियाल मेला

संवाद सहयोगी, रामगढ़ : भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सांबा जिले के रामगढ़ सेक्टर में 28 जून को आयोजित होने वाले वार्षिक बाबा चमलियाल मेले को जिला प्रशासन ने सुरक्षा कारणों के चलते स्थगित कर दिया है। इस फैसले से पिछले 70 वर्षो से चली आ रही परंपरा टूट गई है।

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रामगढ़ सेक्टर में 13 जून को जीरो लाइन पर चमलियाल में पाक रेंजरों की ओर से की गई भारी गोलाबारी में बीएसएफ के असिस्टेंट कमांडेंट समेत चार सीमा प्रहरी शहीद व तीन जवान घायल हो गए थे। इस गोलाबारी के बाद से ही सीमा पर जबरदस्त तनाव बना हुआ है।

सीमा पर मौजूदा हालात व तमाम पहलुओं पर गौर करने के लिए वीरवार को जिला आयुक्त (डीसी) सांबा आरएस तारा की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें मेले को स्थगित करने का निर्णय लिया गया। प्रशासन के इस फैसले का दरगाह प्रबंधन के साथ पंचायत दग-छन्नी के लोगों ने भी समर्थन किया है, लेकिन मेला स्थगित होने से लाखों श्रद्धालुओं की आस्था को आघात पहुंचना स्वाभाविक है। सीनियर सुप¨रटेंडेंट ऑफ पुलिस (एसएसपी) सांबा अनिल मंगोत्रा ने कहा कि भारत-पाक सीमा पर बने हालात के मेले पर बुरा असर पड़ने के पूरे आसार थे। उन्होंने मेला स्थगित करने पर खेद जताते हुए कहा कि प्रशासन के इस फैसले को श्रद्धालु अपनी आस्था के विरूद्ध न समझें। पाक की हरकत का खमियाजा भुगतेंगे दोनों देशों के लोग :

हर साल भारत-पाक सीमा के दोनों तरह बाबा चमलियाल की मजार पर मेला लगता रहा है। रामगढ़ सेक्टर के चमलियाल और सीमा पार सैदावाली में लाखों श्रद्धालु जुटते थे। सीमा पार यह मेला सात दिन चलता है। वीरवार को सैदावाली स्थित बाबा की मजार पर किसी किस्म की रौनक व चहल-पहल नहीं दिखी। हर साल जीरो लाइन पर पाक रेंजर्स और बीएसएफ के अधिकारियों की बैठक होती है। पाक रेंजर्स दरगाह में चढ़ाने के लिए चादर देते हैं और बीएसफ की ओर से शक्कर (मिट्टी) व शरबत (पानी) प्रसाद के रूप में उन्हें दिया जाता रहा है, लेकिन इस बार पाक की हरकत के बाद मेला न लगने का खमियाजा दोनों देशों के लोगों को भुगतना पड़ेगा।


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