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Jammu Kashmir: कश्मीर में सुरक्षाबलों की चुनौती शुरू, हाई अलर्ट पर रहकर चुनाव को सुरक्षित बनाने की तैयारी

पहले चरण के मतदान से पहले शुक्रवार को श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल खुफिया एजेंसियों व सेना की 15वीं कोर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चुनाव को कामयाब बनाने के सिक्योरिटी प्लान पर चर्चा की थी।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 10:52 AM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 10:57 AM (IST)
Jammu Kashmir: कश्मीर में सुरक्षाबलों की चुनौती शुरू, हाई अलर्ट पर रहकर चुनाव को सुरक्षित बनाने की तैयारी
केंद्र सरकार से अतिरिक्त सुरक्षा कंपनियों को भी बुलाने का आग्रह किया जा सकता है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: जिला विकास परिषद चुनाव के पहले चरण का मतदान शुरू होने के साथ ही कश्मीर में सुरक्षा बलों के लिए जिला परिषद चुनाव को सुरक्षित रूप से करवाने की बड़ी चुनौती शुरू हो गई। आठ चरणों में यह चुनाव 19 दिसंबर तक चलेंगे व 22 दिसंबर को चुनाव के परिणाम आएंगे। ऐसे में पूरा दिसंबर महीना सेना सुरक्षा बल कश्मीर में हाई अलर्ट पर रहकर आतंकवादियों के चुनाव में खलल डालने की साजिश को नाकाम बनाएंगे।

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पाकिस्तान की ओर से चुनाव में बाधा डालने की पूरी कोशिशें की जाएंगी। नगरोटा में चार आतंकवादियों के मारे जाने के बाद उनसे मिल हथियारे के जखीरे व उसके बाद 26 नवंबर को श्रीनगर के बाहरी इलाके में सेना की क्विक रिएक्शन टीम पर हमले ने इसके स्पष्ट संकेत दे दिए थे।

ऐसे हालात में सेना सुरक्षाबलों आतंकवाद पर बेहतर समन्वय से कड़े प्रहार कर चुनाव को कामयाब बनाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। पहले चरण के मतदान से पहले शुक्रवार को श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल खुफिया एजेंसियों व सेना की 15वीं कोर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चुनाव को कामयाब बनाने के सिक्योरिटी प्लान पर चर्चा की थी।

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बल इस समय दोहरी चुनौती का सामना कर रहे हैं एक और यहां आतंकवादी चुनाव में खलल डालने की कोशिश कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर नियंत्रण रेखा से पाकिस्तान की ओर से उन पर गोलाबारी की जा रही है। ऐसे हालात में पिछले दो दिनों में सेना के पांच जवान शहीद हो चुके हैं।

ऐसे पुख्ता सूचनाएं मिली हैं कि चुनाव के चलते पाकिस्तान की ओर से जम्मू कश्मीर में देश विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने की पूरी कोशिश होगी। इस दौरान ग्रेनेड दागने व उम्मीदवारों को निशाना बनाने के प्रयास भी हाे सकते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए सहना सुरक्षाबलों ने कड़ी सतर्कता से दुश्मन को नाकाम बनाने की तैयारी की है। इस समय कश्मीर में पहले से तैनात सेना सुरक्षा बलों के साथ सुरक्षा बलों की 165 अतिरिक्त कंपनियों को बुलाया गया है।

ये कंपनियां एक चरण का चुनाव होने के बाद उन इलाकों में चला जाएंगी यहां दूसरे चरण का चुनाव होना है। अगर जरूरत महसूस हुई तो केंद्र सरकार से अतिरिक्त सुरक्षा कंपनियों को भी बुलाने का आग्रह किया जा सकता है। 


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