एमए स्टेडियम को क्रिकेट तक सीमित रखने को चुनौती
-कहा- अन्य खेलों से जुड़े खिलाड़ी खेल ढांचे से हो जाएंगे वंचित -चीफ जस्टिस ने याचिका को जनहित के रूप में स्वीकार किया
जेएनएफ, जम्मू: पूर्व रणजी खिलाड़ी व जम्मू-कश्मीर उच्च शिक्षा विभाग से फिजिकल डायरेक्टर पद से सेवानिवृत्त हुए प्रो. आशुतोष शर्मा ने मौलाना आजाद स्टेडियम को केवल क्रिकेट तक सीमित रखने के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। राज्य की चीफ जस्टिस गीता मित्तल ने इसे एक जनहित याचिका के रूप में स्वीकार करते हुए रजिस्ट्री को केस लिस्ट करने का निर्देश दिया है।
प्रो. आशुतोष शर्मा ने अपनी याचिका में अपील की है कि जेएंडके स्पोर्ट्स काउंसिल तथा युवा सेवा एवं खेल विभाग को निर्देश दिया जाए कि एमए स्टेडियम को क्रिकेट तक सीमित न रखते हुए यहां सभी खेल गतिविधियों को जारी रखा जाए। याचिका में कहा गया है कि जब क्रिकेट सीजन हो तो इसे क्रिकेट के लिए इस्तेमाल किया जाए और क्रिकेट न होने की सूरत में इसे एथलीट, फुटबाल, हॉकी, कबड्डी, खो-खो व उन अन्य खेलों के लिए खोला जाए जो इस स्टेडियम के बनने के बाद से ही यहां हो रहे हैं।
याचिका में आगे कहा गया कि एमए स्टेडियम करीब छह दशक पूर्व बनाया गया था। इसका उद्देश्य क्रिकेट समेत अन्य खेलों को बढ़ावा देना था। जम्मू शहर का यह एकमात्र स्टेडियम है, जहां विभिन्न खेलों से जुड़े हजारों खिलाड़ी आते हैं। याची की ओर से पेश हुए एडवोकेट शेख शकील ने कहा कि राज्य सरकार ने एमए स्टेडियम को अंतरराष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट मैचों के लिए तैयार करने का फैसला लिया, लेकिन दूसरे खेलों के लिए ढांचा तैयार करने से पूर्व ही यहां पर प्रतिबंध लगा दिए गए। ऐसे में पूरी आशंका है कि आने वाले दिनों में अन्य खेलों से जुड़े खिलाड़ी खेल ढांचे से वंचित हो जाएंगे। स्टेडियम को अपग्रेड करने पर करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं और जो एजेंसियां इस काम में लगी है, वह साफ तौर पर कहती हैं कि इसके तैयार होने पर यहां किसी अन्य खेल की अनुमति नहीं होगी।
एडवोकेट शेख शकील ने दलील दी कहा कि एमए स्टेडियम शहर के बीचोबीच स्थित है, जहां ट्रैफिक का काफी दबाव है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के लिए पर्याप्त पार्किंग व अन्य संसाधनों की आवश्यकता रहती है। सरकार यहां पर घरेलू क्रिकेट मैच तो आयोजित कर सकती है लेकिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच संभव नहीं। उन्होंने कहा कि याची ने आठ अप्रैल 2019 को जेएंडके स्पोर्ट्स काउंसिल के अध्यक्ष, युवा सेवा एवं खेल विभाग के आयुक्त सचिव व राज्यपाल के सलाहकार को कानूनी नोटिस जारी कर मांग की कि जब तक अन्य खेलों के लिए जम्मू में पर्याप्त ढांचा तैयार नहीं हो जाता, एमए स्टेडियम को इन खेलों के लिए बंद न किया जाए। इस नोटिस का कोई जवाब नहीं आया। ऐसे में विवश होकर याची को कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा।