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Fraud Case: ज्यादा ब्याज के नाम पर करोड़ों की ठगी कर दो-दो अखबार और शराब की दुकान चलाता था सुरजीत सिंह

क्राइम ब्रांच का आरोप है कि आरोपित इन्हीं पैसों का इस्तेमाल कर अपने दो समाचार पत्र दैनिक स्टेट संगम और मिलन टाइम्स भी प्रकाशित करता था। इसके अलावा आरोपित ने एक्साइज विभाग से शराब की दुकान का लाइसेंस भी ले रखा था।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Thu, 08 Apr 2021 05:07 PM (IST)Updated: Thu, 08 Apr 2021 05:07 PM (IST)
Fraud Case: ज्यादा ब्याज के नाम पर करोड़ों की ठगी कर दो-दो अखबार और शराब की दुकान चलाता था सुरजीत सिंह
क्राइम ब्रांच जम्मू ने लोगों के करोड़ों रुपये हड़पने के आरोपित दंपती के खिलाफ चालान पेश किया है।

जम्मू, जागरण संवाददाता : क्राइम ब्रांच जम्मू ने लोगों के करोड़ों रुपये हड़पने के आरोपित दंपती के खिलाफ चालान पेश किया है। आरोपित गाटेला गजनसू के रहने वाले सुरजीत सिंह रूरल डेवलपमेंट मल्टीपर्पज कॉआरपेटिव लिमिटेड का चेयरमैन और एमडी था। इस घोटाले में उसकी पत्नी ज्योति देवी को भी आरोपित पाया गया है। क्राइम ब्रांच के अनुसार आरोपितों ने कॉआपरेटिव के नाम पर विभिन्न इलाकों के ग्रामीण लोगों से करोड़ों रुपये ठगा है। उसने लोगों को ज्यादा ब्याज देने का लालच देकर उनका पैसा जमा किया, लेकिन बाद में पैसों का भुगतान ही नहीं किया। इन पैसों को आरोपित अपने एशोआराम पर खर्च करते रहे।

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क्राइम ब्रांच के अनुसार कंपनी के खिलाफ विभिन्न लोगों ने शिकायत दर्ज करवाई, जिसमेें अब तक तीन करोड़ रुपयों की ठगी की बात सामने आ रही है। जांच में यह भी पता चला कि इस कॉआपरेटिव की 72 जगहों पर शाखाएं चल रही थी। सभी अवैध तरीके से चल रही थीं। क्राइम ब्रांच का आरोप है कि आरोपित इन्हीं पैसों का इस्तेमाल कर अपने दो समाचार पत्र दैनिक स्टेट संगम और मिलन टाइम्स भी प्रकाशित करता था। इसके अलावा आरोपित ने एक्साइज विभाग से शराब की दुकान का लाइसेंस भी ले रखा था। आरोपित ने जिला रियासी और ऊधमपुर के काफी लोगों को ठगा है।

आरोपितों के खिलाफ निवेशकों ने शिकायत दर्ज करवाई, जिसमें उन्होंने बताया कि कॉआरपेटिव विभाग के साथ पंजीकृत इस क्रेडिट सोसायटी का कार्यालय मढ़ जम्मू के अलावा ऊधमपुर के चबूतरा, जगानू मोड़, सत्तानी, बैरन और गढ़ी में भी थे। आरोपित ने अपने कर्मियों को लोगों से पैसे जमा करवाने का टारगेट दे रखा था। जमा राशि को आरोपित चेयरमैन सुरजीत सिंह अपने साथ ले जाता था। जांच मेें क्राइम ब्रांच ने पाया कि कंपनी आरबीआइ नियमों को दरकिनार करते हुए लोगों का पैसा जमा कर रही थी और इसी तरह से लोगों का करोड़ों रुपये हड़प लिया।


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