J&K Bank Loan Scam : पूर्व मंत्री के बेटे के खिलाफ चालान
सीबीआइ ने हिलाल राथर के अलावा जम्मू-कश्मीर बैंक के तत्कालीन कलस्टर हैड अरूण कुमार व जम्मू यूनिवर्सिटी शाखा के तत्कालीन ब्रांच हैड इकबाल सिंह के खिलाफ चालान पेश किया है।
जम्मू, जेएनएफ । जम्मू-कश्मीर बैंक से 177 करोड़ रुपये का ऋण लेकर न लौटाने के आरोपित जम्मू-कश्मीर के पूर्व वित्त मंत्री अब्दुल रहीम राथर के बेटे हिलाल राथर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के दस दिनों के भीतर सीबीआइ ने शनिवार को इस केस का पहला चालान पेश कर दिया। सीबीआइ ने हिलाल राथर के अलावा जम्मू-कश्मीर बैंक के तत्कालीन कलस्टर हैड अरूण कुमार व जम्मू यूनिवर्सिटी शाखा के तत्कालीन ब्रांच हैड इकबाल सिंह के खिलाफ चालान पेश किया है। सीबीआइ ने अपने चालान में कहा है कि हिलाल राथर ने जम्मू-कश्मीर बैंक से लिए 177 करोड़ रुपये कहां खर्च व निवेश किए और इस पूरे मामले में और कौन-कौन शामिल है, इन सभी पहलुओं की जांच जारी है और जल्द ही इस मामले में अलग से चालान पेश किया जाएगा।
इस मामले में एंटी क्रप्शन ब्यूरो जम्मू-कश्मीर ने 16 जनवरी 2020 को हिलाल राथर को गिरफ्तार किया था। इस मामले में चूंकि हिलाल राथर ने विदेशों में निवेश कर रखा है और इस केस की जांच के कई पहलू विदेश से जुड़े हैं, लिहाजा सरकार ने इस केस की जांच सीबीआइ को सौंपने का फैसला लिया था। केस सौंपे जाने के बाद सीबीआइ ने पांच मार्च को केस दर्ज करते हुए जांच अपने हाथ में ली थी।
सीबीआई चालान के मुताबिक हिलाल ने वर्ष 2012 में जम्मू-कश्मीर बैंक से 177 करोड़ रुपये का ऋण लिया था लेकिन यह पैसा नहीं लौटाया। यह ऋण भी बैंक नियमों का उल्लंघन करके जारी हुआ था। हिलाल राथर ने जम्मू के नरवाल बाला में पैराडाइज एवन्यू टाउनशिप बनाने के लिए यह ऋण लिया था। राथर ने पैराडाइज एवन्यू के नाम से एक पार्टनरशिप फर्म बनाई। इसमें सनंत नगर श्रीनगर के डॉ. रिजवान रहीम डार, बारामूला निवासी गुलाम मोहम्मद भट्ट, तथा जम्मू निवासी दलजीत वडेरा व दीपशिखा जम्वाल हिलाल राथर के पार्टनर बने। जम्मू-कश्मीर बैंक के नियमानुसार एक पार्टनरशिप फर्म को चालीस करोड़ रुपये से अधिक ऋण मंजूर नहीं हो सकता था लेकिन बैंक के तत्कालीन बोर्ड आफ डायरेक्टर्स ने पहले चरण में ही इस फर्म के लिए 74.27 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया।
हिलाल राथर इससे पहले स्टेट फाइनेंशियल कारपोरेशन से भी ऋण ले चुका था और न चुकाए जाने पर कारपोरेशन ने वन टाइम सेटलमेंट के तहत पैसे वसूल किए थे। इसकी जानकारी होने के बावजूद बैंक के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स ने 74.27 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया। इस ऋण की किश्त अदा न किए जाने पर भी बोर्ड ने बाद में हिलाल राथर की फर्म को 100 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण दिया और 177 करोड़ रुपये का ऋण एनपीए हो गया। जम्मू-कश्मीर बैंक की न्यू यूनिवर्सिटी कैंपस शाखा से यह ऋण मंजूर किया गया। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि हिलाल राथर ने जेके बैंक से जो पैसा लिया, उसका फ्लैट बनाने की बजाय अपने सैर-सपाटे व कई टीवी शो को स्पांसर करने में इस्तेमाल किया। हिलाल ने मैसर्स सिमुला साफ्टवेयर सोल्यूशंस के नाम से अपनी एक कंपनी खोल रखी थी और तीन बार वह सिमुला की टीम को टी-20 क्रिकेट टूर्नामेंट खेलने के लिए दुबई के शारजाह ले गए। इसके अलावा हिलाल ने विदेशों में कई संपत्तियां भी खरीदी। सीबीआई ने कहा कि इन सभी पहलुओं की जांच जारी है और बहुत जल्द इस पर अलग से चालान पेश किया जाएगा।