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Jammu: ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल से दिनभर लोग रहे परेशान, शाम को हड़ताल स्थगित होने से मिली राहत

ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल को मद्देनजर रखते हुए स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन ने यात्रियों की सुविधा के लिए शहर के विभिन्न रूट सहित अंतर जिला रूट पर अपनी बस सेवा शुरू की है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 12 Jun 2019 11:23 AM (IST)Updated: Wed, 12 Jun 2019 06:30 PM (IST)
Jammu: ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल से दिनभर लोग रहे परेशान, शाम को हड़ताल स्थगित होने से मिली राहत
Jammu: ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल से दिनभर लोग रहे परेशान, शाम को हड़ताल स्थगित होने से मिली राहत

जम्मू, जागरण संवाददाता। कमर्शियल वाहनाें में जीपीएस और पैनिक बटन लगाए जाने के विरोध में ट्रांसपोर्टरों की एक दिवसीय टोकन हड़ताल के कारण आज राज्य के प्रवेश द्वार लखनपुर से लेकर लद्दाख तक 75 हजार कमर्शियल वाहनों के चक्के जाम रहे। ट्रांसपोर्टरों की इस हड़ताल ने आम लोगों के जनजीवन को प्रभावित किया। देश के कोने-कोने से जम्मू पहुंचे यात्रियों को यात्री वाहन न चलने के कारण पैदल यात्रा करनी पड़ी। इससे पहले की ट्रांसपोर्टर हड़ताल की अवधि बढ़ाकर लोगों की दिक्कतों को और बढ़ाते सरकार से उन्हें बातचीत का न्यौता मिल गया। ट्रांसपोर्टरों ने इस न्यौते के बाद शाम को हड़ताल स्थगित करने की घोषणा करते हुए वीरवार को श्रीनगर में होने वाली बैठक के बाद ही अगली रणनीति तय करने की घोषणा की। हालांकि ट्रांसपाेर्टरों ने सरकार को यह पहले ही साफ कर दिया है कि जीपीएस और पैनिक बटाने लगाने के विरोध में नहीं हैं लेकिन इससे पहले सरकार की ओर से कंट्रोल रूम बनाया जाना चाहिए और तब तक 20 मई से बंद कमर्शियल वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट जारी कर देना चाहिए।

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ऑल जेएंडके ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन स. टीएस वजीर के नेतृत्व में ट्रांसपोर्टरों ने सरकार के खिलाफ रैली निकाली। ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि आरटीओ द्वारा कमर्शियल वाहनों की फिटनेस सर्टिफिकेट को जारी करने की अनुमति मिलनी चाहिए ताकि पिछले एक महीने से बिन फिटनेस की खड़े वाहन मालिकों को नुकसान कम हो सके। ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल के कारण ट्रक, ऑयल टैंकर, बस, मिनी बस, टैक्सी यूनियन सहित ऑटो रिक्शा सड़कों पर नहीं दौड़े।

जम्मू के रेलवे स्टेशन से माता वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को कटड़ा पहुंचाने के लिए एसआरटीसी की पहले से ही इलेक्ट्रिक बस सेवा जारी है जबकि प्राइवेट बस आपरेटरों के चक्के जाम होने के कारण कारपोरेशन की ओर से अतिरिक्त सेमी डीलक्स और डीलक्स बस सेवा शुरू की गई है। रेलवे स्टेशन से मंदिरों के शहर में घूमने आने वाले पर्यटकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। उन्हें मजबूरन अपना सामान लेकर पैदल ही अपने गंतव्यों की ओर जाना पड़ा जबकि रोजमर्रा काम के सिलसिले में जाने वाले लोग लिफ्ट के सहारे अपने-अपने गंतव्यों तक पहुंचे।

पूरा दिन की हड़ताल के बाद शाम को यूनियन के चेयरमैन टीएस वजीर ने मीडियाकर्मियों को यह जानकारी दी कि सरकार की ओर से उन्हें वीरवार को श्रीनगर में बुलाई गई बैठक में आमंत्रित किया गया है। उनकी मांगों पर चर्चा की जाएगी। बातचीत का नतीजा सामने आने तक ट्रांसपोर्टरों ने फिलहाल हड़ताल को स्थगित करने का निर्णय लिया है। अगली रणनीति की घोषणा कल वीरवार बैठक के बाद ही तय की जाएगी।

एसआरटीसी की बसें शहर, अंतर जिला रूट पर दौड़ी

ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल को मद्देनजर रखते हुए स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन ने यात्रियों की सुविधा के लिए शहर के विभिन्न रूट सहित अंतर जिला रूट पर अपनी बस सेवा शुरू की है। एसआरटीसी के जीएम आपरेशन स. परमजीत सिंह ने बताया कि यात्रियों विशेषकर माता वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रेलवे स्टेशन से कटड़ा सहित अन्य अंतर जिला रूट पर कारपोरेशन की 50 बसें दौड़ाई गई हैं। वैसे भी रेलवे स्टेशन से कटड़ा के लिए इलेक्ट्रिक बसें पहले से ही दौड़ रही हैं। इसके अलावा शहर के विभिन्न रूट पर भी कुछ बसें उतारी जाएंगी ताकि यात्रियों को हाेने वाली परेशानियों को काफी हद तक कम किया जा सके।

पांच हजार की कीमत वाले जीपीएस 15 हजार रुपए में लगाए जा रहे हैं

ट्रांसपोर्टरों में जीपीएस की कीमतों को लेकर भी आक्रोश है। उनका कहना है कि जितनी कीमत में जम्मू-कश्मीर में वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाए जा रहे हैं उससे आधी से भी कम कीमत में पड़ोसी राज्य पंजाब में जीपीएस सिस्टम आसानी से मिल जाता है। पांच हजार रुपए वाले जीपीएस 15 हजार रुपए में लगाए जा रहे हैं जो ट्रांसपोर्टरों से सरासर अन्याय है। राज्य में पहले से ही ट्रांसपोर्ट नीति नहीं है और ऐसे में ट्रांसपोर्टरों को रियायत देने की बजाय जिस कंपनी को जीपीएस सिस्टम लगाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है वह दोगुनी कीमत में इन्हें लगा रही है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

यात्री वाहनों जीपीएस, पैनिक बटन लगाना अनिवार्य

भूतल परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के निर्देशानुसार देश के सभी राज्यों में दौड़ने वाले यात्री वाहनों में उक्त डिवाइस लगाना अनिवार्य कर दिया है और इसके लिए बाकायदा से कंट्रोल रूम भी स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि ट्रांसपोर्टरों को पहले एक अप्रैल 2019 तक वाहनों में जीपीएस लगाने का समय दिया गया था लेकिन बाद में इसके लिए 20 मई तक छूट दी गई थी। इसके उपरांत किसी भी कमर्शियल वाहन को फिटनेस सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जा रहा है। इससे ट्रांसपोर्टर काफी परेशान हैं।

बीएसएनएल का प्लेटफार्म इस्तेमाल करेगा परिवहन विभाग

संयुक्त परिवहन आयुक्त स. गुरमुख सिंह ने बताया कि इस संबंध में बीएसएनएल से इसके लिए करार हो चुका है। अब बीएसएनएल के सर्वर के माध्यम से यात्री वाहनों की स्पीड पर पूरी तरह से नजर रखी जा सकेगी। इसके लिए विभाग का वाहन साॅफ्टवेयर और बीएसएनएल के बीच एकीकरण हो चुका है। विभाग द्वारा उनका आईपी भी दिया जा चुका है।

जीपीएस, पैनिक बटन केवल यात्री वाहनों में ही लगेगा

जीपीएस और पैनिक बटन सभी कमर्शियल वाहनों में नहीं बल्कि बस, मिनी बस, टैक्सियों और नेशनल परमिट रूट पर दौड़ने वाले ट्रकों में लगाया जाएगा। ट्रक और आॅटो रिक्शा को इस श्रेणी से बाहर रखा गया है।

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