केंद्रीय वार्ताकार ने जम्मू में स्थायी शांति के लिए मांगे सुझाव
केंद्रीय वार्ताकार ने बैठकों के बारे में कहा कि मैं सभी से मिल रहा हूं। बहुत से सुझाव मिले हैं। सभी चाहते हैं कि कश्मीर में शांति और विकास हो।
श्रीनगर,राज्य ब्यूरो। केंद्रीय वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा ने कड़ी सुरक्षा में अपने मिशन को आगे बढ़ाते हुए दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में सामाजिक, राजनीतिक, मजहबी, व्यापारिक व छात्र संगठनों के प्रतिनिधियों से मौजूदा हालात पर विचार विमर्श किया।
उन्होंने स्थायी शांति बहाली और कश्मीर समस्या के समाधान का रोडमैप तैयार करने के लिए उनके सुझाव भी लिए। इस दौरान अधिकतर लोगों ने कश्मीर के सियासी हल के लिए सभी पक्षों से बातचीत की प्रक्रिया शुरू करने पर जोर दिया। मीडिया कर्मियों ने केंद्रीय वार्ताकार के दौरे की कवरेज से रोके जाने पर एतराज जताते हुए बैठक स्थल के बाहर धरना देकर रोष जताया।
उन्होंने वार्ताकार के पूरे दौरे का बहिष्कार भी किया।गौरतलब है कि अक्टूबर 2017 में केंद्र सरकार ने पूर्व खुफिया निदेशक दिनेश्वर शर्मा को कश्मीर में स्थायी शांति और कश्मीर मसले के सर्वमान्य हल का रोडमैप तैयार करने के लिए राज्य में सभी पक्षों से बातचीत करने के लिए अपना प्रतिनिधि और वार्ताकार नियुक्त किया था। केंद्रीय वार्ताकार बनने के बाद दिनेश्वर शर्मा का यह राज्य का पांचवा दौरा है। उन्होंने जिला शोपियां में स्थानीय संगठनों से मुलाकात कर अपने दौरे की शुरुआत की। रात में वह अनंतनाग के डाक बंगले में ही रुके थे।शुक्रवार सुबह 11 बजे वह कुलगाम पहुंचे और लगभग एक दर्जन प्रतिनिधिमंडलों ने उनसे मुलाकात की।
हालांकि आधिकारिक तौर पर पता नहीं चल पाया है कि केंद्रीय वार्ताकार से मिलने वालों ने किन खास मुद्दों पर जोर दिया है। सूत्रों ने बताया कि जो भी मिलने आया, उसने स्थानीय विकास, रोजगार और अमन की बात की। उन्होंने कश्मीर मसले के हल के लिए सभी पक्षों से बातचीत की प्रक्रिया जल्द बहाल करने पर जोर दिया।केंद्रीय वार्ताकार से मिलने वालों में ऑकाफ कमेटी कुलगाम के महासचिव अब्दुल हमीद गनई ने कहा कि हमने उनसे कश्मीर में सुरक्षाबलों की ज्यादतियों और पैलेट के इस्तेमाल पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग की है। हमने कश्मीर मसले के सियासी हल निकालने की प्रक्रिया शुरूकरने की मांग की है।
केंद्रीय वार्ताकार ने कुलगाम में हुई बैठकों के बारे में संपर्क किए जाने पर कहा कि मैं सभी से मिल रहा हूं। बहुत से सुझाव मिले हैं। सभी चाहते हैं कि कश्मीर में शांति और विकास हो। यह मसला पूरी तरह हल हो। इस बीच, मीडिया कर्मियों ने इस दौरे का बहिष्कार किया। एक मीडियाकर्मी ने बताया कि वीरवार शाम जिला उपायुक्त तलत परवेज की तरफ से केंद्रीय वार्ताकार के दौरे की कवरेज का न्योता मिला था। बाद में इसे रद कर दिया गया। शुक्रवार सुबह फिर बुलाया गया, लेकिन जब हम पहुंचे तो डाक बंगले में प्रवेश नहीं करने दिया गया। इस पर हमने धरना दिया। इसके बाद अतिरिक्त जिला उपायुक्त और अन्य अधिकारी आए। उन्होंने इस स्थिति के लिए संवादहीनता को दोषी ठहराया, लेकिन हमने दौरे का बहिष्कार जारी रखा।