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पढ़ाई के लिए युवाओं की पहली पंसद है जम्मू विश्वविद्यालय की सेंट्रल लाइब्रेरी

सेंट्रल लाइब्रेरी में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों ने आईएएस आईपीएस कश्मीर प्रशासनिक सेवा और अन्य प्रतिस्पर्धा की परीक्षा को सफल किया है। कई इस समय अहम मुकाम पर पहुंचे है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 28 Oct 2019 11:09 AM (IST)Updated: Mon, 28 Oct 2019 11:09 AM (IST)
पढ़ाई के लिए युवाओं की पहली पंसद है जम्मू विश्वविद्यालय की सेंट्रल लाइब्रेरी
पढ़ाई के लिए युवाओं की पहली पंसद है जम्मू विश्वविद्यालय की सेंट्रल लाइब्रेरी

जम्मू, राज्य ब्यूरो। अकादमिक तैयारी हो या, प्रतिस्पर्धा परीक्षाओं के लिए सक्षम होना, इसके लिए युवाओं की पहली पंसद जम्मू विश्वविद्यालय की सेंट्रल लाइब्रेरी है। कश्मीर और जम्मू यूनिवर्सिटी एक्ट 1969 के तहत जब जम्मू विश्वविद्यालय अस्तित्व में आया था तब ही तब ही सेंट्रल लाइब्रेरी बनी थी। सेंट्रल लाइब्रेरी जिसे धन्वंतरि लाइब्रेरी के नाम से भी जाना जाता है, ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। चूंकि सेंट्रल लाइब्रेरी अकादमिक लाइब्रेरी है, पब्लिक लाइब्रेरी नहीं है इस लिए सिविल सोसायटी के आकर पढ़ने के संसाधन सीमित ही है। प्राथमिकता जम्मू विश्वविद्यालय के रेगलुर पीजी विभागों को ही मिलती है।

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जम्मू विवि में चालीस से अधिक पीजी विभाग है। सिविस सोसायटी के लिए मेरिट के आधार पर एक सौ विद्यार्थियों को लाइब्रेरी में पढ़ने के लिए जगह मिलती है। यह कहना गलत नहीं होगा कि लाइब्रेरी में बाहरी युवाओं के लिए जगह पाना आसान नहीं है। अगर आप जम्मू विवि में नहीं पढ़ते और आप ने किसी प्रतिस्पर्धा की परीक्षा के लिए तैयारी करनी है तो अपने काे पहले सौ विद्यार्थियों में मेरिट के हिसाब से जगह पानी होगी। सेंट्रल लाइब्रेरी में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों ने आईएएस, आईपीएस, कश्मीर प्रशासनिक सेवा और अन्य प्रतिस्पर्धा की परीक्षा को सफल किया है। कई इस समय अहम मुकाम पर पहुंचे है।

विद्यार्थियों के लिए 100 सीटें निर्धारित

डिप्टी लाइब्रेरियन डा. गुरदेव सिंह का कहना है कि चूंकि जम्मू विवि में विद्यार्थियों की संख्या काफी अधिक है और बाहरी युवाओं के लिए सीटें सीमित है। इसलिए हमने सिविल सोसायटी या पास आउट होने वाले विद्यार्थियों को फायदा पहुंचाने के लिए एक सौ सीटें निर्धारित की है। लाइब्रेरी में पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध है। एक विद्यार्थी पंद्रह दिनों के लिए दो पुस्तकें, स्कालर पंद्रह दिनों के लिए पांच पुस्तकें और अध्यापक एक महीने के लिए दस पुस्तकें जारी करवा सकता है। मौजूदा दौर में भले ही इंटनेट का जमाना आ गया है लेकिन लाइब्रेरी का महत्व कभी कम नहीं हुआ। पुस्तकें पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या में कमी नहीं अलबत्ता बढ़ोतरी ही हुई है। हमने विद्यार्थियों की सहूलियत के लिए ई -पुस्तकें और ई- रिसोर्स भी शुरु किए गए है। करीब पंद्रह हजार ई रिसोर्स रिसर्च पत्रिकाएं मंगवाए जाते है। लगातार कोशिश बनी रहती है कि लाइब्रेरी में बेहतर से बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं।

सेंट्रल लाइब्रेरी में दी जा रही सुविधाएं

  • सेंट्रल लाइब्रेरी में कुल पुस्तकें 4.65 लाख
  • इसमें टैक्टस पुस्तकेें, रेफरेंस पुस्तकें, आम पुस्तकें, जम्मू कश्मीर पर विशेष पांच हजार पुस्तकें,
  • चार रीडिंग हाल है जिसमें आठ सौ विद्यार्थियों के बैठने की जगह उपलब्ध है।
  • चौबीस घंटे खुली रहती है।
  • रोजाना करीब पंद्रह सौ विद्यार्थी पढ़ाई करते है।
  • इंटरनेट सेक्शन भी है।
  • पच्चीस समाचार पत्र रोजाना आते है।
  • 275 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय जनरल आते है।

विद्यार्थियों की मांगे

सेंट्रल लाइब्रेरी मेें बाहरी युवाओं के लिए पढ़ने के लिए सीटों को एक सौ से बढ़कर तीन सौ किया जाए। सेंट्रल लाइब्रेरी की एक मंजिल पर बने परीक्षा हाल को शिफ्ट करके सारी जगह लाइब्रेरी को दी जाए ताकि एक अतिरिक्त हाल विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हो सके। सेंट्रल लाइब्रेरी में हर विद्यार्थी को वाइफाई की सुविधा और मेजों पर मोबाइल चार्जिंग की सुविधा दी जाए।

रात के समय भी लाइब्रेरी में पढ़ते हैं बच्चे

जम्मू विवि के हर पीजी विभाग की अपनी अपनी लाइब्रेरी है लेकिन हर विषय की पुस्तकें उपलब्ध न होने के कारण ही विद्यार्थियों को सेंट्रल लाइब्रेरी का रूख करना पड़ता है। जम्मू कश्मीर से संबधित पुस्तकें, प्रतिस्पर्धा वाली पत्रिकाएं और समाचार पत्र पढ़ने के लिए विद्यार्थी सेंट्रल लाइब्रेरी आते है। सेंट्रल लाइब्रेरी में रात के समय भी बढ़ी संख्या में विद्यार्थी पढ़ाई करते है। विवि में लड़कों के चार और लड़कियों के तीन हाॅस्टल है। करीब एक हजार विद्यार्थी हॉस्टलों में पढ़ाई करते है। ऐसे में रात के समय में समय निकाल कर पढ़ाई करने वालों में हॉस्टलों के विद्यार्थी ही अधिक होते है।


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