जम्मू कश्मीर व लद्दाख में अब आइएएस, आइपीएस प्रमोशन कोटा एकसमान, 50 से घटकर 33 प्रतिशत होगा
वर्ष 2010 के बाद से जम्मू कश्मीर में आइपीएस व 2014 के बाद आइएएस में जम्मू कश्मीर के अधिकारियों की पदोन्नति नहीं हुई है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख में अब तीनों सिविल सेवाओं भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) और भारतीय वन सेवा (आइएफओएस) के प्रमोशन कोटे में एक देश एक कानून लागू होगा। दोनों प्रदेशों के अधिकारियों का इन सेवाओं में प्रमोशन कोटा 50 प्रतिशत से कम होकर 33 फीसद रह जाएगा। पूरे देश में केंद्रीय प्रशासनिक सेवाओं में 67:33 अनुपात में तैनाती होती है। सिर्फ जम्मू कश्मीर में यह अनुपात 50:50 था।
केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर व लद्दाख के प्रमोशन कोटे में 17 प्रतिशत कमी करने की तैयारी कर ली है। अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि कार्मिक मंत्रालय ने इस संबंध में औपचारिकताओं को अंतिम रूप दे दिया है और जल्द ही सरकार आदेश जारी कर देगी। यह कदम जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटने के मद्देनजर उठाया गया है।
इससे पहले नियमों के मुताबिक राज्य में आइएएस, आइपीएस और आइएफओएस में 50-50 का फॉर्मूला लागू था। इसका मतलब है कि राज्य में इन सेवाओं के कुल पदों के 50 फीसद पर संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा चयनित अधिकारी नियुक्त किए जाते थे, जबकि बाकी 50 फीसद पदों को राज्य सिविल सेवा के स्थानीय अधिकारियों की पदोन्नति के जरिये भरा जाता था। जम्मू-कश्मीर राज्य के दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में पुनर्गठन के बाद विशेष कोटे का यह प्रावधान खत्म हो गया है। अधिकारियों के मुताबिक, 'अब दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में पूरे देश में लागू होने वाला 67:33 (67 फीसद यूपीएससी द्वारा सीधे चयनित अधिकारी और 33 फीसद राज्य सेवाओं से प्रोन्नत अधिकारी) का नियम प्रभावी होगा।
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम-2019 के मुताबिक, सिविल सेवा परीक्षा के जरिये चयनित अधिकारियों को अब जम्मू-कश्मीर के बजाय अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम-केंद्र शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) कैडर आवंटित किया जाएगा। मालूम हो कि आइएएस, आइपीएस और आइएफओएस अधिकारियों को राज्य अथवा राज्यों के समूह अथवा केंद्र शासित प्रदेश का कैडर आवंटित किया जाता है।
वहीं आदेश जारी होने के बाद जम्मू कश्मीर के अधिकारियों को आइएएस, आइपीएस, आइएफएस में पदोन्नत करने में रुकावट दूर हो जाएगी। वर्ष 2010 के बाद से जम्मू कश्मीर में आइपीएस व 2014 के बाद आइएएस में जम्मू कश्मीर के अधिकारियों की पदोन्नति नहीं हुई है। अब प्रमोशन के नए कोटे को मंजूरी मिलने के बाद जमा हो चुका पुराना कोटा भी जारी हो जाएगा। केएएस संगठन के पदाधिकारी वसीम राजा ने दैनिक जागरण को बताया कि खाली केपीएस के 44 अधिकारियों को आइपीएस में इंडक्शन का कोटा एकत्र हो चुका है। वर्ष 2010 के बाद प्रमोशन कोटा नहीं मिला है। करीब इतने ही जमा पद आइपीएएस में इंडक्शन के भी हैं।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि जम्मू कश्मीर व लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद अब सभी केंद्रीय कानून यहां प्रभावी हैं।