Coronavirus Lockdown Effect: सैन्य अधिकारियों-जवानों के लिए केंद्र सरकार ने शुरू की दो विशेष रेलगाड़ियां
आज सुबह बेंगलुरू से रवाना हुई रेलगाड़ी बेलगाम सिकंदराबाद अंबाला जालंधर पठानकोट के रास्ते जम्मू पहुंचेगी।
श्रीनगर, नवीन नवाज। देश के उत्तरी और पूर्वाेत्तर के राज्यों में सेना की अाॅप्रेशनल गतिविधियों से जुुड़े सैन्याधिकारियों और जवानों को उनके ड्यूटी स्थल पर पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने दो विशेष रेलगाड़ियां शुरू की हैं। आज शुक्रवार को पहली विशेष रेलगाड़ी बेंगलुरू से रवाना हुई। इसमें सवार 950 सैन्याधिकारी और जवानों में से अधिकांश उत्तर भारत में विशेषकर जम्मू-कश्मीर में ही तैनात हैं। दूसरी रेलगाड़ी शनिवार को पूर्वाेत्तर के लिए रवाना होगी। सेना दिल्ली और चंडीगढ़ से सैन्याधिकारियों व जवानों की मूवमेंट के लिए विशेष विमान सेवा के उपयोग पर भी गंभीरता से विचार कर रही है।
बेंगलुरू से आज सुबह रवाना हुई विशेष रेलगाड़ी 20 अप्रैल सोमवार को जम्मू पहुंचेगी। संबधित अधिकारियों ने बताया कि सैन्य प्रशासन और रक्षा मंत्रालय के आग्रह पर रेलवे मंत्रालय ने विभिन्न इलाकों से यात्रा करने वाले सैन्याधिकारियों व जवानों की संख्या का जायजा लेते हुए पूरे देश में रेलसेवा का एक रूट मैप तैयार किया है। आज सुबह बेंगलुरू से रवाना हुई रेलगाड़ी बेलगाम, सिकंदराबाद, अंबाला, जालंधर, पठानकोट के रास्ते जम्मू पहुंचेगी। शनिवार को पूर्वाेत्तर के लिए रवाना होने वाली रेलगाड़ी बेलगाम, सिकंदराबाद, गोपालपुर, हावड़ा से होते हुए न्यू जलपाईगुडी तक जाएगी।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि विशेष रेलगाड़ी को बेंगलुरू, बेलगाम और सिकंदराबाद में ट्रेनिंग पूरी होने के बाद रूके सैन्याधिकारियों व जवानों को उनके ड्यटी स्थल पर पहुंचाने के लिए चलाया जा रहा है। ये लोग लॉकडाउन लागू होने के बाद से ही अपने-अपने प्रशिक्षण केंद्रों मे रूके हुए हैं। इन जवानों व अधिकारियों के अपने-अपने आॅप्रेशनल एरिया में पहुंचने से जहां बेंगलुरू,बेलगाम और सिकंदराबाद स्थित सेना के ए और बी श्रेणी के प्रशिक्षण केंद्रों में भीड़ घटेगी बल्कि उत्तरी भारत और पूर्वाेत्तर में सरहदी इलाकों में सेना की आॅप्रेशनल तैयारियों व गतिविधियों को भी मजबूती मिलेगी।
सामान्य परिस्थितियों में रोजाना लगभग 15 हजार सैन्यकर्मी व अधिकारी पूरे देश में कहीं न कहीं आ जा रहे होते हैं। यह वे अधिकारी और कर्मी होते हैं जो अवकाश पर जा रहे होते हैं या अवकाश से लौट रहे होते हैं। इसके अलावा कई किसी सामान्य अधिकारिक कार्य के लिए भी यात्रा कर रहे होते हैं। अलबता, जब कोई सैन्य यूनिट एक जगह से दूसरी जगह के लिए रवाना होती है या प्रशिक्षण व तैनाती के लिए जा रही है तो सैन्य प्रशासन संबधित मंत्रालय से विशेष रेलगाड़ी चलाने का आग्रह करता है। सूत्रों ने बतााया कि 24 मार्च से लॉकडाउन की घोषणा के बाद से ही पूरे देश में सेना के जवानों व अधिकारियों की सामान्य आवाजाही पूरी तरह बंद है।
लॉकडाउन के समाप्त होने पर जवानों की आवाजाही से हर जगह भीड़ देखने को मिलेगी। इस समय भी करीब डेढ़ लाख के आसपास सैन्यकर्मी छुट्टी पर हैं। विशेष रेल सेवा को चलाने से लॉकडाउन हटने की स्थिति में भी जवानों की भीड़ घटाने में मदद मिलेगी।
वहीं रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि विशेष रेलगाड़ी में आ रहे सभी जवान-अधिकारी पूरी तरह स्वस्थ हैं। यह सभी क्वारंटाइन प्रक्रिया से गुजरने के बाद डाॅक्टरों द्वारा स्वस्थ करार दिए गए हैं। रेलगाड़ी को भी पहले से ही पूरी तरह सैनिटाइज और डिकंटेमीनेट किया गया है। सफर करने वाले सभी जवानों और अधिकारियों की ब्रीफिंग भी की गई है। प्रत्येक बोगी के भीतर और बाहर उन सभी सावधानियों का जिक्र किया गया है जिन्हें बरता जाना जरूरी है। जवानों और अधिकारियों के सामान काे भी सैनिटाइज किया गया है। रेल में सवार होने से पहले और उतरने के बाद जवानों को संबधित प्लेटफार्म व प्रतिष्ठान में स्थापित सैनिटाइजेशन टनल से भी गुजरना होगा। इसके अलावा उन्हें स्क्रीनिंग, रवानगी और आगमन के समय व अन्य परिस्थितियों में शारीरिक दूरी का भी अनुपालन करना होगा।