जम्मू कश्मीर के नागरिकों को डोमिसाइल प्रमाणपत्र देने की तैयारी, जानिए क्या है यह प्रमाणपत्र!
यह अधिसूचना कुछ समय पहले ही जारी होनी थी लेकिन नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में पैदा हालात के मद्देनजर इसे अधिसूचित नहीं किया जा सका।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। केंद्रीय गृह मंत्रालय जल्द ही केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख में स्थानीय लोगों के रोजगार व जमीन पर मालिकाना हक संबंधी अधिकारों को सुनिश्चित बनाने के लिए डोमिसाइल जैसी व्यवस्था करने जा रहा है। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी गत मंगलवार को इस संदर्भ में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भेंट कर उनसे डोमिसाइल सर्टिफिकेट के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया है। डॉ. सिंह केंद्र शासित जम्मू संभाग के ऊधमपुर-डोडा संसदीय क्षेत्र के सांसद भी हैं।
संबंधित अधिकारियों ने बताया कि डॉ. जितेंद्र सिंह और गृह मंत्री अमित शाह के बीच हुई बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला भी मौजूद थे। बैठक में बताया गया कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लोगों के रोजगार व जमीन के मालिकाना अधिकार को सुनिश्चित बनाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय का एक आवश्यक प्रावधान अधिसूचित करने की प्रक्रिया में है। यह अधिसूचना कुछ समय पहले ही जारी होनी थी, लेकिन नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में पैदा हालात के मद्देनजर इसे अधिसूचित नहीं किया जा सका।
ये हो सकते हैं प्रावधान :
15 साल लगातार रहने की शर्त : डोमिसाइल के मुद्दे पर अपनाए जाने वाले नियमों के बारे में अभी किसी ने कोई खुलासा नहीं किया है, लेकिन सूत्रों की मानें तो जम्मू कश्मीर और लद्दाख में 15 साल लगातार निवास करने की समय सीमा की शर्त को पूरा करने पर ही इसे जारी किए जाने की उम्मीद है।
आइएएस अधिकारियों को भी मिल सकते हैं अधिकार : जम्मू कश्मीर और लद्दाख में सेवारत आइएएस, आइपीएस और आइएफएस अधिकारियों के लिए चाहे वह किसी भी राज्य के हों, उन्हें जम्मू कश्मीर कैडर का होने के नाते इन दोनों राज्यों में जमीन खरीदने के अधिकारी होंगे। उनके बच्चे सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन कर सकेंगे। अलबत्ता, इसके लिए नियमों को अधिसूचित किया जाना है।
राज्य से नौवीं, 10वीं, 12वीं पास करने वाले को भी अधिकार : जम्मू कश्मीर से नौवीं, दसवीं या 12वीं पास करने वाले किसी भी राज्य के छात्र को भी जम्मू कश्मीर और लद्दाख में उच्च शिक्षा के संस्थानों पर प्रवेश पा सकेंगे, सरकारी रोजगार प्राप्त कर सकेंगे, इसका भी प्रावधान प्रस्तावित अधिसूचना में किया जा सकता है।
यह आया बदलाव : जम्मू कश्मीर के दो केंद्र शासित राज्यों में पुनर्गठित होने व अनुच्छेद 370 हटने से पहले कोई भी गैर रियासती नागरिक जम्मू कश्मीर में कहीं भी स्थायी तौर पर नहीं बस सकता था। वह अपने नाम पर जमीन भी नहीं खरीद सकता था। न ही सरकारी नौकरी प्राप्त कर सकता था। सिर्फ जम्मू कश्मीर और लद्दाख के स्थानीय नागरिक (जिनके पास स्टेट सब्जेक्ट हो) ही सरकारी नौकरी व अपने नाम पर जमीन ले सकते थे। अनुच्छेद 370 हटने और केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद देश के अन्य भागों के लोगों के लिए भी जमीन खरीदने व सरकारी नौकरी प्राप्त करने का अधिकार हो गया। इससे स्थानीय लोगों में कई तरह की शंकाएं पैदा हो रही हैं। वह चाहते हैं कि उनके अधिकारों का संरक्षण हो। गत दिनों जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय ने जिला अदालतों में गैर राजपत्रित स्तर के रिक्त पदों को भरने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर आवेदन मांगे थे। इस पर भी हंगामा हुआ और संबंधित प्रशासन ने यह अधिसूचना भी वापस ले ली है।
क्या है डोमिसाइल सर्टिफिकेट : किसी भी केंद्र शासित प्रदेश में स्थानीय जरूरतों को देखते हुए वहां पर 15, 20 या 25 वर्ष (तय अनुसार) से रहने वाले लोगों को नागरिकता के अधिकार के रूप में डोमिसाइल सर्टिफिकेट दिया जाता है। इसके तहत स्थानीय लोगों को कुछ सुविधाएं दी जाती हैं।
- 'केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा डोमसाइल के मुद्दे पर जल्द अधिसूचना जारी की जाएगी। मेरी केंद्रीय गृह मंत्री के साथ इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई है। मैंने केंद्र शासित जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल जीसी मुर्मू से भी बातचीत की है और उनसे कहा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा डोमिसाइल संबंधी अधिसूचना जारी किए जाने के बाद ही वह विभिन्न सरकारी विभागों में रिक्तियों को भरने के लिए आवेदन आमंत्रित करें। -डॉ. जितेंद्र सिंह, पीएमओ में राज्यमंत्री