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JK Budget: जम्मू कश्मीर के लिए केंद्र सरकार ने खोला अपना खजाना, एक लाख करोड़ से ज्यादा का बजट

जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के तहत केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद राज्यसभा ने जम्मू कश्मीर का पहला 101428 करोड़ रुपये का वित्तीय वार्षिक बजट पारित किया।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 18 Mar 2020 11:54 AM (IST)Updated: Wed, 18 Mar 2020 11:54 AM (IST)
JK Budget: जम्मू कश्मीर के लिए केंद्र सरकार ने खोला अपना खजाना, एक लाख करोड़ से ज्यादा का बजट
JK Budget: जम्मू कश्मीर के लिए केंद्र सरकार ने खोला अपना खजाना, एक लाख करोड़ से ज्यादा का बजट

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के लिए केंद्र सरकार ने अपना खजाना खोल दिया है। राज्यसभा में मंगलवार को जम्मू कश्मीर के लिए वर्ष 2020-21 के लिए एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट पारित किया गया। यह जम्मू कश्मीर के लिए अब तक का सबसे बड़ा बजट है। इस मौके पर वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा कि यह बजट जम्मू कश्मीर को विकास का मॉडल बनाने की हमारी प्रतिबद्धता का एक सुबूत है। इससे पहले संसद ने वर्ष 2019-20 के लिए जम्मू कश्मीर (जिसमें लद्दाख भी शामिल था) के लिए 88911 करोड़ रुपये का बजट पारित किया था।

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जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के तहत केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद राज्यसभा ने जम्मू कश्मीर का पहला 1,01428 करोड़ रुपये का वित्तीय वार्षिक बजट पारित किया। इसे वित्त राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने संसद के दोनों सदनों में पेश किया। इसमें विकासात्मक व्यय 38,764 करोड़ रुपये है, जो पहले से 27 प्रतिशत ज्यादा है। आगामी वित्त वर्ष के दौरान जम्मू कश्मीर में 11 प्रतिशत जीएसडीपी वृद्धि दर का अनुमान लगाया गया है। इस बजट में 91100 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्तियों की उम्मीद है, जबकि राजस्व व्यय 62664 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। इसके आधार पर पूंजीगत व्यय के लिए 28436 करोड़ रुपये की सरप्लस राजस्व राशि उपलब्ध होगी। पूंजीगत प्राप्तियों 10329 करोड़ और पूंजीगत व्यय 38764 करोड़ रहने का अनुमान है, जो पिछले बजट से 27 प्रतिशत ज्यादा है। बजट का 38 प्रतिशत जम्मू कश्मीर में विकास और अवसंरचना से जुड़ी परियोजनाओं पर खर्च होगा।

केंद्र सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष के अंतिम पांच महीनों के लिए 55317.81 करोड़ की व्यय योजना को भी अलग से पेश किया। वित्त राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर द्वारा वर्ष 2019-20 और 2020-21 के लिए पेश किए गए बजट में अनुमानित पूंजीगत व्यय राशि 23910.95 करोड़ और राजस्व व्यय 31406.86 करोड़ है। उन्होंने पूर्व जम्मू कश्मीर राज्य जिसमें लद्दाख भी शामिल है, के वर्ष 2019-20 के लिए पूरक अनुदान मांग को भी सदन में रखते हुए अप्रैल 2019 से 30 अक्टूबर 2019 तक राज्य के समेकित निधि से 208.70 करोड़ रुपये के विनियमन और भुगतान की मंजूरी मांगी।

विरासती स्थलों के संरक्षण आैर विकास के लिए करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया 

सदन के दोनों सदनों में रखे अपने भाषण में वित्तमंत्री सीतरमण ने बताया कि वर्ष 2019-20 के दौरान जम्मू कश्मीर को 88911 करोड़ रुपये का वित्तीय अनुदान दिया गया था। उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर के लिए वर्ष 2020-21 का बजट पहली बार एक लाख करोड़ रुपये से पार गया है। उन्होंने जम्मू कश्मीर में विरासती स्थलों का जिक्र करते हुए बताया कि वर्ष 2020-21 के दौरान विरासती स्थलों के संरक्षण और विकास के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री विकास कार्यक्रम के तहत पर्यटन अवसंरचना से जुड़ी परियोजनाओं पर एक हजार करोड़ खर्च किए जाएंगे। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए 5284 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जो पिछले बजट आंबटन की तुलना में 1951 करोड़ रुपये ज्यादा है। शिक्षा क्षेत्र में विकास विस्तार के लिए 2392 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जो पिछले बजट में आबंटित राशि से एक हजार करोड़ रुपये ज्यादा है। वर्ष 2020-21 के बजट पर दो हजार करोड़ रुपये 50 हजार रिक्त पदों को भरने के लिए आबंटित किए गए हैं। इसके अलावा 1268 करोड़ रुपये स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र के लिए आबंटित किए गए हैं। जम्मू कश्मीर में औद्योगिक क्षेत्र और अवसंरचना विकास के लिए आगामी वित्त वर्ष 494 करोड़ रुपये रखे गए हैं जबकि मौजूदा वित्त वर्ष के बजट में यह राशि 227 करोड़ है।

पश्चिम पाक रिफ्यूजियों की भी फिक्र

वित्तमंत्री ने अपने भाषण में बताया कि अनुच्छेद 370 और जम्मू कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित राज्यों में पुनर्गठित किए जाने के बाद पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियो को भी नागरिकता का अधिकार मिला है। उनके पुनर्वास के लिए सरकार सभी आवश्यक कदम उठाएगी। उन्होंने बताया अप्रैल से लेकर अक्टूबर माह तक समेकित निधि में से 208.70 करोड़ रुपये की राशि अनुमोदित राशि से ज्यादा निकाली गई है। यह सुरक्षा संबंधी खर्च और स्थानीय निकायों के चुनावों पर हुए खर्च के मद्देनजर जरूरी था। उन्होंने कुल प्राप्तियों का हवाला देते हुए बताया कि 40498 करोड़ राजस्व प्राप्तियां हैं। उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर के अपना राजस्व अनुमान 11326 करोड़ और केंद्रीय करों में भागीदारी के 5462 करोड़ है। इसके अलावा अन्य केंद्रीय योजनाओं के तहत 23710 करोड़ भी मिलेंगे।

निजी लाभार्थी योजनाओं के लिए तेज कदम

सीतारमण ने अपने भाषण में बताया कि जम्मू कश्मीर में 1705 करोड़ रुपये की राशि 45 लाख लाभार्थियों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के जरिए बांटे गए हैं। प्रत्यक्ष लाभ अंतरण में पेंशन के 60 हजार नए मामले शामिल किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि निजी लाभार्थी योजनाओं के तहत हम शत प्रतिशत प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के लक्ष्य को प्राप्त करना चाहते हैं।

युवा एवं खेल

  • 30 करोड़ रुपये खेल सुविधाओं के विकास के लिए आवंटित
  • प्रदेश की सभी पंचायतों में खेल स्टेडियम के निर्माण का लक्ष्य
  • 15 लाख युवाओं को इनडोर व आउटडोर खेल गतिविधियों से जोड़ा जाएगा

स्वच्छता

  • 1000 सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया जाएगा
  • 200 ठोस कचरा निस्तारण प्लांट बनाए जाएंगे
  • 5824 करोड़ रुपये ग्रामीण विकास पर खर्च होंगे। पिछले वर्ष से 1951 करोड़ अधिक हैं

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