कश्मीर में जारी आतंकवाद जेहाद, इसे गंभीरता से ले केंद्र सरकार
राज्य के हिंदू और गैर मुस्लिम अभी भी गुलाम है और इदकजुट संगठन के लोग उन्हें इस गुलामी से मुक्ति दिलाने के लिए काम कर रहे हैं।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। जम्मू के साथ भेदभाव को दूर करने के लिए गठित इकजुट जम्मू संगठन ने कश्मीर में जारी आतंकवाद को जेहाद करार देते हुए केंद्र व राज्य सरकार से इसे गंभीरता से लेने को कहा। उन्होंने कहा कि पहले से ही जेहादी ताकतों ने कश्मीर से हिंदूओं को पलायन करने के लिए विवश कर दिया। अब जम्मू अौर लद्दाख में भी ऐसी ही साजिश रची जा रही है। उन्होंने जम्मू के लोगों से एकजुट होने को आह्वान किया। इस मौके पर तीन प्रस्ताव भी पारित किए। इनमें यह कहा गया कि जम्मू कश्मीर धर्मनिरपेक्ष राज्य नहीं बल्कि मुस्लिम राज्य है।
जम्मू में आयोजित महाअधिवेशन शंखनाथ में इकजुट संगठन के चेयरमैन एडवोकेट अंकुर शर्मा ने कहा कि जम्मू और लद्दाख के लोग कश्मीरी नेतृत्व की गुलामी में जी रहे हैं। इसे भेदभाव नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि इकजुट जम्मू हर संभव प्रयास करेगा ताकि कट्टरपंथी ताकतों की गुलामी से यहां के लोगों को मुक्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि धर्मनिरेक्षता के नाम पर पहले से ही यहां के लोगों ने बहुत कुछ सहा है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर राज्य एक मुस्लिम राज्य है और इसके लिए अभी तक की सभी सरकारें जिम्मेवार हैं। राज्य के हिंदू और गैर मुस्लिम अभी भी गुलाम है और इदकजुट संगठन के लोग उन्हें इस गुलामी से मुक्ति दिलाने के लिए काम कर रहे हैं। जम्मू के जनसांख्यिक स्वरूप को बदलने की सबसे बड़ी साजिश हो रही है और यही सबसे बड़ी चुनौती है। मगर जम्मू के लोग अब एकजुट हो गए हैं और इस साजिश को नाकाम कर देंगे।
प्रो. हरि ओम ने भी जम्मू के जनसांख्यिक स्वरूप को बदलने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि जम्मू अाधुनिक भारत का कुरूक्षेत्र है और लोगों को अपना धर्म निभाना है। उन्होंने जम्मू के लोगों से यहां की जमीन को रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों को मुक्त करवाने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जम्मू के जंगलों, नदियों और भूमि हर जगह पर अवैध कब्जा हुआ है। इसी को रोकने की जरूरत है।
उधमपुर के विधायक पवन गुप्ता ने जम्मू संभाग के लोगों से जनसांख्यिक स्वरूप को बदल रही ताकतों और जेहाद को रोकने के लिए सभी को एकजुट होकर आगे आने को कहा। उन्होंने कहा कि इकजुट जम्मू ने जो कदम उठाया है, उसका सभी को सहयोग करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जम्मू के साथ भेदभाव का पर्याय बने अनुच्छेद 35-ए और 370 को तुरंत हटाने की मांग की ताकि जम्मू कश्मीर का भारत के साथ पूरी तरह से विलय हो सके।
डा. अग्निशेखर ने जम्मू के भारत के साथ रिश्ते के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि जम्मू एक शक्तिपीठ है। उन्होंने सभ्यता के खिलाफ काम कर रहे लोगों के खिलाफ एकजुट होने को कहा। उन्होंने कहा कि समय आ गया है जब जम्मू के लोगों को अपनी ताकत को पहचानना होगा। डा. अजय चंरगु ने कहा कि भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में जम्मू कश्मीर को मुस्लिम राज्य बनाने के लिए की गई साजिशों के बारे में बताया।
सरकार जानती है जम्मू में जेहाद: सुशील पंडित
विस्थापित कश्मीरी पंडितों की आवाज बुलंद करने वाले सुशील पंडित ने कहा कि सरकार जम्मू में जारी जेहाद के बारे में सब कुछ जानती है। मगर इसकी उपेक्षा कर रही है। उन्होंने इसे जेहादियों के आगे जानबुझ कर किया गया आत्मसमर्पण करार दिया। उन्होंने जम्मू के लोगों को राज्य द्वारा प्रायोजित जनसांख्यिक स्वरूप को बदलने की साजिश के बारे में सतर्क रहने को कहा। उन्होंने इकजुट संगठन के बैनर तले ऐसी जेहादी ताकतों के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए जम्मू के लोगों की सराहना की। उन्होंने इकजुट संगठन को अपना पूरा समर्थन देने की घोषणा करते हुए कहा कि जनसांख्यिक स्वरूप को बदलने की साजिश को किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने दिया जाएगा।
राज्य का हो राजनीतिक पुनर्गठन: प्रो. मधु किश्वर
प्रो. मधु पूर्णिमा किश्वर ने देश के राजनीतिक दलों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि सभी जम्मू कश्मीर में जारी जेहाद के बारे में जानते हें परंतु इसकी जानबूझ कर अनदेखी कर रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ मीडिया वाले भी राजनीतिज्ञों से मिले हैं और राज्य में जेहाद के सही चेहरे को नहीं दिखाते। उन्होंने इकजुट जम्मू की सराहना करते हुए कहा कि इस संगठन ने यहां की समस्या को सही तरीके से बताया। उन्होंने राज्य की राजनीतिक पुनर्गठन करने की मांग की और जम्मू, कश्मीर तथा लद्दाख को अलग-अलग राज्य बनाने और कश्मीर में विस्थापित पंडितों के लिए होमलैंड बनाने की मांग की।
समस्या को सही नाम दें, छुपाएं न:गोविदांचार्य
वरिष्ठ राजनीतिक चिंतक केएन गोविंदाचार्य ने कहा कि वह जम्मू में यहां की समस्याओं और हालात को जानने के लिए आए थे। यहां के लोगों से मिलकर उन्हें लगा कि यहां के जनसांख्यिक स्वरूप को बदलने की साजिश हाे रही है। जम्मू के लोगों को नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि यहां की समस्याओं को सही नाम से बुलाया जाए। किसी के दबाव में उन्हें नजरअंदाज न किया जाए। इससे समाज और देश दोनों की ही भलाई नहीं होगी। उन्होंने कहा कि यहां की सभ्यता पर जो हमला हुआ है, उसके खिलाफ लड़ने की जरूरत है। किश्तवाड़ में भाजपा नेता की हत्या पर सीधे तौर पर तो उन्होंने कुछ नहीं कहा मगर गोविंदाचार्य का कहना था कि इन साजिशों को समजने की जरूरत है। जम्मू के लोगों ने सही समय पर इकजुट संगठन का गठन किया है।
ये प्रस्ताव हुए पारित
- जम्मू कश्मीर एक धर्मनिरपेक्ष नहीं बल्कि एक मुस्लिम राज्य है। यहां आतंकवाद के नाम पर जेहाद हो रहा है। इकजुट संगठन का मकसद लोगों को इस जेहाद के बारे में जागरूक करना है।
- राज्य के जनसांख्यिक स्वरूप को बदलने की साजिश को रोकने के लिए कहा गया। इसमें संगठन ने एक कमेटी गठित की है जो कि डेढ़ महीने में अपनी रिपोर्ट देगी।