Corona Warriors: जम्मू में अदृश्य दुश्मन को हुनर से हरा रहे कोरोना योद्धा
अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. राजेश्वर शर्मा का कहना है कि अस्पताल में अभी तक सभी मरीजों के ठीक होने के पीछे पूरी टीम का ईमानदारी के साथ काम करना है।
जम्मू, रोहित जंडियाल। जम्मू का चेस्ट डिजीज अस्पताल प्रदेश का पहला कोविड अस्पताल बन गया है, जहां अभी तक आए सौ से अधिक मरीज ठीक हो गए हैं। यहां भर्ती एक भी मरीज की मौत नहीं हुई है। मेडिसीन विभाग से लेकर चेस्ट डिजीज विभाग के विशेषज्ञ ड्यूटी दे रहे हैं। वहीं, गांधीनगर अस्पताल में बच्चों से लेकर गर्भवती महिलाएं तक भर्ती हैं। यहां से भी सभी मरीज ठीक होकर घर गए हैं।
प्रदेश में अब तक 3775 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 1126 मरीज पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। जम्मू संभाग में 191 और कश्मीर में 935 मरीज ठीक हुए हैं। दिलचस्प यह है कि जम्मू संभाग में कुल 852 मरीजों में सबसे अधिक 175 मरीज जम्मू के चेस्ट डिजीज अस्पताल में भर्ती किए गए। यह पहला अस्पताल है, जहां पर अभी तक 106 मरीज स्वस्थ हुए हैं। शेष का इलाज जारी है। जम्मू के डिग्याना क्षेत्र के 85 वर्षीय बुजुर्ग यहीं से ठीक होकर घर गए। यहां पर भर्ती होने वाले मरीजों में आधे से अधिक की उम्र पचास साल से अधिक है। इस अस्पताल में युवा डॉक्टर रेखा रानी और डॉ. सहरिश से लेकर वरिष्ठ डॉक्टर चेस्ट डिजिजेस के एचओडी डॉ. राहुल गुप्ता और मेडिसीन विभाग के डॉ. अनिल शर्मा तक मरीजों की जांच करने के लिए आते हैं। नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ तीन शिफ्टों में ड्यूटी देता है।
अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. राजेश्वर शर्मा का कहना है कि अस्पताल में अभी तक सभी मरीजों के ठीक होने के पीछे पूरी टीम का ईमानदारी के साथ काम करना है। डॉक्टर आठ घंटे से भी अधिक ड्यूटी देते हैं। युवा महिला डॉक्टर भी सुबह से लेकर रात तक आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी दे रही है। अपने परिजनों के साथ बात किए हुए भी उन्हें कई दिन हो पाते हैं। सफाई कर्मचारियों से लेकर डॉक्टरों तक की अपनी भूमिका है। वहीं, शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेस श्रीनगर में दो सौ से अधिक मरीज स्वस्थ होकर घरों में गए हैं, लेकिन पांच की मौत भी हुई है। सीडी अस्पताल श्रीनगर में भी सौ से अधिक मरीज ठीक होकर गए हैं लेकिन वहां पर भी मरीजों की मौत हुई है।
कोविड अस्पताल गांधीनगर में 43 मरीज ठीकः जम्मू संभाग में चेस्ट डिजीज अस्पताल के बाद गांधीनगर अस्पताल अहम है। यहां अभी तक 83 मरीज भर्ती हो चुके हैं। इनमें 43 मरीज ठीक हुए। अभी भी 40 मरीज भर्ती हैं। इनमें पंद्रह संक्रमित की उम्र अठारह साल से कम है। यहां बच्चों से लेकर संक्रमित होने वाली गर्भवती महिलाएं भी भर्ती हैं। ऊधमपुर के नरसू से लेकर टिकरी और कठुआ, राजौरी से लेकर सांबा तक के मरीज भर्ती हैं। अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. लक्षमण दास भगत का कहना है कि अस्पताल में आने वाले सभी मरीजों की बेहतर देखभाल की जाती है। अभी तक सफलता भी मिली है।