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तीसरी आंख की जद में रहेंगे तवी का सीना छलनी करने वाले

जागरण संवाददाता, जम्मू : हाईकोर्ट के निर्देश का उल्लंघन करते हुए तवी नदी का सीना छलनी

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 07:44 PM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 07:44 PM (IST)
तीसरी आंख की जद में रहेंगे तवी का सीना छलनी करने वाले
तीसरी आंख की जद में रहेंगे तवी का सीना छलनी करने वाले

जागरण संवाददाता, जम्मू : हाईकोर्ट के निर्देश का उल्लंघन करते हुए तवी नदी का सीना छलनी करने वालों पर नजर रखने के लिए अब संवेदनशील क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। तवी नदी से रोजाना सैकड़ों ट्रक रेत-बजरी व पत्थर का खनन हो रहा है। शहर में जारी निर्माण कार्यो में इसका इस्तेमाल हो रहा है। तवी नदी के आसपास स्टोन क्रशर भी चल रहे हैं। इन सब पर नकेल कसने के लिए अब जियोलॉजी एंड माइ¨नग विभाग ने सीसीटीवी कैमरे लगाने का फैसला किया है।

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विभाग की ओर से बेलीचराना व सिदड़ा के आसपास कुछ संवेदनशील स्थलों को चिन्हित किया गया है जहां पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। विभाग एक कंट्रोल रूम स्थापित करने जा रहा है, जहां सीसीटीवी की फुटेज देखी जा सकेगी। इसके अलावा विभाग ने सिदड़ा व बेलीचराना में विशेष चौकियां स्थापित कर खनन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी शुरू कर दी है। तवी नदी से हो रहे इस खनन को रोकने के लिए पुलिस विभाग की भी मदद ली जा रही है और रोजाना रिपोर्ट विभाग को सौंपी जा रही है।

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दो साल पहले लगा था प्रतिबंध

हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर दायर एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान वर्ष 2016 में तवी नदी से खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। दो साल से इस आदेश को प्रभावी ढंग से लागू करने के प्रयास किए जा रहे हैं। हाईकोर्ट में इस केस पर सुनवाई अभी भी जारी है। हाईकोर्ट के सख्त निर्देश हैं कि अगर कोई खनन करता पाया जाता है, तो गाड़ी जब्त की जाए। इसे लेकर अभी तक करीब दो दर्जन टिप्पर-ट्राली जब्त भी हो चुकी है।

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आठ स्टोन क्रशर भी हुए सील

-खनन पर प्रतिबंध को प्रभावी बनाने के लिए जियोलॉजी एंड माइ¨नग विभाग भी पिछले कुछ समय में काफी सक्रिय हुआ है। एक महीने की कार्रवाई में अब तक आठ स्टोन क्रशर सील किए गए हैं। यह स्टोन क्रशर तवी नदी के आसपास के क्षेत्रों में ही चल रहे थे और यहां पर तवी से खनन पत्थर से बजरी व अन्य निर्माण सामग्री तैयार की जा रही थी। विभाग की टीमें लगातार स्टोन क्रशरों पर नजर लगाए हुए हैं और आगे भी यह कार्रवाई जारी रहने की संभावना है।

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विरोध भी हुआ शुरू

-प्रशासनिक स्तर पर खनन पर रोक को कठोरता से लागू किए जाने के बाद इसके विरोध में भी स्वर उठने लगे हैं। गत दिनों आरएसपुरा व तवी नदी के साथ लगते कुछ इलाकों में टिप्पर-ट्राली चालकों ने सरकारी कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए प्रतिबंध को हटाने की मांग की। इन लोगों का कहना है कि उनकी रोजी-रोटी तवी से निकलने वाली रेत-बजरी व पत्थर पर ही चलती है और प्रतिबंध के फैसले से वे बेरोजगार हो गए हैं। आरएसपुरा के विधायक डॉ. गगन भगत भी इन लोगों के समर्थन में आ गए हैं। उन्होंने भी प्रतिबंध हटाने की मांग की है।


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