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अब सड़क पर मवेशी पकड़े गए तो कोर्ट से होंगे रिलीज, मवेशियों की चमड़ी पर लगेंगे आरएफआइडी

आरएफआइडी डिवाइस पर 250 रुपये खर्च आता है जो मवेशी के मालिक को देना होता है। हरेक मवेशी की टैगिंग अनिवार्य की जा रही है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 13 Feb 2019 11:17 AM (IST)Updated: Wed, 13 Feb 2019 11:17 AM (IST)
अब सड़क पर मवेशी पकड़े गए तो कोर्ट से होंगे रिलीज, मवेशियों की चमड़ी पर लगेंगे आरएफआइडी
अब सड़क पर मवेशी पकड़े गए तो कोर्ट से होंगे रिलीज, मवेशियों की चमड़ी पर लगेंगे आरएफआइडी

जम्मू, अंचल सिंह। हादसों का सबब बन रहे आवारा मवेशियों पर नकेल कसने के लिए जम्मू नगर निगम इनमें रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस (आरएफआइडी) लगाने जा रहा है। आरएफआइडी मवेशियों की चमड़ी में लगाई जाएगी। इसमें मवेशी के मालिक का संपूर्ण ब्यौरा रहेगा। मवेशी के पकड़े जाने पर फौरन साफ्टवेयर में जानकारी सामने आ जाएगी। फिर निगम प्रभावी कार्रवाई कर सकेगा।

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नगर निगम की वेटनरी सेक्शन में इस दिशा में प्रभावी कदम उठाना शुरू कर दिए हैं। करीब महीना पहले मेयर चंद्र मोहन गुप्ता ने ट्रायल बेस पर मवेशियों की टैंगिंग की इस प्रक्रिया का शुभारंभ किया था। इसके लिए व्यवस्था बनाने, उपकरण जुटाने समेत अन्य कार्रवाई को पूरा करते हुए निगम अभी तक 66 मवेशियों में आरएफआइडी लगा चुका है। आवारा मवेशियों को पकड़ने की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है। हरेक डिवाइस पर 250 रुपये खर्च आता है जो मवेशी के मालिक को देना होता है। हरेक मवेशी की टैगिंग अनिवार्य की जा रही है। शहर में मवेशी रखने वाले को यह टैगिंग करवानी ही होगी। इसके बाद निगम के पास मवेशियों का पर्याप्त डाटा भी उपलब्ध रहेगा। विभिन्न योजनाओं का लाभ देने के लिए भी यह डाटा काम में लाया जाएगा। शहर में चल रही डेयरियों को इसके अधीन लाते हुए सभी मवेशियों को आरएफआइडी लगाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

 

कैसे काम करता है यह डिवाइस

आरएफआइडी मवेशी की गर्दन के नजदीक चमड़ी को उठाकर उसमें लगा दिया जाता है। बिलकुल छोटे से आकार के इस डिवाइस को फिर इसके लिए बनाए गए साफ्टवेयर में अपडेट करते हुए मवेशी के मालिक की विस्तृत जानकारी इसमें डाल दी जाती है। इससे मवेशी जब भी निगम के कैटल पांड में पकड़ कर लाया जाएगा तो सारी जानकारी सामने आ जाएगी। यह साफ्टवेयर एक ऐप के तौर पर काम करता है। म्यूनिसिपल वेटनरी विंग के कर्मचारियों को इसे चलाने की ट्रेनिंग दे दी गई है।

ऐसे करें आवेदन

शहर में जिन लोगों ने मवेशी रखे हैं। वे आरएफआइडी लगवाने के लिए नगर निगम की वेटनरी सेक्शन में इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। टाउन हाल स्थित म्यूनिसिपल वेटनरी आफिसर के कार्यालय में आवेदक जानकारी देगा। इसके बाद निगम उसे एक तारीख देगा। उस दिन मवेशी में यह डिवाइस लगा दिया जाएगा। इससे मवेशियों के गुम होने की घटनाओं की पुनरावृत्ति भी रुकेगी। प्रत्येक आरएफआइडी के लिए 250 रुपये फीस देनी होगी। अगर मवेशी निगम की टीम पकड़ कर लाती है तो मवेशी का जुर्माना और टैगिंग के 250 रुपये देने पड़ेंगे। दूसरी बार मवेशी के पकड़े जाने पर निगम मवेशी का चालान डिवाइस में दर्ज पत्ते पर चालान भेजेगा। फिर मवेशी कोर्ट से भी रिलीज करवाया जा सकेगा।

आरएफआइडी से फायदे

आरएफआइडी के लगाने के बाद सड़कों पर घूम रहे आवारा मवेशी नजर नहीं आएंगे। मवेशियों की लोकेशन इस डिवाइस से पता चल जाएगी। जिन मवेशियों का कोई मालिक सामने नहीं अाएगा। निगम उनमें से गाय और बछड़े को छोड़ बाकी सबकी नीलामी कर देगा। गाय और बछड़े को गौशाला में छोड़ दिया जाएगा। इस तरह आवारा मवेशी सड़कों पर नहीं दिखेंगे। डिवाइस वाले मवेशियों को पता आराम से चल जाएगा।

यह होता है जुर्माना

  • -गर्भधारण किए मवेशी और दूध देने वाले मवेशी : 1,000
  • -दूध नहीं देने वाले मवेशी : 600 रुपये
  • -मवेशियों के बच्चे : 200 रुपये
  • -रोजाना मवेशी के खाने का खर्च : 40 रुपये

‘हमने मवेशियों की टैगिंग शुरू कर दी है। अभी तक 66 मवेशियों में रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस लगाए गए हैं। शहर में दो डेयरियों में भी 18-18 मवेशियों की टैंगिंग की गई। हमने ट्रायल पर इसे शुरू किया था। अच्छे रिजल्ट आ रहे हैं। डेयरी वालों को भी लाभ होगा। वे बायो गैस जैसे प्लांट लगाएंगे तो योजनाओं को लेने में सुविधा होगी। मात्र 250 रुपये में यह डिवाइस लगा दिया जाएगा।’ -डा. जफर इकबाल, म्यूनिसिपल वेटनरी आफिसर, जम्मू

‘आवारा मवेशी सड़कों पर हादसों को न्यौता देते हैं। कई बार पकड़ने के बावजूद मालिक सुधरते नहीं थे। अब आराम से पता चल जाएगा कि कौन सा मवेशी बार-बार खुला छोड़ा जाता है। पहली बार जुर्माना करेंगे। दूसरी बार से कोर्ट में चालान भेज दिया जाएगा। लोग मवेशियों को खुला छोड़ने से परहेज करेंगे। इससे दुर्घटनाओं में कमी आएगी। हमारे पास भी शहर में मवेशियों का डाटा रहेगा। डेयरी वालों को बायो गैस प्लांट लगाकर देने जैसी योजनाओं से निगम राहत पहुंचाएगा।’ -चंद्र मोहन गुप्ता, मेयर, जम्मू नगर निगम 


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