विश्व हृदय दिवस : दिल से कर रहे दिल के रोगियों का इलाज
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल जम्मू में हृदय रोग विशेषज्ञ डा. सुशील शर्मा उन चुनिंदा डाक्टरों में हैं जिन्होंने यह प्रयास किया कि सभी के दिल स्वस्थ्य रहें।
जम्मू, राज्य ब्यूरो । दिल शरीर का जितना नाजुक भाग है, उतना ही इसका रोग गंभीर है। जरा सी बात दिल को ठेस पहुंचाती है। इसका असर दिल पर पड़ता है। यही नहीं बदली हुई जीवनशैली ने दिल को और प्रभावित किया। यही कारण है कि अब दिल के रोग मौत के सबसे बड़े कारणों में एक हैं। लेकिन दिल के रोगों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए जम्मू-कश्मीर में बहुत कम लोग हैं जिन्होंने प्रयास किया हो।
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल जम्मू में हृदय रोग विशेषज्ञ डा. सुशील शर्मा उन चुनिंदा डाक्टरों में हैं जिन्होंने यह प्रयास किया कि सभी के दिल स्वस्थ्य रहें। वह हर रविवार को जम्मू संभाग के दूरदराज क्षेत्रों में जाकर न सिर्फ लोगों को हृदय रोगों के प्रति जागरूक कर रहे हैं बल्कि उनके दिल की जांच कर यह भी प्रयास कर रहे हैं कि उनका दिल स्वस्थ्य रहे। जम्मू संभाग के पुंZछ जिले के रहने वाले डा. सुशील ने हृदय रोग विभाग के एचओडी भी हैं। वह उन चंद डाक्टरों में है जिन्होंने निजी प्रेक्टिस को कभी भी प्राथमिकता नहीं दी। वह खाली समय में भी निशुल्क लोगों के स्वास्थ्य की जांच करते हैं। वह राजौरी, पुंछ, कठुआ, सांबा, जम्मू सहित कई जिलों के सीमावर्ती क्षेत्रों सहित विभिन्न क्षेत्रों में सौ से अधिक कैंप आयोजित कर चुके हैं।
राज्य सरकार उन्हें इसके लिए राज्य पुरस्कार से भी सम्मानित कर चुकी है। उनका कहना है कि जम्मू-कश्मीर में हृदय रोग को लेकर जागरूकता की कमी है। स्कूलों में बच्चों को डांस सिखाया जाता है पर सेहत के प्रति जागरूक नहीं किया जाता। जिनके घर में किसी को यह रोग है उनके बच्चों में भी इसकी आशंका रहती है। ऐसे में अगर स्कूल के समय से ही बच्चों को जागरूक किया जाए तो इस रोग को कम किया जा सकता है।
सीमांत क्षेत्रों में बढ़े हृदय रोग
डा. सुशील का मानना है कि राज्य के सीमांत क्षेत्रों में अक्सर होने वाले संघर्ष विराम उल्लंघन का असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। इन क्षेत्रों में कुछ वर्ष में हृदय रोग भी बढ़े हैं। पाकिस्तान की गोलाबारी के कारण लोगों की जीवनशैली में बहुत बदलाव आया है। इसका सीधा असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। बार-बार पलायन करने से मानसिक तनाव बढ़ा है। कई लोग इससे मधुमेह और उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं। यह दोनों ही बीमारियां हृदय रोगों का भी एक बड़ा कारण है।
हृदय रोग बढ़ने के कई कारण
हृदय रोग बढ़ने के कई कारण हैं। आतंकवाद, पलायन, तनाव, जीवनशैली में बदलाव प्रमुख कारण हैं। आसपास के माहौल में जितना तनाव होगा, उतना ही दिल पर इसका विपरीत असर पड़ता है। यही नहीं लोगों ने व्यायाम करना छोड़ दिया है। नियमित रूप से 45 मिनट व्यायाम करने से इस रोग के होने की आशंका कम हो जाती है।
धूम्रपान ने बढ़ाई समस्या
धूम्रपान शरीर के अधिकांश भागों को प्रभावित करता है। इससे हृदय, रक्त धमनियां, फेफड़े, आंखें, मुंह, हड्डियां और पाचन क्रिया तक प्रभावित होती है। धूम्रपान दिल को बुरी तरह से प्रभावित करता है। इस कारण हृदय रोगों का एक बड़ा कारण धूम्रपान है। अधिक कालेस्ट्राल, मोटापा, उच्च रक्तचाप या अन्य रिक्त फैक्टरों के साथ जब धूम्रपान को जोड़ा जाता है तो यह दिल के लिए खतरनाक हो जाता है।
जंक फूड भी एक कारण
डाक्टरों के अनुसार फल व सब्जियां खाने के स्थान पर जंक फूड की ओर अधिक रुझान होना भी है। यही नहीं हाई फैट डाइट ने इस समस्या को और बढ़ाया है।
दो गुणा हुई हृदय रोगियों की संख्या
जम्मू-कश्मीर में हृदय रोगियों की संख्या लगातार बढ़ी है। डा. सुशील के अनुसार कुछ वर्ष में हृदय रोगियों की संख्या दोगुना हो गई है। सुपर स्पेशलिटी हर समय कार्डियक केयर यूनिट (सीसीयू) भरा रहता है। जीएमसी के अलावा श्री माता वैष्णो देवी नारायणा सुपर स्पेशिलटी अस्पताल और आचार्य श्री चंद्र कालेज ऑफ मेडिकल सांइसेज में भी यही हाल है। बहुत से हृदय रोगी इलाज के लिए बाहरी राज्यों में भी जाते हैं।
अच्छा वातावरण रखें
जम्मू: दिल का रोग न हो, इसके लिए यह जरूरी है कि आपके कार्यालय, घर, खेल के मैदान सहित हर जगह पर वातावरण अच्छा हो। यही नहीं हरि सब्जियों का सेवन करें। जंक फूड के सेवन से परहेज करें। सिगरेट पीना छोड़ दें। पारंपरिक जीवन शैली अपनाएं।
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