जम्मू-कश्मीर को TB मुक्त करने के लिए चलेगा अभियान
जम्मू-कश्मीर को साल 2025 तक टीबी मुक्त करने के उद्देश्य से जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शनिवार को क्षय रोग (टीबी) उन्मूलन कार्य योजना शुरू की।
जम्मू, राज्य ब्यूरो । जम्मू-कश्मीर को साल 2025 तक टीबी मुक्त करने के उद्देश्य से जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शनिवार को क्षय रोग (टीबी) उन्मूलन कार्य योजना शुरू की। जम्मू के कन्वेंशन सेंटर में वित्तीय आयुक्त स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा, अटल ढुल्लू ने इसे शुरू किया गया। ढुल्लू ने कहा कि टीबी का उन्मूलन करना देश के प्रधानमंत्री का स्पष्ट दृष्टिकोण है आैर हमें 2025 तक टीबी उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय सामरिक योजना के तहत गतिविधियाें को एक मिशन मोड में आगे ले जाना है। उन्हाेंने कहा कि सरकार का लक्ष्य सार्वभौमिक टीबी कवरेज आैर निवारक सेवाआें में तेजी लाना है।
उन्हाेंने कहा कि इसका उद्देश्य टीबी के नए मामलाें के जल्द पता लगाने आैर रोकथाम के लिए समुदाय में स्वास्थ्य की मांग को बढ़ावा देना है। उन्हाेंने समुदाय सहित विभिन्न हितधारकाें के माध्यम से रोगी केंद्रित देखभाल सुनिश्चित करने आैर टीबी देखभाल का विस्तार करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्हाेंने कहा कि महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, लेकिन अभी बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है आैर सरकार 2025 तक लक्ष्य हासिल करने के अपने प्रयासाें को तेज करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
वित्तीय आयुक्त ने टीबी उन्मूलन रणनीति के लिए विभिन्न घटकाें को भी इंगित किया आैर एडवोकेसी, कम्युनिकेशन एंड सोशल मोबिलाइजेशन के माध्यम से जागरूकता पैदा करने पर जोर दिया। उन्हाेंने कहा कि टीबी के बारे में सभी प्रकार के मीडिया का उपयोग करके आक्रामक सूचना, शिक्षा आैर संचार जागरूकता पैदा करके आैर कमजोर आबादी का डेटा बेस तैयार करके टीबी उन्मूलन की योजना बनाने के लिए स्थानीय लोगाें को शामिल किया जाएगा।
भारत सरकार ने 2030 तक वैश्विक लक्ष्य के विपरीत 2025 तक टीबी से संबंधित सतत विकास लक्ष्याें को प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। देश 2025 तक टीबी को समाप्त करने के लिए एक राष्ट्रीय सामरिक योजना 2017-25 लागू कर रहा है। संशोधित राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम (आरएनटीसीपी) अप्रैल 2004 में जम्मू-कश्मीर में लांच किया गया था आैर फिर सितंबर 2005 तक जम्मू-कष्मीर के सभी जिलाें में विस्तारित किया गया। जम्मू-कश्मीर में 12 जिला टीबी केंद्र, 104 उपचार इकाइयाँ आैर 164 नामित माइक्रोस्केापिक केंद्र हैं।
मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, भूपेंद्र कुमार ने सभी से सहयोग की मांग करते हुए जम्मू-कश्मीर में संशोधित राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम (आरएनटीसीपी) का अवलोकन प्रस्तुत किया। उन्हाेंने कहा कि सरकार स्वास्थ्य प्रचार गतिविधियाें में पंचांयत राज संस्थानाें, गैर सरकारी संगठनाें, स्थानीय निकायाें को शामिल करने के लिए तत्पर है। उन्हाेंने कहा कि इस रोग से हर साल देश में चार लाख लोगों की जान जाती है। ऐसे में इस मिटाने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। कार्यक्रम के दौरान सेंट्रल टीबी डिवीजन, दिल्ली राज्य आैर तेलंगाना राज्य के विशेषज्ञाें ने अपने अनुभव साझा किए।
समारोह में निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं जम्मू, रेणु शर्मा; डायरेक्टर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन जेएंडके मोहन सिंह; निदेशक परिवार कल्याण जेएंडके अरुण शर्मा, उप महानिदेशक सेंट्रल टीबी डिवीजन, केएस सचदेवा, प्रिंसिपल मेडिकल कॉलेज जम्मू सुनंदा रैना, मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, तेलंगाना, योगिता राणा, राज्य के तपेदिक चिकित्सक, दिल्ली, अश्विनी खन्ना आैर चिकित्सा अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी आैर अन्य तपेदिक अधिकारी उपस्थित थे।