कैबिनेट में भाजपा ने दिखाए कड़े तेवर, एकतरफा फैसले मंजूर नहीं
राज्य ब्यूरो, जम्मू : गठबंधन सरकार में लगातार नजरअंदाज किए जाने से सुलग रही भाजपा ने मंगलवार का
राज्य ब्यूरो, जम्मू : गठबंधन सरकार में लगातार नजरअंदाज किए जाने से सुलग रही भाजपा ने मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक में सहयोगी पार्टी पीडीपी को कड़े तेवर दिखाते हुए दो टूक कहा कि उसे एकतरफा फैसले मंजूर नहीं। भाजपा के मंत्रियों ने नौशहरा, सुंदरबनी व कालाकोट उपजिलों में बने हालात व जनजातीय विभाग की बैठक के विवादास्पद मिनट्स पर पीडीपी को घेरा। प्रदेश भाजपा में यह बदलाव भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव के हाल ही में जम्मू कश्मीर दौरा के तुरंत बाद देखने को मिला है।
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में भाजपा ने एक-एक कर सभी मुद्दे उठाए। सूत्रों के अनुसार, भाजपा के मंत्रियों ने कहा कि पीडीपी के एक तरफा फैसलों ने भाजपा को लोगों के सामने कटघरे में खड़ा कर दिया है। लिहाजा, अब मुख्यमंत्री जल्द ऐसा फैसला करें जो नौशहरा, सुंदरबनी व कालाकोट के निवासियों को मंजूर हो। इस मामले में मुख्य भूमिका निभाने वाले पीडीपी के मंत्री चौधरी जुलिफ्कार निशाने पर रहे।
भाजपा मंत्रियों ने कहा कि अगर कोटरंका में अतिरिक्त जिलाधीश बैठाने का फैसला करते हुए उसे विश्वास में लिया जाता तो हालात और होते। वहां एक और अतिरिक्त जिलाधीश दे दिया जाता तो विवाद न पैदा होता। सूत्रों के अनुसार, कैबिनेट बैठक में उपमुख्यमंत्री डॉ. निर्मल सिंह, बाली भगत, चंद्र प्रकाश गंगा ने गुज्जर, बक्करवालों के अवैध कब्जों को न छेड़ने संबंधी जनजातीय विभाग की बैठक के मिनट्स पर सरकार को घेरा। मंत्रियों ने पूछा कि आज तक विवादस्पद मिनट्स वापस लेने की दिशा में सरकार की ओर से कार्रवाई क्यों नही की गई है। भाजपा मंत्रियों ने मुख्यमंत्री से पूछा कि उनकी अध्यक्षता वाली जनजातीय विभाग की बैठक में मौजूद भाजपा के राज्यमंत्री अजय नंदा के आपत्ति जताने को महत्व क्यों नहीं दिया गया। नंदा के इस मामले में लिखित में विरोध जताने व मिनट्स बनाते समय जानबूझ कर कुछ विवादस्पद बातें इसमें जोड़ने के मामले में सरकार हरकत में क्यों नहीं आई। इस मामले में कुछ अधिक न बोलते हुए मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि बैठक के मिनट्स को निरस्त माना जाना चाहिए।
सूत्रों के अनुसार भाजपा ने बैठक में रिंग रोड़ के मुआवजे के मामले में जम्मू क्षेत्र के किसानों को नजरअंदाज करने का मुद्दा भी उठाया। इस दौरान सहमति बनी कि सरकार किसानों को उनकी जमीनों का उचित मुआवजा देने की दिशा में जल्द कोई फैसला करेगी।
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