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श्रमिकों को सैफ्टी किट दी होती तो टल सकता था हादसा

अवधेश चौहान, जम्मू जम्मू में पर्यटकों को आकृर्षित करने वाली महत्वाकांक्षी केबल कार परिय

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Jan 2019 02:48 AM (IST)Updated: Mon, 21 Jan 2019 02:48 AM (IST)
श्रमिकों को सैफ्टी किट दी होती तो टल सकता था हादसा
श्रमिकों को सैफ्टी किट दी होती तो टल सकता था हादसा

अवधेश चौहान, जम्मू

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जम्मू में पर्यटकों को आकृर्षित करने वाली महत्वाकांक्षी केबल कार परियोजना पर रविवार को हुए हादसे में दमोदर रोप वे एडं इंफरा लिमिटेड कंपनी के अधिकारियों की घौर लापरवाही का नतीजा है। अगर मॉक एडं ड्रिल से पहले श्रमिकों को सेफ्टी बेल्ट और हेल्मेट दिए गए होते तो शायद टल सकता था हादसा। जम्मू राजकीय मेडिकल कालेज के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट दारा ¨सह का कहना है कि दो मजदूरों को हेड इंज्यूरी हुई है। जबकि एक मजदूर का सिर पत्थर से टकराने के बाद उसे अस्पताल में मृत लाया गया। जबकि एक अन्य की भी सिर में गंभीर चोट आने से मौत हुई।

दमोदर एक विश्वसनीय कंपनी है और हाल ही माता वैष्णों देवी के भैरा घाटी रोप वे प्रोजेक्ट भी इसी कंपनी की भेंट है। कोलकाता की इस कंपनी के देशभर में 12 प्रोजेक्ट चल रहे हैं। जिसमें 4 उत्तर पूर्वी राज्य, ऋषिकेश, त्रिकुट और दिल्ली भी शामिल है। विडंबना यह है कि मॉक ड्रिल के दौरान जिस ओपन केबिन में श्रमिकों को रेस्क्यू के लिए जो कार्य सौंपा था, उसमें कोई भी इंजीनियर शामिल नही था, जो उन्हें यह बता सके कि किसी भी इमरजेंसी के हालातों में केबिन में फंसे लोगों को कैसे निकाला जा सके। केवल मजदूरों के अधार पर केबल कार में अभियान चलाया जाना खतरे से खाली नही था, क्योंकि मजदूरों की ना समझी ही उनकी जान पर भारी पड़ी। इन मजदूरों की सबसे बड़ी गलती यह थी कि जब वे मॉक ड्रिल के दौरान साथ लगती बंद केबिन का दरवाजा खोल रहे थे, तभी सारे छह के छह मजदूर एक जगह इक्ट्ठे हो गए, जिससे ओपन केबिन वाली ट्राली वजन के कारण एक तरफ झुक गई और ट्राली समेत मजदूर 40 फुट नीचे जा गिरे । जेएडं केबल कार कारपोरेशन के प्रंबधक निदेशक शमीम अहमद वानी का कहना है कि जोखिम ऐसी कामों में श्रमिकों की पेट में सेफ्टी बेल्ट बांधी जाती है, जो रोप वे से जुड़ी होती है। इसके अलावा हेल्मेट लाजमी होते हैं। जिससे कि अगर ट्राली या केबिन पलट भी जाए तो फंसे लोग कमर में बंधी बेल्ट के कारण सुरक्षित निकाल लिए जाते और वे नीचे नही गिरते। उन्हें बाद में सुरक्षित निकाला जा सकता था। लेकिन मौजूदा दुर्घटना में श्रमिकों को बिना सैफ्टी किट के मॉक ड्रिल के भेजना दुर्भाग्यपूर्ण ही नही बल्कि घोर लापरवाही है।


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