Jammu Kashmir Budget 2021-22: जमीनी स्तर पर विकास की नींव का बजट, पंचायती राज व्यवस्था मजबूत होगी
भाजपा नेतृत्व में पंचायती राज व्यवस्था की मजबूती की दिशा में प्रभावी कदम उठ रहे हैं। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर का दूसरा बजट इसका जीवंत उदाहरण है। इस बजट से ग्रामीण क्षेत्रों में भी गली-मुहल्ला स्तर पर काम होंगे और जन सुधार होगा।
जम्मू, जागरण संवाददाता : भाजपा नेतृत्व में पंचायती राज व्यवस्था की मजबूती की दिशा में प्रभावी कदम उठ रहे हैं। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर का दूसरा बजट इसका जीवंत उदाहरण है। इस बजट से ग्रामीण क्षेत्रों में भी गली-मुहल्ला स्तर पर काम होंगे और जन सुधार होगा। जिलों के अधीन आने वाले क्षेत्र व विकास को ध्यान में रखते हुए इस बजट में और बढ़ोतरी की जरूरत है। जिला विकास परिषदों और ब्लाक विकास परिषदों के लिए जारी बजट सराहनीय है।
जिला विकास परिषद व ब्लाक विकास परिषद के सदस्यों ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट की सराहना करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर की प्रत्येक डीडीसी को 10-10 करोड़ रुपये दिए जाने से जमीनी स्तर पर पंचायती राज व्यवस्था को मजबूती मिली है। उनका कहना है कि 10 करोड़ रुपये एक विधायक की तरफ सीडीएफ की तरह होंगे। हरेक जिला विकास परिषद में 14 सदस्य हैं। करीब 70 लाख रुपये की राशि प्रत्येक सदस्य के हिस्से में आई है। वहीं बीडीसी के प्रत्येक सदस्य को 25 लाख रुपये का सीडीएफ मिला है। इसे वे अपने क्षेत्राधिकार में खर्च कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि अब डीडीसी और बीडीसी के कार्यालय बन पाएंगे क्योंकि इनके लिए 30 करोड़ रुपये की राशि रखी गई है। जब कार्यालय होंगे लोगों को सुना जा सकेगा। उनकी समस्याएं हल की जा सकेंगी। उन्होंने कहा कि करीब 63 प्रतिशत राशि को विकास योजनाओं पर खर्च किया जा सकेगा। इतना ही नहीं इस बजट में सरकार ने जम्मू-कश्मीर के 285 ब्लाक के लिए 71.25 करोड़ रुपये रखे गए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे शहरों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी जन सुधार होगा।
जमीनी स्तर पर दिखेगा विकास
जम्मू जिला विकास परिषद के चेयरमैन भारत भूषण बोधी का कहना है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह बजट सराहनीय है। इससे विकास की रफ्तार बढ़ेगी। प्रत्येक डीडीसी को 10 करोड़ रुपये सीडीएफ की तरह मिले हैं। इसके अलावा विकास के लिए विभिन्न योजनाओं के लिए भी अलग बजट है। बोधी ने कहा कि बजट का कुल 37 फीसद विकास और बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं पर खर्च होना है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण और शहरी इलाकों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पंचायत राज संस्थानों और नगर निकायों को करीब 1,313 करोड़ रुपये मिलेंगे। उन्होंने कहा कि जिला के क्षेत्र और विकास को ध्यान में रखते हुए फंड दिए जाने चाहिए ताकि जहां ज्यादा काम करवाने की जरूरत है, वहां दिक्कतें न हों।
हरेक गांव में सड़कों का जाल बिछेगा
बिश्नाह क्षेत्र से जिला विकास परिषद के सदस्य धर्मेंद्र कुमार का कहना है कि अगले वित्त वर्ष के लिए 1,08,621 करोड़ रुपये का जो बजट पेश किया गया है, उससे जमीनी स्तर पर विकास होगा। पंचायती राज मजबूत होगा। उन्होंने बजट में डीडीसी और बीडीसी कार्यालयों की स्थापना व अन्य आवश्यक सुविधाओं को जुटाने के लिए करीब 30 करोड़ रुपये खर्चे जाने हैं। ऐसा होने से जमीनी स्तर पर लोगों से जुड़ाव बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के लिए 1500 करोड़ रुपये रखे गए हैं। इससे हरेक गांव में सड़कों का जाल बिछेगा और ग्रामीण क्षेत्र विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ेंगे। इतना ही नहीं इस बजट में नाबार्ड की परियोजनाओं के लिए 500 करोड़ रुपये की राशि रखी गई है। सरकार ने जमीनी स्तर पर काम करने की ठान ली है। केंद्र का यह बजट आम जनता को सुविधा प्रदान करेगा।