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Jammu Kashmir: सुरंग पर बीएसएफ ने पाकिस्तान को आपत्ति पत्र और फोटो सौंपे

सुरंग व आसपास के इलाकों को खुफिया एजेंसियां खंगाल रहीं सांबा सेक्टर में सुरंग खोदाई का पर्दाफाश होने के बाद भी पाकिस्तान मानने को तैयार नहीं है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 01 Sep 2020 09:28 AM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2020 09:28 AM (IST)
Jammu Kashmir: सुरंग पर बीएसएफ ने पाकिस्तान को आपत्ति पत्र और फोटो सौंपे
Jammu Kashmir: सुरंग पर बीएसएफ ने पाकिस्तान को आपत्ति पत्र और फोटो सौंपे

जम्मू, राज्य ब्यूरो। सांबा सेक्टर में सुरंग खोदाई का पर्दाफाश होने के बाद भी पाकिस्तान मानने को तैयार नहीं है। सोमवार सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) ने पाकिस्तान रेंजर्स के समक्ष आपत्ति जताई है। अधिकारियों ने आरएसपुरा की आक्ट्राय पोस्ट पर पाक रेंजर्स को आपत्ति पत्र और खोदी सुरंग के फोटो भी सौंपे। बावजूद पाकिस्तान मानने को तैयार नहीं है।

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सूत्रों के अनुसार आपत्ति पत्र में स्पष्ट किया है कि पाक के अपने इलाके में सुरंग की खोदाई रेंजर्स की अफजल पोस्ट से सिर्फ पांच सौ गज की दूरी से शुरू हुई है। ऐसे में रेंजर्स के समर्थन के बिना सुरंग की खोदाई होना संभव नही है। पाक ने मिट्टी का ढेर इकटठा नहीं होने दिया। सुरंग व आसपास के इलाकों को खंगालने की खुफिया एजेंसियों की मुहिम सोमवार को जारी रही।

सीमा प्रहरी चप्पे-चप्पे को खंगाल सुनिश्चित कर रहे हैं कि कहीं किसी जगह तारबंदी को नुकसान तो नहीं पहुंचा है। बरसात में तारबंदी को पहुंची क्षति की भी भरपाई की जा रही है। दूसरी ओर सांबा सेक्टर में सुरंग की खोदाई कर पाकिस्तान को घेरने के लिए और सुबूत भी जुटाए जाएंगे। सीमा सुरक्षाबल विशेषज्ञों की मदद भी ले सकता है।

भारतीय क्षेत्र में यह सुरंग 170 मीटर खोदी है। यह तय है कि पाकिस्तान हमेशा की तरह इस बार यह स्वीकार नहीं करेगा कि सुरंग की खोदाई के बारे में उसे जानकारी थी। ऐसे सुरंग मिलने के बाद दो साल पहले सीमा सुरक्षाबल ने पाकिस्तान इलाके में सुरंग के मुहाने की संयुक्त जांच की मांग की थी। पाकिस्तान इसके लिए राजी नही हुआ था। यह तय है कि सुरंग बनाने के लिए तकनीकी सहयोग घुसपैठ को शह देने वाली पाक की खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने दिया है।

सूत्रों के अनुसार भारतीय क्षेत्र में सुरंग के दो मुहाने होना सुबूत है। सुरंग का पहला मुहाना निर्धारित जगह से कुछ दूर निकलने के बाद उसे बोरियों से बंद कर दूसरे जगह से कुछ मीटर खोद कर ऐसी जगह मुहाना बनाया गया यहां पर दूर से इसकी निगरानी होना मुश्किल था। सुरंग खोदने का काम ज्यादा पुरानी नहीं है। मौके से बरामद रेत की बोरियों पर 18, 20 अगस्त की पेकिंग की तिथि सुबूत है कि सुरंग का मुहाना कुछ दिन पहले ही खुदा था व समय रहते इसका पता चला गया। सीमा सुरक्षाबल के महानिरीक्षक एनएस जम्वाल भी यह स्पष्ट कर चुके हैं कि इस सुरंग से आतंकवादियों की घुसपैठ नहीं हुई हैं।


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