Kashmir Situation: कश्मीर में 80 सरकारी अस्पतालों में इंटरनेट सेवाएं बहाल
Kashmir Situation कश्मीर में 80 सरकारी अस्पतालों में इंटरनेट सेवाएं बहाल
श्रीनगर, एएनआइ। कश्मीर घाटी में स्वास्थ्य विभाग से संबद्ध स्वास्थ्य केन्द्रों और कार्यालयों समेत कश्मीर के 80 सरकारी अस्पतालों में इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गई हैं। अधिकारी ने बताया कि कश्मीर में ब्रॉडबैंड हाई-स्पीड इंटरनेट सेवाएं स्वास्थ्य विभाग से संबद्ध स्वास्थ्य केन्द्रों और कार्यालयों समेत कश्मीर के 80 सरकारी अस्पतालों में बहाल कर दी गई हैं।
जानकारी हो कि केन्द्र सरकार के जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को रद्द करने तथा राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने की घोषणा करने से पहले चार अगस्त की रात को इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं थी। लोगों को पांच महीने बाद सुकून मिला है। मोबाइल इंटरनेट बंद होने से व्हाट्सएप काम नहीं कर रहा था। ऐसे में एसएमएस भी बंद होने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।
जानकारी के अनुसार अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पांच अगस्त से श्रीनगर में बंद मोबाइल एसएमएस सेवा शुरू किए जाने से कश्मीरियों में खुशी की लहर रही। श्रीनगर के सरकारी अस्पतालों में ब्राड बैंड बुधवार को शुरू नहीं की जा सकी थी, जो कि आज यानी कि गुरुवार को बहाल की गई। कश्मीर जोन पुलिस के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग से जुड़े स्वास्थ्य केंद्रों और कार्यालयों सहित 80 सरकारी अस्पतालों में ब्रॉडबैंड हाई-स्पीड इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई है।
डेढ़ सौ दिन बाद कश्मीर के लोगों ने उठाया लाभ
मालूम हो कि वादी में बुधवार को 2020 का पहला सूर्याेदय शांति और सामान्य स्थिति की तरफ बढ़ते हालात का एसएमएस के जरिए संदेश लाते हुए हुआ। लगभग 150 दिन बाद स्थानीय उपभोक्ताओं ने अपने पोस्टपेड मोबाइल फोन पर एसएमएस सेवा का पहली बार फायदा उठाया और अपने परिचितों को नए साल के बधाई संदेश भेजे। अलबत्ता, तकनीकी कारणों से कई जगह यह सुविधा पूरी तरह बहाल नहीं हो पाई थी। इस बीच, सभी अस्पतालों में भी ब्राडबैंड आधारित इंटरनेट सेवा भी बहाल हो गई है ।
एसएमएस सेवा और अस्पतालों में ब्राडबैंड सेवा की बहाली पर स्थानीय लोगों और मेडिकल स्टाफ ने राहत की सांस ली है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, इससे कश्मीर में और तेज गति के साथ सामान्य जनजीवन को पूरी तरह बहाल करने में मदद मिलेगी। वादी में टेलीमेडिसन और इंटरनेट पर आधारित चिकित्सा सेवाओं को पूरी तरह क्रियाशील बनाया जा सकेगा। अलबत्ता, एसएमएस सेवा सिर्फ बीएसएनएल के मोबाइल फोन पर ही पहले दिन उपलब्ध रही। जियो, एयरटेल व निजी क्षेत्र की अन्य दूरसंचार कंपनियों के उपभोक्ता इसका लाभ नहीं उठा पाए।
डीजीपी ने कहा: दुष्प्रचार करने वालों पर रहेगी नजर
ज्ञात हो कि घाटी में इससे पहले भी एसएमएस सुविधा शुरू की गई थी। गड़बड़ी की शिकायतें मिलने के कुछ ही देर बाद इसे बंद कर दिया गया था। गत 10 दिसंबर को मशीन आधारित एसएमएस सर्विस को बहाल किया गया था। इससे प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वालों को पास बर्ड और कारोबारियों को बैंक स्टेटमेंट मिलने लगे थे। प्रशासन ने विद्यार्थियों, कांट्रेक्टर और टूर ऑपरेटरों को सहूलियत प्रदान करने के लिए लगभग 900 इंटरनेट प्वाइंट शुरू किए हैं।
डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा है कि एसएमएस सेवा बहाल होने के बाद सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रहने को कहा गया है। यदि किसी ने गड़बड़ी करने की कोशिश की तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। दुष्प्रचार करने वालों पर पैनी नजर रहेगी। ऐसे तत्वों को चिह्नित कर उन्हें कानून के तहत दंडित किया जाएगा।
राहत भरा रहा दिन
शेरे कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान सौरा में कार्यरत डॉ. असगर ने कहा कि हमारे लिए आज का दिन बहुत राहत भरा रहा है। हमारे संस्थान में ही नहीं, एसएमएचएस समेत लगभग सभी अस्पतालों में इंटरनेट सुविधा बहाल हो गई है।