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    कश्मीर में कीटनाशकों के संपर्क से जुड़े ब्रेन ट्यूमर के मामले बढ़े, कारणों का पता लगाने के लिए टास्क फोर्स गठित

    By Rohit Jandiyal Edited By: Rahul Sharma
    Updated: Tue, 09 Dec 2025 11:48 AM (IST)

    जम्मू और कश्मीर में कीटनाशकों के संपर्क में आने से ब्रेन ट्यूमर के मामलों में वृद्धि देखी गई है। सरकार ने कारणों का पता लगाने के लिए एक टास्क फोर्स का ...और पढ़ें

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    स्किम्स के आंकड़ों ने इस मुद्दे को उजागर किया। फाइल फोटो।

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू-कश्मीर विधानसभा की पर्यावरण समिति स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए हैं कि कश्मीर में बागवानों और किसानों में कीटनाशकों के संपर्क से जुड़े घातक ब्रेन ट्यूमर के मामले बढ़ने के मूल कारणों का पता लगाने के लिए क्षेत्र के विशेषज्ञों को शामिल करते हुए एक टास्क फोर्स गठित करें।

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    समिति ने बागवानी और कृषि अधिकारियों से कीटनाशकों की गुणवत्ता और उनके उपयोग की जांच के लिए एक तंत्र अपनाने को कहा। उन्होंने किसानों और बागवानों को सुरक्षा और रोकथाम के उपायों के बारे में शिक्षित करने को भी कहा।

    स्वास्थ्य अधिकारियों को इस मामले में नए सिरे से अध्ययन करने के निर्देश दिए ताकि वास्तविक स्थिति का पता लगाया जा सके और कैंसर घातक ब्रेन ट्यूमर के मामलों के जोखिम को कम किया जा सके।

    कश्मीर घाटी में बागवानों और किसानों में कीटनाशकों के संपर्क से जुड़े घातक ब्रेन ट्यूमर पर चर्चा के लिए आयोजित की गई बैठक में यह निर्देश दिए गए। बैठक की अध्यक्षता पर्यावरण समिति के अध्यक्ष विधायक मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने की और इसमें सदस्य डा. सज्जाद शफी, पीरजादा फिरोज अहमद, जफर अली खटाना, मुश्ताक गुरु और दर्शन कुमार ने भाग लिया।

    ट्यूमर की खतरनाक वृद्धि पर विस्तृत चर्चा के लिए बैठक बुलाई

    बैठक में कश्मीर घाटी में बागवानों और किसानों में प्राथमिक घातक ब्रेन ट्यूमर की खतरनाक वृद्धि पर विस्तृत चर्चा हुई जो कथित तौर पर कीटनाशकों के संपर्क से जुड़ा है। स्किम्स के आंकड़ों ने इस मुद्दे को उजागर किया जिससे क्षेत्र के बागवानों के स्वास्थ्य और कल्याण को लेकर चिंताएं बढ़ गईं। तंत्रिका संबंधी बीमारियों के स्तर की वार्षिक जांच कार्यक्रमों और व्यापक स्वास्थ्य निगरानी शुरू करने के प्रस्तावित कदमों के बारे में प्रमुख प्रश्न उठाए गए।

    चर्चा किए गए अन्य मुद्दों में सुरक्षित कीटनाशक उपयोग और स्वास्थ्य खतरों के बारे में जनता को विभागीय सलाह जारी करना, सुरक्षित कीटनाशक विकल्प और जैविक एजेंटों को पेश करने के लिए उठाए जा रहे कदम, किसानों के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करना, कीटनाशक प्रभावित परिवारों और बागवानों के लिए मौजूदा पुनर्वास या चिकित्सा सहायता योजनाएं और तंत्रिका संबंधी स्वास्थ्य पर कीटनाशक सुरक्षा के आवधिक पुनर्मूल्यांकन के लिए तंत्र की स्थिति शामिल थी।

    सभी मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर हल करने पर दिया जोर

    स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा सचिव डा. आबिद रशीद शाह, निदेशक स्किम्स श्रीनगर और अन्य वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों ने समिति को बैठक में उठाए गए मुद्दों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने आश्वासन दिया कि इन सभी मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर हल करने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।

    प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जम्मू-कश्मीर के चेयरमैन वासु यादव, प्रिंसिपल जीएमसी जम्मू, निदेशक स्वास्थ्य जम्मू, निदेशक बागवानी ने भी बैठक में उठाए गए मुद्दों से समिति को अवगत कराया।अध्यक्ष ने संबंधित अधिकारियों को बैठक में उठाए गए मुद्दों के शीघ्र समाधान के लिए एक प्रभावी तंत्र विकसित करने के निर्देश दिए।