शहीद विद्यार्थियों की याद में काला दिवस शुरू
राज्य ब्यूरो, जम्मू : जम्मू के लिए अलग कृषि विश्वविद्यालय और मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के मुद्दे प
राज्य ब्यूरो, जम्मू : जम्मू के लिए अलग कृषि विश्वविद्यालय और मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के मुद्दे पर वर्ष 1966 में हुए आंदोलन के शहीदों की याद में डिग्री कॉलेजों में तीन दिवसीय काला दिवस की शुरुआत हुई। शहीद विद्यार्थियों की याद में साइंस कॉलेज के बाहर शहीदी स्थल पर हर वर्ष श्रद्धांजलि दी जाती है और तीन दिन तक जम्मू संभाग के डिग्री कॉलेज बंद रहते हैं।
वर्ष 1966 में हुए आंदोलन में छात्र गुरुचरण ¨सह, ब्रिज मोहन, सुभाष चंद्र और गुलशन हांडा शहीद हो गए थे। हर वर्ष जम्मू ज्वाइंट स्टूडेंट फेडरेशन (जेजेएसएफ) के कार्यकर्ता 16 अक्टूबर को अनशन पर बैठते हैं और 18 अक्टूबर को अनशन समाप्त करते हैं। शहीदों को नमन करने के बाद शहीदी स्थल के बाहर अमन ¨सह सलाथिया, अतुल ¨सह चिब, राहुल चौधरी, दिव्यांश वर्मा और संजीव संगराल अनशन पर बैठे। जेजेएसएफ के प्रधान एडवोकेट पुष्पेंद्र ¨सह ने कहा कि शहीदों की बदौलत ही जम्मू को अलग कृषि विश्वविद्यालय और मेडिकल कॉलेज मिला है। जम्मू क्षेत्र की युवा पीढ़ी को शहीदों से सीख लेनी चाहिए। हमें प्रण लेना चाहिए कि जम्मू से भेदभाव के खिलाफ संघर्ष करेंगे। उन्होंने कहा कि शहीदों की याद में बनाया गया शहीदी स्थल दयनीय हालत में है। जम्मू नगर निगम ने कभी इस तरफ ध्यान नहीं दिया। जब 13 अक्टूबर को नगर निगम जम्मू के आयुक्त के समक्ष यह मामला उठाया गया तो उन्होंने इस पर गंभीरता नहीं दिखाई। शहीदों की याद में छात्र शहीद मेमोरियल फुटबाल टूर्नामेंट करवाई जाती है। इस समय यह टूर्नामेंट चल रही है। इसका समापन 17 अक्टूबर को होगा। काला दिवस के अंतिम दिन 18 अक्टूबर को हवन यज्ञ किया जाएगा। लंगर प्रसाद बांटा जाएगा।
पहले दिन साइंस कॉलेज के ¨प्रसिपल प्रो. सतेंद्र ¨सह, कॉलेज के स्टाफ सदस्यों, विद्यार्थियों, शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और तकनीक विश्वविद्यालय जम्मू की टी¨चग एसोसिएशन के प्रधान डॉ. विकास शर्मा, डोगरा स्वाभिमान सभा के संस्थापक सदस्य डॉ. हरि दत्त शिशु और अन्य विद्यार्थियों ने शहीदी स्थल पर जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।