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Jammu Kashmir: गुपकार एलायंस के खिलाफ मुहिम छेड़ेगी भाजपा, बैठक आज

पीपुल्स अलायंस को मुफ्ती अब्दुल्ला परिवार का देश विरोधी एजेंडा करार देते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा कि इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। उनका कहना है कि प्रदेश भाजपा जम्मू में इसके विरोध मुहिम तेज करेगी।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 11:57 AM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 11:57 AM (IST)
Jammu Kashmir: गुपकार एलायंस के खिलाफ मुहिम छेड़ेगी भाजपा, बैठक आज
भाजपा गुपकार घोषणापत्र के एजेंडे को प्रोत्साहित करने की मुहिम को कड़ा जवाब देगी

जम्मू, राज्य ब्यूरो। प्रदेश भाजपा कश्मीर केंद्रित दलों के पीपुल्स एलायंस के नाम से गुपकार घोषणापत्र के एजेंडे को प्रोत्साहित करने की मुहिम को कड़ा जवाब देगी। इसके खिलाफ भाजपा मुहिम छेड़ेगी। पीपुल्स अलायंस को मुफ्ती, अब्दुल्ला परिवार का देश विरोधी एजेंडा करार देते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा कि इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।

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उनका कहना है कि प्रदेश भाजपा जम्मू में इसके विरोध मुहिम तेज करेगी। ऐसे में धरने, प्रदर्शनों के साथ इस मुद्दे पर समाज को एकजुट करने की भी कोशिश की जाएगी।ऐसे हालात में शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना की अध्यक्षता में होने वाली बैठक गुपकार घोषणापत्र के खिलाफ मुहिम तेज करने की रणनीति बनाई जाएगी। इसमें हिस्सा लेने के लिए जम्मू के कई सामाजिक व धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों को भी बुलाया गया है।

इस समय भाजपा फारूक अब्दुल्ला को उनके चीन विरोधी एजेंडे पर घेरने के लिए मुहिम चला रही है। जम्मू में इस मुद्दे को लेकर भाजपा के दो प्रदर्शन हो चुके हैं। आने वाले दिनों में भी फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ प्रदर्शनों का सिलसिला जारी रहेगा।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रविंद्र रैना का कहना है कि देश विरोधी गुपकार एजेंडा कश्मीर के हालात खराब करने की साजिश का हिस्सा है। कश्मीर के हालात खराब करने की फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती जैसे नेताओं की साजिशों को कभी कामयाब नही होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि गुपकार एजेंडा पाकिस्तान का एजेंडा है और यह एलायंस लोगों को खुश नही देखना चाहती है। भ्रष्टाचार को शह देकर अपने घर भरने वाले ऐसे नेताओं को बख्शा नहीं जाएगा।

370 मुद्दे पर कश्मीरी दलों ने बनाया पीपुल्स एलायंस

जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के लागू होने के एक साल बाद कश्मीर केंद्रित दल केंद्र सरकार के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला के घर वीरवार को हुई सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने गठजोड़ को पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन का नाम दिया। उन्होंने जल्द अगली रणनीति तय करने के लिए दोबारा बैठक बुलाने फैसला किया।

यह गठबंधन प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में लोगों के साथ संवाद-संपर्क बहाल कर जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे की पुनर्बहाली के लिए सभी संबंधित पक्षों के बीच बातचीत शुरू कराने का प्रयास करेगा। बैठक से कांग्रेस दूर रही।पांच अगस्त 2019 से पहले की जम्मू कश्मीर की संवैधानिक स्थिति बहाल कराने और पुनर्गठन अधिनियम को रद कराने की रणनीति पर विचार विमर्श के लिए डॉ. फारूक ने अपने निवास पर बैठक बुलाई। इसमें गुपकार घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने वाले सभी नेताओं को बुलाया था। कांग्रेस के जीए मीर को भी न्योता भेजा था। शाम चार बजे शुरु होने वाली बैठक आधा घंटा देरी से शुरू हुई। ढाई घंटे तक चली। इसमें पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन, माकपा नेता मोहम्मद युसूफ तारीगामी, अवामी नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुजफ्फर शाह, जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के चेयरमैन पूर्व मंत्री जावेद मुस्तफा मीर, पीडीपी के नईम अख्तर, पीपुल्स कांफ्रेंस के मौलाना इमरान रजा अंसारी, नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला, नेकां उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला, नेकां महासचिव अली मोहम्मद सागर, पूर्व विधायक खालिद नजीब सोहारवर्दी व अन्य कई नेता शामिल हुए। प्रदेश कांगे्रस प्रमुख जीए मीर बैठक में शामिल नहीं हुए।

सूत्रों के मुताबिक, अस्वस्थ होने के कारण ही वह बैठक से दूर रहे हैं।बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में डॉ. फारूक ने कहा कि पांच अगस्त 2019 को दिन हमारे लिए एक स्याह दिन है। नई दिल्ली ने गैर लोकतांत्रिक और अंसवैधानिक तरीके से जम्मू कश्मीर से वह सारे हकूक छीन लिए जो भारतीय संविधान ने दिए थे। हम विशेष दर्जे की बहाली के लिए पूरा प्रयास करेंगे। हम सभी लोग यहां इसलिए जमा हुए थे। हमने मिलकर आगे बढ़ने का फैसला किया है। इसके लिए हमने गठजोड़ को पीपुल्स एलायंस फार गुपकार डिक्लेरेशन का नाम दिया। हमारी एक संवैधानिक लड़ाई है। हम चाहते हैं कि सरकार जम्मू कश्मीर के लोगों को वह सब लौटाए जो पांच अगस्त 2019से पहले तक उनके पास था।

डॉ. फारूक ने कहा कि गुपकार घोषणा पर हस्ताक्षर करने वाले सभी नेता और दल एक हैं। उनमें कोई मतभेद नहीं है। हम कश्मीर मसले के हल के लिए सभी संबंधित पक्षों के साथ बातचीत के पक्षधर हैं। यह पूछे जाने पर कि वह किस तरीके से अपनी लड़ाई जारी रखेंगे तो उन्होंने कहा कि बैठक में हमने गुपकार घोषणा एक साल के हालात पर विचार विमर्श किया है। जल्द सभी लोग दोबारा मिलकर बैठक करने जा रहे हैं। उसमें आंदोलन और आगे की रणनीति का एलान करेंगे।


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