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जम्मू कश्मीर को समझने के लिए भाजपा नेतृत्व को पांच जन्म लेने पड़ेंगे: आजाद

जम्मू कश्मीर को समझने के लिए भाजपा नेतृत्व को पांच जन्म लेने पड़ेंगे। आजाद ने कहा कि जम्मू का कोई भी व्यक्ति जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश नहीं चाहता है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 06:28 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 06:28 PM (IST)
जम्मू कश्मीर को समझने के लिए भाजपा नेतृत्व को पांच जन्म लेने पड़ेंगे: आजाद
जम्मू कश्मीर को समझने के लिए भाजपा नेतृत्व को पांच जन्म लेने पड़ेंगे: आजाद

जम्मू, राज्य ब्यूरो। राज्यसभा में विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करवाने और भूमि अधिकार, स्थानीय युवाओं के नौकरियों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए कांग्रेस संघर्ष करेगी। केंद्र सरकार और भाजपा पर बरसते हुए उन्होंने कहा कि गलत फैसले से जम्मू कश्मीर को बर्बादी की कगार पर ला दिया गया है। जम्मू के दो दिवसीय दौरे पर आए आजाद और पार्टी की जम्मू कश्मीर मामलों की प्रभारी अंबिका सोनी ने शुक्रवार सुबह दस बजे से लेकर शाम तीन बजे प्रदेश पार्टी की कार्यकारी समिति की बैठक में भाग लिया।

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बैठक में राज्य के सुरक्षा हालात, पार्टी को मजबूत करने, जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करवाने के लिए पार्टी के संघर्ष को तेज करने समेत अहम मुद्दों पर मंथन किया गया। बैठक के बाद आजाद ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले साढ़े पांच महीने से लोगों की परेशानियां बढ़ गई है। हमने अपने पार्टी के बीस जिलों के प्रतिनिधियों से विस्तार से बातचीत की है। ऐसा बुरा समय पहले कभी नहीं देखा गया। शिक्षा, स्वास्थ्य, संचार हर सेवा पर असर पड़ा है। कश्मीर में पर्यटन खत्म हो गया है। जम्मू में ट्रांसपोर्ट, व्यापार खत्म हो गया है। विकास नाम की कोई चीज नजर नहीं आ रही। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने हठधर्मी से बिना सोचे समझे गलत फैसला किया। जबरदस्ती की कोई भी हद होती है। जम्मू कश्मीर और उत्तर पूर्वी राज्यों की समस्याएं जटिल है।

जम्मू कश्मीर को समझने के लिए भाजपा नेतृत्व को पांच जन्म लेने पड़ेंगे। आजाद ने कहा कि जम्मू का कोई भी व्यक्ति जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश नहीं चाहता है। प्रदेश भाजपा समेत किसी भी वर्ग का कोई भी व्यक्ति नहीं कहता है कि जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल नहीं होना चाहिए। विपक्षी नेताओं की नजरबंदी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि किस जुर्म में नेताओं को बंद किया गया है। यह क्या लोकतंत्र है या इमरजेंसी लगी हुई है। जम्मू कश्मीर में राजनीतिक प्रक्रिया को शुरु करने के लिए अनुकूल माहौल बनाना होगा। उन्होंने केंद्र और भाजपा का हमला बोलते हुए कहा कि देश और दुनिया को गुमराह किया जा रहा है। विदेशी प्रतिनिधियों को बुलाया जा रहा है। अगर हालात ठीक है तो फिर लोग जेलों में क्यों बंद है। इंटरनेट क्यों बंद रखा गया है। सर्वोच्च न्यायालय को गुमराह किया जा रहा है।

उन्होंने जम्मू कश्मीर में 36 केंद्रीय मंत्रियों के दौरे को धोखा करार दिया। बैक टू विलेज कार्यक्रम को लेकर पूछे गए प्रश्न के जवाब में गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इससे लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ। विपक्षी नेताओं को नजरबंद रखा गया था। भाजपा नेताओं की तरफ से पेश किए गए प्रोजेक्टों को ही मंजूरी दी गई।


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