जम्मू विवि में नहीं लगा बायोमीट्रिक सिस्टम
राज्य ब्यूरो, जम्मू : राज्यपाल एनएन वोहरा के निर्देश के बावजूद जम्मू विश्वविद्यालय में अभी तक बायोमी
राज्य ब्यूरो, जम्मू : राज्यपाल एनएन वोहरा के निर्देश के बावजूद जम्मू विश्वविद्यालय में अभी तक बायोमीट्रिक हाजिरी सिस्टम नहीं लगाया गया है। राज्यपाल जो विश्वविद्यालय के चांसलर भी हैं, के निर्देश का पालन करने में विश्वविद्यालय विफल रहा है।
महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के गिरने के बाद जम्मू कश्मीर में 20 जून को राज्यपाल शासन लागू किया गया था। राज्यपाल ने सबसे पहले बायोमीट्रिक हाजिरी लगाने के निर्देश दिए ताकि कर्मचारी और अधिकारी समय पर कार्यालय पहुंचे। लोगों के मसलों को सुनें और पूरी तरह ड्यूटी निभाएं। राज्यपाल के निर्देश पर डिग्री कॉलेजों यहां तक कि स्कूलों में भी बायोमीट्रिक सिस्टम लगने शुरू हो गए। राज्यपाल ने बायोमीट्रिक सिस्टम की समय-समय पर समीक्षा की और उचित निर्देश दिए। कश्मीर एंड जम्मू यूनिवर्सिटी एक्ट 1969 के तहत स्थापित जम्मू विश्वविद्यालय स्टेट विश्वविद्यालय है। यह एक अहम संस्थान है और जम्मू संभाग के 10 जिले इसके क्षेत्राधिकार में आते हैं। विश्वविद्यालय में टी¨चग स्टाफ की संख्या करीब साढ़े तीन सौ है। नान टी¨चग और नान गजटेड, अधिकारी वर्ग को मिलाकर यह संख्या एक हजार से अधिक है। चूंकि बायोमीट्रिक हाजिरी सिस्टम लागू नहीं है, इसलिए ड्यूटी पर कोई कारगर चेक नहीं है। किस समय कर्मचारी, अधिकारी या अध्यापक आ रहे हैं, उसके लिए पर्याप्त जवाबदेही का सिस्टम नहीं है। पूर्व वीसी प्रो. आरडी शर्मा के कार्यकाल में ही राज्यपाल के निर्देश आए थे, लेकिन अमल नहीं हुआ। नए वीसी प्रो. मनोज धर को भी कार्यभार संभाले हुए करीब एक पखवाड़े बीत चुका है, लेकिन इस दिशा में कोई काम नहीं हो रहा है।
जम्मू विवि में कामकाज के सिलसिले में 10 जिलों से विद्यार्थी और अन्य लोग आते हैं। ऐसे में अगर कोई कर्मचारी या अधिकारी समय पर ड्यूटी पर न मिले तो उन्हें परेशानी होती है। यह सही है कि जम्मू विवि एक स्वायत्त संस्थान है, लेकिन राज्यपाल का आदेश एक राज्य अध्यक्ष होने के नाते ही नहीं बल्कि चांसलर होने के नाते भी मायने रखता है। सूत्र बताते हैं कि बायोमीट्रिक सिस्टम शुरू करने के लिए विश्वविद्यालय में आम सहमति बनाई जाएगी। इसमें टी¨चग व नान टी¨चग के प्रतिनिधियों को विश्वास में लिया जाएगा।