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कश्मीर में श्रमिकों की हत्याओं के विरोध में भारतीय मजदूर संघ ने किया प्रदर्शन, पाकिस्तान विरोधी नारे लगाए

संघ ने प्रदेश व केंद्र सरकार ने मृतकों के आश्रितों को बीस-बीस लाख रुपये मुआवजा दिए जाने की मांग भी की है।संघ के प्रदेश आयोजक सचिव अशोक चौधरी की अगुआई में मंगलवार दोपहर को इन सदस्यों ने परेड चौक में पाकिस्तान का पुतला जलाया।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Tue, 19 Oct 2021 06:30 PM (IST)Updated: Tue, 19 Oct 2021 06:30 PM (IST)
कश्मीर में श्रमिकों की हत्याओं के विरोध में भारतीय मजदूर संघ ने किया प्रदर्शन, पाकिस्तान विरोधी नारे लगाए
घ के सदस्यों ने शहर के परेड चौक में पाकिस्तान का पुतला जलाते हुए पाक विरोधी नारेबाजी।

जम्मू, जागरण संवाददाता। कश्मीर घाटी में बाहरी राज्यों के श्रमिकों की हत्याओं पर रोष प्रकट करते हुए भारतीय मजदूर संघ की जम्मू-कश्मीर इकाई ने मंगलवार को पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शन किया। संघ के सदस्यों ने शहर के परेड चौक में पाकिस्तान का पुतला जलाते हुए पाक विरोधी नारेबाजी और कश्मीर में मौजूद बाहरी राज्यों के श्रमिकों को उचित सुरक्षा प्रदान करवाने की मांग भी की।

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संघ ने प्रदेश व केंद्र सरकार ने मृतकों के आश्रितों को बीस-बीस लाख रुपये मुआवजा दिए जाने की मांग भी की है।संघ के प्रदेश आयोजक सचिव अशोक चौधरी की अगुआई में मंगलवार दोपहर को इन सदस्यों ने परेड चौक में पाकिस्तान का पुतला जलाया। इन हत्याओं के पीछे पाकिस्तान की साजिश करार देते हुए अशोक चौधरी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अमन-शांति बहाल हो रही है जो पाकिस्तान को रास नहीं आ रही। इसी बौखलाहट में पाकिस्तान ने अब कश्मीर में बाहरी राज्यों के लोगों को मारने की साजिश रची है और उसके इशारों पर भारत विरोधी ताकतें इन हत्याओं को अंजाम दे रही है।

अशोक चौधरी ने कहा कि यह श्रमिक देश के विभिन्न हिस्सों से कश्मीर आए थे और कश्मीर निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे थे। उन्होंने कहा कि कश्मीर में जितने भी विकास कार्य हो रहे हैं, वो इन्हीं की बदोलत हो रहे हैं, ऐसे में सरकार का भी दायित्व बनता है कि वह इइन श्रमिकों को उचित सुरक्षा प्रदान करें। चौधरी ने कहा कि श्रमिक वर्ग राष्ट्रवादी है और राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान देता है। ऐसे में सरकार को इनकी सुरक्षा व मदद के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि यूं तो कश्मीर में जब कोई आतंकियों की गोली से मरता है तो सरकार उन्हें 45-45 लाख रुपये देती है लेकिन इन श्रमिकों के आश्रितों को सरकार की ओर से कोई मदद नहीं दी गई। अशोक चौधरी ने मृतकों के आश्रितों को कम से कम बीस-बीस लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की।


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