भाई दूज पर तिलक लगाने के लिए पूरा दिन है शुभ, बहनें इस विधि से लगाएं भाइयों को तिलक
दिवाली के दो दिन बाद कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाए जाने वाले इस पर्व को भाऊ बीज, टिक्का, यम द्वितीय और भातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है।
जेएनएन, जम्मू। भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के प्यार को सुदृढ़ करने का त्यौहार है। दिवाली के दो दिन बाद कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाए जाने वाले इस पर्व को भाऊ बीज, टिक्का, यम द्वितीय और भातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। इसमें बहनें भाई की लम्बी आयु की प्रार्थना करती हैं। शुक्रवार 9 नबम्बर को मनाए जा रहे इस पर्व पर अगर भाई अपनी बहन के हाथों से खाना खाएं तो उनकी आयु लंबी होती है। अच्छी बात यह है कि भैया दूज टीका मुहूर्त के लिए पूरा दिन शुभ है।
भैया दूज के दिन ऐसे करें पूजा
श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित शास्त्री ज्योतिषाचार्य ने बताया कि हिन्दू धर्म में भाई-बहन के स्नेह-प्रतीक के रूप में दो त्योहार मनाये जाते हैं। पहला रक्षाबंधन जो कि श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इसमें भाई बहन की रक्षा करने की प्रतिज्ञा करता है। दूसरा त्योहार है भाई दूज। भैया दूज वाले दिन बहनें शुद्ध आसन पर अपने भाई को बिठाकर सबसे पहले उनके मस्तक पर सिंदूर, अक्षत, पुष्प का तिलक लगाकर कलावा बांधे और भाई के मुंह में मिठाई, मिश्री और माखन लगाएं। भाई सभी प्रकार से प्रसन्नचित्त जीवन व्यतीत करें, ऐसी मंगल कामना करें। उसकी लम्बी उम्र की प्रार्थना करें। इसके बाद भाई बहनों को उपहार दें। सगी बहन न हो तो मामा, चाचा, मित्र या धर्म बहन से तिलक लगाएं। शाम के समय बहनें यमराज के नाम से चौमुख दीया जलाकर घर के बाहर दीए का मुख दक्षिण दिशा की ओर करके रखें।