Move to Jagran APP

संगत को प्रवचनों से किया निहाल

संवाद सहयोगी, सांबा : ईश्वर को पाने के लिए मनुष्य को अपने भीतर की ज्योति को जगाना पड़ता है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 09:14 PM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 09:14 PM (IST)
संगत को प्रवचनों से किया निहाल
संगत को प्रवचनों से किया निहाल

संवाद सहयोगी, सांबा : ईश्वर को पाने के लिए मनुष्य को अपने भीतर की ज्योति को जगाना पड़ता है। राजपुरा के आनदंपुर आश्रम में श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन संगत को प्रवचनों से निहाल करते हुए सुश्री गायत्री देवी ने कहा कि वही मनुष्य ईश्वर को पा सकता है जिसके मन कोई लालच न हो, दूसरों के प्रति ईश्या न रखता हो और भगवान के प्रति उसे पूरी आस्था हो।

loksabha election banner

उन्होंने कहा कि मनुष्य को ईश्वर की तलाश करने की आवश्यकता नहीं है। मनुष्य अगर अपने आपको पहचान कर अपने अंदर के भगवान को जागा ले तो समझो उस पालनहार को पा लिया। उन्होंने कहा कि आत्मा के विचार व स्वभाव को न समझना ही अशांति का कारण है। उन्होंने कहा कि प्रभु के नियमित सुमिरन करने से मन को शांति मिलती है। उन्होंने कहा कि आत्मा मरती नहीं है, यह अजन्मी, नित्य, शाश्वत और पुरातन है। केवल मनुष्य शरीर का नाश होता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य मरने के डर से पल-पल मरता है, इसलिए इस डर से मुक्ति पाने के लिए उसे गुरु की शरण में जाना चाहिए। कथा के अंत में सप्ताह में आई संगत ने प्रसाद भी ग्रहण किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.