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Jammu: अठन्नी, चवन्नी का दाव लेकिन लाखों का नफा-नुकसान, जम्मू के युवाओं पर चढ़ा सट्टेबाजी का नशा

जम्मू पुलिस ने घौ मन्हासां में सट्टेबाजी के एक गिरोह को दबोचा था जाे युवाओं और सट्टेबाजों के बीच दलाली काम करता था। इस गिरोह के दो सदस्यों से पुलिस को सत्तर हजार रुपये और सट्टेबाजों व युवाओं के बीच लेनदेन का हिसाब रखने वाली डायरियां भी मिली थीं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 03 Nov 2020 02:30 PM (IST)Updated: Tue, 03 Nov 2020 02:30 PM (IST)
Jammu: अठन्नी, चवन्नी का दाव लेकिन लाखों का नफा-नुकसान, जम्मू के युवाओं पर चढ़ा सट्टेबाजी का नशा
सट्टेबाजी का यह सारा खेल फोन से ही चलता है।

जम्मू, सुरेंद्र सिंह: आइपीएल के मैच इस समय दुबई में चल रहे हैं लेकिन उन पर सट्टा जम्मू में भी लग रहा है। सट्टा भी कुछ कम नहीं बल्कि लाखों रुपयों का और लगाने वाले भी कोई प्रोफेशनल सट्टेबाज नहीं बल्कि स्कूल, कालेजों में पढ़ने वाले छात्र या कुछ युवा हैं।

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सट्टेबाजी का यह खेल जम्मू शहर के अलावा ग्रामीण इलाकों में भी धड़ल्ले से जारी है। युवा कोड वर्ड में सट्टेबाजी के दलालों से बात करते हैं कि फलां मैच या खिलाड़ी पर मेरी चव्वनी या अठन्नी लगा देना। बात चाहे चवन्नी या अठन्नी में की हो रही हो लेकिन जीतने या हारने पर लाखों का नफा नुकसान हो जाता है। दरअसल सट्टेबाजी में चवन्नी की कीमत पच्चीस जबकि अठन्नी की कीमत पचास हजार है जो हारने पर चुकानी भी पड़ती है।

जम्मू पुलिस ने हाल में ग्रामीण क्षेत्र घौ मन्हासां में सट्टेबाजी के एक गिरोह को दबोचा था जाे युवाओं और सट्टेबाजों के बीच दलाली काम करता था। इस गिरोह के दो सदस्यों से पुलिस को सत्तर हजार रुपये और सट्टेबाजों व युवाओं के बीच लेनदेन का हिसाब रखने वाली डायरियां भी मिली थीं। वहीं इसी तरह की सट्टेबाजी में भाग लेने वाले एक युवक ने बताया कि बीस ओवरों के मैच में कराेड़ों का खेल बाहर बैठे स्टोरिए खेल जाते हैं। मैच के हर ओवर और गेंद्र पर सट्टा लगता है। बस दम उस पर दाव लगाने वालों में चाहिए।

एडवांस खोलना पड़ता है अकाउंट: सट्टेबाजी का खेल खेलने से पहले सट्टेबाजों जिन्हें पंटर कहा जाता है, के पास अपना एडवांस अकाउंट खोलना पड़ता है जिसमें पहले पैसे जमा करवाने पड़ते हैं। इसके बाद उन पैसों के मुताबिक ही सट्टा मैच में लगाया जा सकता है। जीतने पर अकाउंट में पैसे बढ़ जाता है जबकि हारने के साथ रकम घटती जाती है। रकम समाप्त पर सट्टा नहीं लगाया जा सकता।इसके लिए फिर से अकाउंट में पैसा जमा करवाने पड़ते हैं।

फोन पर होता है सारा खेल: सट्टेबाजी का यह सारा खेल फोन से ही चलता है। युवा सट्टेबाजों से फोन पर संपर्क कर बताते हैं कि उनका पैसा किस खिलाड़ी, किस टीम या किस ओवर में किस बॉलर या बैट्समैन पर लगाना है। एक बार दाव खेल दिया तो उसे वापस नहीं लिया जा सकता।सट्टेबाजों ने अपने दलाल रखे हैं जो युवाओं का पैसा अपने माध्यम से लगवाते हैं और हार या जीत के बाद उसका हिसाब किताब करते हैं।

एक बार फंस गए तो बाहर निकलना मुश्किल: सट्टेबाजी के इस खेल में जाे एक बार फंस गया, उसका बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। यह दबाव उस पर सट्टेबाज नहीं बल्कि उसकी खुद की सोच डालती है। सट्टेबाजी में पैसा हारने वाले युवा उसे पूरा करने के चक्कर में किसी से उधार या चोरी तक कर पैसा लगाते हैं। बख्शी नगर पुलिस ने भी पिछले महीने दो युवकों को लूट के मामले में पकड़ा था और उन्होंने भी बताया कि वह सट्टेबाजी के चक्कर में फंस गए थे जिस कारण उन्होंने लूट की योजना बनाई थी।

पुलिस से नहीं बच सकते सट्ट़ेबाज: एसएसपी जम्मू श्रीधर पाटिल का कहना है कि सट्टेबाज पुलिस से ज्यादा देर तक नहीं बच सकते। पुलिस ने अपना नेटवर्क बना रखा है। यहां भी सूचना मिलती है पुलिस वहां धड़कपड़ के लिए पहुंच जाती है। 


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