अतिरिक्त सचिव की जमानत याचिका खारिज
भ्रष्टाचार निरोधक विशेष जज वाईपी बोरने ने अवैध तरीके से सरकारी नौकरी हासिल करने वाले जम्मू कश्मीर कला संस्कृति और भाषा अकादमी के अतिरिक्त सचिव शकील उल रहमान की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
जेएनएफ, जम्मू : भ्रष्टाचार निरोधक विशेष जज वाईपी बोरने ने अवैध तरीके से सरकारी नौकरी हासिल करने वाले जम्मू कश्मीर कला, संस्कृति और भाषा अकादमी के अतिरिक्त सचिव शकील उल रहमान की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि अतिरिक्त सचिव पर लगे आरोप गंभीर हैं। पिछले दरवाजे से भर्ती प्रक्रिया को अंजाम दिया गया। आरोपित को नौकरी देने के लिए नियमों को ताक पर रख दिया गया। हैरान करने वाली बात यह है कि वर्ष 2009 में जब शकील उल रहमान की नौकरी अकादमी में बतौर पीआरओ लगी थी तो उसने नियुक्त का आदेश जारी होने से एक दिन पूर्व ही फिशरिज विभाग में क्लर्क की नौकरी से त्यागपत्र दे दिया था।
श्रीनगर से वह हवाई जहाज से जम्मू आया और नियुक्ति का आदेश जारी होने के चौबीस घंटे के भीतर ही ज्वाइन भी कर लिया। यह पद गजेटेड रैंक का था। क्राइम ब्रांच ने जांच में कहा है कि शकील उल रहमान को नौकरी पर रखने के लिए अकादमी के तत्कालीन सचिव जफर इकबाल मन्हास ने तय शैक्षिक योग्यता को ही बदल दिया था। इस पद के लिए अंतरराष्ट्रीय समाचार पत्रों व चैनलों में काम करने वाले रिपोर्टरों ने आवेदन किया था, लेकिन उन्हें मौका नहीं दिया गया। कोर्ट ने क्राइम ब्रांच को मामले की जांच में तेजी लाने के निर्देश देते हुए याचिकाकर्ता की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।