सुरक्षित है यात्रा मार्ग, बेखौफ आएं भोले के दरबार
दिनेश महाजन, जम्मू बाबा अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित संपन्न करवाने के लिए सुरक्षाबलों ने रणनीि
दिनेश महाजन, जम्मू
बाबा अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित संपन्न करवाने के लिए सुरक्षाबलों ने रणनीति तैयार कर ली है। यात्रा मार्ग पर स्थित आधार शिविरों के अलावा 300 किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर मल्टी टीयर सुरक्षा बंदोबस्त रहेंगे। सुरक्षा के पहले घेरे में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सशस्त्र सीमा बल, बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के जवान तैनात रहेंगे। दूसरे घेरे में राज्य पुलिस, जबकि तीसरे में सेना के जवान तैनात रहेंगे। आतंकी हमले या फिर आपदा के दौरान सेना के जवान तीसरे घेरे से निकल कर सुरक्षा के पहले घेरे की कमान संभाल लेंगे।
इस वर्ष आतंकी हमले के खतरे को गंभीरता से लेते हुए अमरनाथ यात्रा के दौरान साठ हजार पुलिस, अर्द्ध सैनिक बल तथा सेना के जवान तैनात होंगे। गत वर्ष करीब 40 हजार जवानों को तैनात किया गया था। ये जवान यात्रा के दोनों मार्गो पहलगाम और बालटाल के अलावा सभी आधार शिविरों, जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर तैनात होंगे।
विदित हो कि समुद्र तल से 13 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा में प्राकृतिक हिम¨लग के दर्शन के लिए हर वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
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ज्वाइंट कंट्रोल रूम स्थापित
लखनपुर से पवित्र गुफा तक सुरक्षाबलों के लिए 280 प्वाइंट बनाए गए हैं। जिला स्तर पर ज्वाइंट कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। इनमें अमरनाथ यात्रा की हर गतिविधि की जानकारी संबंधित अधिकारियों को दी जाती है। जम्मू संभाग के लखनपुर, जम्मू, ऊधमपुर तथा रामबन जिलों में सशस्त्र सीमा बल की कंपनियां तैनात हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग पर पुलिस की आर्म्ड तथा इंडियन रिजर्व पुलिस बल की कंपनियां तैनात की गई हैं। सेना की रोड ओप¨नग पार्टी भी लगाई गई है।
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जीपीएस तकनीक तथा ड्रोन
से रखी जाएगी नजर
इस वर्ष अमरनाथ यात्रियों के वाहनों पर नजर रखने के लिए उन्हें जीपीएस तकनीक से लैस किया जा रहा है। सीआरपीएफ के जवान जीपीएस तकनीक का संचालन करेंगे। इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग तथा आधार शिविरों पर शरारती तत्वों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन की मदद ली जाएगी।
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एनएसजी की दो दर्जन
कमांडो ने डाला डेरा
अमरनाथ यात्रा के दौरान संभावित आतंकी हमले को देखते हुए केंद्र सरकार ने दो दर्जन एनएसजी कमांडो को कश्मीर में तैनात किया है। श्रीनगर शहर के अलावा दक्षिण कश्मीर में भी इन जवानों को तैनात किया गया है। सुरक्षा कारणों से इनकी लोकेशन को गुप्त रखा गया है।
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आपदा से भी निपटने
की तैयारी पूरी
करीब तीन सौ किलोमीटर लंबा जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पहाड़ी क्षेत्रों से गुजरता है। इस सड़क पर हादसे होते रहते हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए नेशनल डिजास्टर रिस्पांड फोर्स (एनडीआरएफ), स्टेट डिजास्टर रिस्पांड फोर्स (एसडीआरएफ) के अलावा क्विक रिएक्शन टीमों (क्यूआरटी) का भी गठन किया गया जो जरूरत पड़ने पर बचाव कार्य को अंजाम देगी।
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सुरक्षा के पर्याप्त बंदोबस्त
पुलिस महानिदेशक एसपी वैद का कहना है कि अमरनाथ यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालु राज्य के मेहमान हैं। ऐसे में की सुरक्षा व सुविधा का जिम्मा पुलिस बखूबी निभा रही है। यात्रियों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त संख्या में जवानों को तैनात किया गया है।
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पहलगाम तथा बालटाल मार्ग पर माउंटेन¨रग इंस्टीट्यूट के जवान
दुर्गम पर्वत शृंखला में स्थित बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा में हिम¨लग के दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं की रक्षा के लिए राज्य पुलिस की माउंटेन¨रग इंस्टीट्यूट के जवान तैनात रहेंगे। प्राकृतिक आपदा या फिर ऊंचाई वाले क्षेत्र में किसी श्रद्धालु के बीमार होने पर उसे चिकित्सा केंद्र तक पहुंचाने का जिम्मा इनके कंधों पर होता है। यात्रा मार्ग के अधिकतर हिस्से में बर्फ के ग्लेशियर बने हैं। बर्फ पिघल पर प्राकृतिक आपदा उत्पन्न हो जाती है। श्रद्धालुओं की जान पर बन आती है। ऐसे में श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकालना भी जवानों की जिम्मेदारी है।
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यहां तैनात होंगी रेस्क्यू टीमें
पहलगाम रूट
- शेषनाग 11730 फीट
-महागुणास टॉप 14500 फीट
- पोषपत्री 13800 फीट
- बैववैल टाप 13000 फीट
- पवित्र गुफा 12756 फीट
बालटाल रूट
- बरारी मार्ग
- रेलपत्री
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वर्ष 2017
181 सेंट्रल आर्म्ड सिक्योरिटी पर्सनल
वर्ष 2018
213 सेंट्रल आर्म्ड सिक्योरिटी पर्सनल
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वर्ष 2017
आर्म्ड तथा इंडियन रिजर्व पुलिस बल की 23 कंपनियां थी तैनात।
वर्ष 2018
आर्म्ड तथा इंडियन रिजर्व पुलिस बल की 32 कंपनियां होगी तैनात।