Baba Amarnath Yatra: कश्मीर के अमरेश्वर मंदिर में बाबा अमरनाथ की पवित्र छड़ी स्थापित
यात्रा को रद करने का निर्णय अस्वभाविक है। यह निर्णय प्रशासन ने कोरोना महामारी के संकट को ध्यान में रखते हुए लिया है। मेरी राय में यह उचित है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूृरो। दशनामी अखाड़ा स्थित अमरेश्वर मंदिर में वीरवार को वैदिक मंत्राेच्चारण के बीच श्री अमरनाथ की पवित्र छड़ी मुबारक स्थापित हुई।। पवित्र छड़ी पूजन 25 जुलाई नाग पंचमी के दिन होगा। इस साल श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा की वार्षिक तीर्थयात्रा-2020 को कोविड-19 के मद्देनजर रद कर दिया गया है। सिर्फ छड़ी मुबारक काे ही प्रशासन ने पवित्र गुफा की तीर्थ यात्रा की अनुमति दी है।
समुद्रतल से करीब 3888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पवित्र गुफा में ही भगवान शंकर ने मां पार्वती को अमरत्व की कथा सुनायी थी। इसलिए इस पवित्र गुफा को अमरेश्वर गुफा और श्री अमरनाथ गुफा भी कहते हैं। पौराणिक काल से ही पवित्र गुफा की श्रावण मास के दौरान तीर्थ यात्रा का विधान है। इस साल यह तीर्थ यात्रा 23 जून को शुरु होनी थी, लेकिन कोविड-19 से पैदा हालात को देखते हुए प्रदेश प्रशासन ने यात्रा काे रद कर दिया। आम श्रद्धालुओं को तीर्थयात्रा की अनुमति नहीं है।
इस बीच, पवित्र छड़ी मुबारक के संरक्षक और दशनामी अखाड़ा के महंत दिपेद्र गिरि के नेतृत्व में आज वैदिक मंत्राेच्चारण के साथ अमरेश्वर मंदिर में छड़ी स्थापना का अनुष्ठान संपन्न हुआ। यह पूजा करीब अढ़ाई घंटे तक चली। इसमें कुछ गिने चुने श्रद्धालुओं और संत महात्माओं को ही शामिल होने की आज्ञा दी गई। महंत दिपेंद्र गिरि ने कहा कि 25 जुलाई को छड़ी पूजन होगा। शिव-शक्ति का प्रतीक दो छड़ियां जिन्हें श्री अमरनाथ की छड़ी मुबारक कहते हैं, के दर्शन आम श्रद्धालु कर सकते हैं। आम श्रद्धालुओं के लिए तीर्थ यात्रा को रद किए जाने पर उन्होंने कहा कि यह इतिहास में पहली बार हुआ है जब यात्रा को प्रारंभ किए बिना ही रद कर दिया गया।
हालांकि मौसम व अन्य कई प्राकृतिक कारणों से पहले श्री अमरनाथ की यात्रा को कई बार स्थगित करना पड़ा या समय से पूर्व समाप्त किया गया है। लेकिन बिना प्रांरभ किए यात्रा को रद करने का निर्णय अस्वभाविक है। यह निर्णय प्रशासन ने कोरोना महामारी के संकट को ध्यान में रखते हुए लिया है। मेरी राय में यह उचित है। मैं यह मानता हूं कि प्रशासन ने यह फैसला भगवान शंकर की प्रेरणा से ही लिया होगा। यात्रा के रद होने से श्रद्धालुओं काे निरुत्साहित होने जरुरत नहीं है, वह अपना उत्साह बनाए रखें। अगले वर्ष बहुत बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस यात्रा में शामिल हाेंगे।