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Gulam Nabi Azad in Jammu : दरबार मूव बंद होने से जम्मू बर्बाद हो जाएगा : आजाद

दरबार मूव बंद होने से जम्मू बर्बाद हो जाएगा। उन्होंने मुबारक मंडी में होटल बनाए जाने के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को मुबारक मंडी के संरक्षण के लिए दो चार सौ करोड़ जारी करने चाहिए। मुबारक मंडी जम्मू का मुख्य पर्यटन स्थल बन सकता है।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 07:58 PM (IST)Updated: Mon, 02 Aug 2021 07:58 PM (IST)
Gulam Nabi Azad in Jammu : दरबार मूव बंद होने से जम्मू बर्बाद हो जाएगा : आजाद
दरबार मूव की प्रक्रिया को जारी रखा जाना चाहिए।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि जम्मू कश्मीर में दरबार मूव बंद करने का फैसला गलत है। दरबार मूव की प्रक्रिया को जारी रखा जाना चाहिए। दरबार मूव बंद होने से जम्मू बर्बाद हो जाएगा। उन्होंने मुबारक मंडी में होटल बनाए जाने के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को मुबारक मंडी के संरक्षण के लिए दो चार सौ करोड़ जारी करने चाहिए। मुबारक मंडी जम्मू का मुख्य पर्यटन स्थल बन सकता है।

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जम्मू दौरे पर आजाद ने सोमवार शाम को गांधी नगर जम्मू स्थित अपने निवास पर पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि दरबार मूव बंद होने से जम्मू की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हाेगा। चाय वाले, टैक्सी वालों, अपने मकान किराए पर देने वाले लोगों, दुकानदारों को नुकसान होगा। दरबार मूव की प्रक्रिया महाराजा के समय से चली आ रही है। आजाद ने कहा कि हमने अपने समय में चालीस करोड़ जारी करके मुबारक मंडी के संरक्षण का कार्य शुरू करवाया था।

उन्होंने तवी नदी में कृत्रिम झील का जिक्र करते हुए कि हम तो सिद्धड़ा से गुज्जर नगर तक झील बनाना चाहते थे, लेकिन हमारी सरकार की सहयोगी पीडीपी के पास उस समय संबंधित विभाग था जो नहीं माने। फिर हमने वहां पर गोल्फ काेर्स बनवाया। बाद में उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में नेशनल कांफ्रेंस कांग्रेस सरकार के समय हमारे पास जब विभाग आया तो कृत्रिम झील का कार्य शुरू करवाया। झील व मुबारक मंडी के संरक्षण से जम्मू में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

तीन दिन में 110 प्रतिनिधिमंडलों से मिला : गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मैने तीन दिन जम्मू में जम्मू संभाग के दस जिलों के 37 विधानसभा क्षेत्रों से 110 प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की। कोरोना के कारण दो साल से जम्मू कश्मीर का कम दौरा कर पाया। बरसात, बाढ़ के कारण अन्य जिलों में नहीं जा पाया। दौरे का मकसद लोगों की समस्याओं को सुनना था। लोगों ने स्वास्थ्य, रोजगार, विकास, बुनियादी सुविधाओं पर बात की। फीड बैक मिला है।


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