एचआइवी संक्रमण से बचाव के लिए जागरूकता ही सबसे बड़ा उपाय, बिश्नाह में आनलाइन वाद विवाद
इस बात पर जोर दिया कि नई पीढ़ी में जागरूकता ज्यादा जरूरी है ताकि वे न सिर्फ खुद का बचाव करेंगे बल्कि दूसरों को जागरूक भी करेंगे। एचआइवी संक्रमित व्यक्ति से किसी तरह डरने की जरूरत नहीं है। यह सटने और छूने से होने वाला संक्रमण नहीं होता।
बिश्नाह, संवाद सहयोगी : एड्स जागरूकता दिवस के सिलसिले में विभिन्न इलाकों में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को जीडीसी बिश्नाह के रेड रिबन क्लब ने एड्स जागरूकता पर एक आनलाइन वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन करवाया। इस आनलाइन सत्र की अध्यक्षता डॉ. अनीता कुमारी (जीडीसी उधमपुर में सहायक प्रोफेसर) कर रही थीं। इस दौरान विद्यार्थियों ने बताया कि एचआइवी संक्रमण से बचाव के लिए जागरूकता ही सबसे बड़ा उपाय है। लोगों को समझना होगा कि संक्रमण कैसे होता है। तभी बचाव के बारे में सोचेंगे।
उन्होंने एचआइवी एड्स पर विस्तृत प्रस्तुति दी। बातचीत में उन्होंने सभी पहलुओं को शामिल किया। संक्रमण के लक्षण, संकुचन, रोगों की रोकथाम पर अपने विचार दिए। इस मौके पर कॉलेज की प्रधानाचार्य डाक्टर अनुराधा पंडोह ने भी छात्रों से बातचीत की और बीमारियों के प्रति जागरूक किया। आनलाइन सत्र में जीडीसी के प्रो. अमित कुमार शर्मा एवं प्रो. रश्मि आर्य भी उपस्थित थे। इस सत्र में कॉलेज के सभी स्टाफ सदस्यों के साथ-साथ छात्र-छात्राओं ने भी भाग लिया।
औपचारिक स्वागत भाषण और धन्यवाद प्रस्ताव डॉ. रतिका शर्मा ( सहायक प्रोफेसर) द्वारा दिया गया। पूरे कार्यक्रम का आयोजन रेड रिबन क्लब के नोडल अधिकारी डॉ. सीटू रैना और डॉ रतिका शर्मा, प्रिंसिपल डॉ अनुराधा पंडोह के मार्गदर्शन में किया गया। मुख्य अतिथि ने इस बात पर जोर दिया कि नई पीढ़ी में जागरूकता ज्यादा जरूरी है ताकि वे न सिर्फ खुद का बचाव करेंगे, बल्कि दूसरों को जागरूक भी करेंगे। एचआइवी संक्रमित व्यक्ति से किसी तरह डरने की जरूरत नहीं है। यह सटने और छूने से होने वाला संक्रमण नहीं होता।