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अनुच्छेद 370 समाप्त होने का सबसे बड़ा लाभ अलगाववादी नेता गिलानी का इस्तीफा: खन्ना

खन्ना ने कहा कि गिलानी हुर्रियत कांफ्रेंस के दिग्गत नेता माने जाते थे। उनके द्वारा इस्तीफा दिए जाने की घोषणा अनुच्छेद 370 समाप्त होने के लाभों में ही शामिल किया जाएगा।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 29 Jun 2020 04:45 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2020 05:51 PM (IST)
अनुच्छेद 370 समाप्त होने का सबसे बड़ा लाभ अलगाववादी नेता गिलानी का इस्तीफा: खन्ना
अनुच्छेद 370 समाप्त होने का सबसे बड़ा लाभ अलगाववादी नेता गिलानी का इस्तीफा: खन्ना

जम्मू, जेएनएन। हुर्रियत कांफ्रेंस (जी) के अध्यक्ष सैयद अली गिलानी के इस्तीफा देने के कुछ ही घंटों बाद भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने इसका स्वागत करते हुए कहा कि अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का हुर्रियत मंच से अलग होना अनुच्छेद 370 हटने का सबसे बड़ा लाभ है। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और जम्मू और कश्मीर मामलों के प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने कहा कि कश्मीर के लोगों को अनुच्छेद 370 समाप्त होने के लाभ दिखना शुरू हो गए हैं।

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खन्ना ने कहा कि अलगाववादी नेता गिलानी हुर्रियत कांफ्रेंस के दिग्गत नेता माने जाते थे। उनके द्वारा इस्तीफा दिए जाने की घोषणा अनुच्छेद 370 समाप्त होने के लाभों में ही शामिल किया जाएगा। खन्ना ने कहा कि भाजपा इस फैसले का स्वागत करती है। खन्ना ने कहा कि गिलानी भले त्यागपत्र देने के पीछे कई कारण बता रहे हों, जिनमें एक कारण वह सीमा पार बैठे कुछ लोगों द्वारा कश्मीर में ड्रग माफिया को बढ़ावा देने को भी दे रहे हैं। उनका कहना है कि गुलाम कश्मीर में बैठे कुछ लोग घाटी के युवाओं को नशे की और धकेल रहे हैं। इसी वजह से वह इस पद से इस्तीफा दे रहे हैं। लेकिन सच यह है कि यह अनुच्छेद 370 को हटाने का ही परिणाम है।

वहीं भाजपा के संगठन महासचिव अशोक कौल ने गिलानी के हुर्रियत मंच को छोड़ने के फैसले को देर आयद दुरुस्त आयद करार दिया। उन्होंने कहा कि गिलानी तत्कालीन विधानसभा के एक सक्रिय विधायक रहे हैं, वे लोकतंत्र के लाभों को जानते हैं। हो सकता है कि उन्हें अब यह महसूस हुआ हो कि अलगाववादी विचारधारा पर चलकर उन्हें काफी कुछ झेलना पड़ा। आशा है कि आगे वह भविष्य में बेहतर करेंगे। सूत्रों ने कहा कि भाजपा अनुच्छेद 370 के बाद घाटी में सक्रिय अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के इस्तीफा देने के मुद्दे को जोरशोर से उठाकर इसका राजनीतिक लाभ उठाएगी। पार्टी नेताओं ने पहले ही दावा किया था कि 5 अगस्त का केंद्र सरकार द्वारा लिए ऐतिहासिक निर्णय के बाद कश्मीर में अलगाववाद और अलगाववादी विचारधारा को समाप्त करने में मदद मिलेगी।


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