Death Of Children In Udhampur: दस बच्चों की मौत की जांच के लिए पहुंची डॉक्टरों की टीम
जम्मू संभाग में ऊधमपुर जिले के रामनगर तहसील में रहस्यमय बीमारी से 10 बच्चों की मौत हो गई जबकि कुछ बच्चे अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं।
ऊधमपुर, जागरण संवाददाता। Death Of Children. जिला ऊधमपुर की रामनगर तहसील में अज्ञात बीमारी पहले बुखार, उल्टी और फिर अचानक से किडनी फेल होने से अब तक ब्लॉक के विभिन्न इलाकों से 10 बच्चे मौत की आगोश में जा चुके हैं। छह बच्चे अभी जम्मू, चंडीगढ़ और लुधियाना में उपचाराधीन हैं। अज्ञात रोग के कारण हुई इन मौतों ने लोगों को ही नहीं स्वास्थ्य विभाग को हिला कर रख दिया है। स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञों की विभिन्न टीमें रामनगर में आकर जांच कर चुकी है, मगर किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है। स्वास्थ्य विभाग के लिए इस अज्ञात रोग की जांच किसी ब्लाइंड मिस्ट्री की जांच जैसी ही है।
शनिवार को स्वास्थ्य विभाग से दो अलग टीमें पहुंची। जिसमें एक टीम डायरेक्टर हेल्थ सर्विसेज की है। जिसमें कंट्रोलर स्टोर डॉ. करतार चंद, स्टेट मलेरियालोजिस्ट डॉ. लक्ष्मण दास भगत शामिल थे। जबकि दूसरी टीम सरकारी मेडिकल कॉलेज जम्मू से माइक्रोबायोलॉजिस्ट विभाग की थी। जिसमें माइक्रो बायोलॉजिस्ट डॉ. सिकंदर चिराग और लैब टेक्निशियन गुलशन शर्मा भी पहुंचे।
इससे पहले हेल्थ डायरेक्टर स्तर और मेडिकल कॉलेज जम्मू की टीमें भी पहुंची थी। अभी तक पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने माडता, थपलाल, धीरन, धनवालत, सुनेतर, कोगड़मढ़, कैला सहित अन्य गांवों का दौरा किया। जहां पर उन्होंने मरने वालों बच्चों के परिवारों तथा बीमार बच्चों के परिजनों से बातचीत कर बच्चों के खानबान, उनको दी जा रही दवाओं व अन्य जानकारियां जुटाई। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने चार बच्चों के घरों के मिली दवाओं को भी अपने कब्जे में लिया है। इसके साथ ही पीएचई ने भी विभिन्न चार जल स्रोतों के सैंपल लिए हैं। यह सैंपल नलों और बावलियों से लिए गए हैं। सभी सैंपलों को जांच के लिए लेबोरेटरी में भेजा गया है। पीड़ित बच्चों की हालत नाजुक बनी हुई है। मृतकों को मिलाकर पीड़ित बच्चों की संख्या 15 से 16 के बीच हो सकती है।
इस बारे में ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर रामनगर डॉ. महबूब इकबाल ने कहा कि इस मामले के प्रकाश में आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की पहुंची सभी टीमें अभी तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी है। न ही जांच में अभी तक कुछ ऐसा सामने आया है, जिससे पता चल सके कि यह रोग दूषित पानी पीने, गलत दवा या खाद्य पदार्थ की वजह से हुआ है। स्वास्थ्य विभाग को यह रोग वायरस के कारण भी हुआ प्रतीत नहीं हो रहा। क्योंकि यदि यह वायरस के कारण होता तो, और भी बच्चे चपेट भी में आते। जबकि जिन घरों में बच्चों की मौत हुई है या बीमार हुए हैं, उन घरों में उसी आयु वर्ग के और भी बच्चे मौजूद है। जो पूरी तरह से स्वस्थ हैं। इसलिए स्वास्थ्य विभाग के लिए यह मामला ठीक वैसा है, जैसा पुलिस के लिए कोई ब्लाइंड मर्डर का मामला होता है।
कथीलगुंज का रहने वाला एक बच्चा पीजीआइ चंडीगढ़ रेफर किया गया, जबकि एक बच्चा निगरू पुत्र कुलदीप एसएमजीएस अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती है। निगरू के पिता ने बताया कि बच्चे को बुखार हुआ फिर उल्टी शुरू हो गई। इसके बाद वह उसे इलाज के लिए जम्मू ले आए। अभी बच्चा इमरजेंसी वार्ड में है। उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। पीजीआइ में भर्ती बच्चे की हालत भी नाजुक बनी हुई है।
एसएमजीएस अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. संजीव ढिगरा ने बताया कि रामनगर क्षेत्र के कुछ बच्चों में बुखार, उल्टियां और उसके बाद किडनी फेल होने के मामले सामने आए हैं। बच्चों का डायलिसेस भी हुआ, लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी। ऊधमपुर के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय को जानकारी दी गई है। अभी तक बच्चों की मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है। इस क्षेत्र में पहली बार इस तरह बच्चों की मौत हुई है। ऊधमपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम को रामनगर भेज दी है। इस टीम में कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर ऊधमपुर, डिस्ट्रक्टि हेल्थ ऑफिसर, फिजिशयन और बाल रोग विशेषज्ञ हैं।
- स्टेट एपीडेमालोजिस्ट भी एक टीम के साथ शुक्रवार को रामनगर पहुंचें। विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने परिजनों से मुलाकात की रामनगर में जांच के लिए पहुंची विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने पीडि़त परिवारों से मिलना शुरू कर दिया है। यह टीम इन गांवों में अन्य बच्चों के स्वास्थ्य का भी हाल जानेगी। अगर उन्हें कोई लक्षण मिलता है तो उसे तुरंत इलाज के लिए भेजा जाएगा। यह टीम पहले ऊधमपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को रिपोर्ट देगी फिर स्वास्थ्य निदेशक जम्मू को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। जम्मू स्वास्थ्य निदेशक डॉ. रेणु शर्मा-
- रामनगर में छह बच्चों के मरने की जानकारी है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि बच्चों को बुखार आया फिर उल्टियां आई। इसके बाद किडनी फेल हो गई। इसकी जांच के लिए एक टीम ऊधमपुर से रामनगर भेज दी गई है। एक और टीम शुक्रवार को जाएगी। जिन गांवों में यह बीमारी हुई है, वहां पानी की गुणवत्ता के साथ ही वहां की स्थिति की जांच की जाएगी। ऊधमपुर मुख्य चिकित्सा अधिकारी-