अभी भी लड़की पैदा करना साहस का कार्य
वह जीवन में कभी बच्चे को जन्म ही नहीं देगी। नाटक में दर्शाया गया है कि एक नवविवीहिता से उसकी सास बेटे को जन्म देने के लिए कहती है। उसके आगे पीदे इस तरह का माहौल बन जाता है मानों अगर लड़का न हो तो क्या से क्या हो जाएगा। मौहल से तंग आ कर वह निर्णय लेती है कि वह किसी बच्चे को ही जन्म नहीं देगी। नाटक में भाग लेने वाले कलाकारों में तिलोत्तमा जम्वाल जगदीप दुबे तरूण शर्मा सविता खजूरिया आरना सपना सोनी शामिल थे। संगीत अरुण सलैन का था। लाइट डिजाइनिग पंकज शर्मा ने की। मेकअप राहुल कुमार शम्मी धमीर ने किया। वेशभूषा नवनीत वर्मा ने डिजाइन की। सेट राजेश्वर सिंह अमन नवनीत वर्मा ने डिजाइन किया
जागरण संवाददाता, जम्मू : नार्थ जोन कल्चरल सेंटर पटियाला और जम्मू-कश्मीर कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी की ओर से आयोजित डोगरी नाट्योत्सव में सपना सोनी के निर्देशन में नाटक अम्मा का मंचन किया गया। नाटक के माध्यम से लड़कियों पर हो रहे अत्याचारों को केंद्रित किया गया।
जगदीप दुबे द्वारा लिखित इस नाटक के माध्यम से दर्शाया कि क्यों आज लड़कियों की हर क्षेत्र में सफलता के बावजूद उन्हें मां जन्म नहीं देना चाहती। निर्देशक यह समझाने का प्रयास करती है कि कुदरत ने तो महिला पुरुष में कोई अंतर नहीं किया है लेकिन एक बच्ची से हुए दुष्कर्म से मां इस कदर निराश होती है कि वह जीवन में कभी बच्चे को जन्म ही नहीं देगी। नाटक में दर्शाया गया है कि एक नवविवाहिता से उसकी सास बेटे को जन्म देने के लिए कहती है। उसके आगे पीदे इस तरह का माहौल बन जाता है मानों अगर लड़का न हो तो क्या से क्या हो जाएगा। मौहल से तंग आ कर वह निर्णय लेती है कि वह किसी बच्चे को ही जन्म नहीं देगी। नाटक में भाग लेने वाले कलाकारों में तिलोत्तमा जम्वाल, जगदीप दुबे, तरूण शर्मा, सविता खजूरिया, आरना, सपना सोनी शामिल थे।
संगीत अरुण सलैन का था। लाइट डिजाइनिग पंकज शर्मा ने की। मेकअप राहुल कुमार, शम्मी धमीर ने किया। वेशभूषा नवनीत वर्मा ने डिजाइन की। सेट राजेश्वर सिंह, अमन, नवनीत वर्मा ने डिजाइन किया।