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अरुण जेटली ने कठुआ के नेता गिरधारी लाल डोगरा की बेटी से की थी शादी, जम्मू के दामाद होने के कारण था गहरा लगाव

वर्ष 1982 में गिरधारी लाल डोगरा की बेटी संगीता से विवाह के बाद संगीता जम्मू से जेटली का एक विशेष नाता बन गया।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 24 Aug 2019 01:11 PM (IST)Updated: Sun, 25 Aug 2019 12:59 AM (IST)
अरुण जेटली ने कठुआ के नेता गिरधारी लाल डोगरा की बेटी से की थी शादी, जम्मू के दामाद होने के कारण था गहरा लगाव
अरुण जेटली ने कठुआ के नेता गिरधारी लाल डोगरा की बेटी से की थी शादी, जम्मू के दामाद होने के कारण था गहरा लगाव

जम्मू, विवेक सिंह। भाजपा के कद्दावर नेता अरुण जेटली का जम्मू से गहरा नाता रहा। कई बार नई दिल्‍ली में राज्‍य के हितों के संरक्षक बनकर भी उभरे। खासकर जम्‍मू के हितों की लड़ाई को उन्‍होंने बखूबी आगे बढ़ाया। अखिल विद्यार्थी परिषद के नेता होने के नाते युवा अवस्था से जेटली अनुच्छेद 370 के विरोध में जम्मू कश्मीर आते रहे।

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कांग्रेस के दिग्‍गज नेता रहे व पूर्व सांसद स्वर्गीय गिरधारी लाल डोगरा के वह दामाद थे। वर्ष 1982 में गिरधारी लाल डोगरा की बेटी संगीता से विवाह के बाद संगीता जम्मू से जेटली का एक विशेष नाता बन गया। वह हर साल उनकी पुण्यतिथि पर कार्यक्रम में शामिल होते थे। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए थे। इन कार्यक्रमों के माध्यम से जेटली जम्मू के निवासियों को समाज व देश के हित के लिए कार्य करते रहने का संदेश देते आए।

प्रदेश के हिताें को लेकर भाजपा के आंदोलनों में अरुण जेटली ने मुख्य भूमिका निभाई। वह राज्यसभा में विपक्ष के नेता के कार्यकाल के दौरान भी संसदीय दलाें के सदस्य के रूप में जम्मू के हितों की पैरवी करते रहे। बाद में अटल बिहारी वाजपेयी, नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में वित्त, कानून व रक्षामंत्री के रूप में भी उन्होंने जम्मू कश्मीर में विकास, सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता बनाने में सहयाेग दिया।

उनके साथ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के आंदोलनों में शामिल रहे विधानसभा के स्पीकर व पूर्व उपमुख्यमंत्री डा निर्मल सिंह का कहना है कि अरूण जेटली वर्ष 1978 से राज्य में सक्रिय रहे। हम उन्हें भाजपा का चाणक्य कहते थे। ऐसे में जम्मू कश्मीर में चुनाव के लिए भाजपा की रणनीति तय करने में उनकी एक विशेष भूमिका रही है। उनके योगदान के कारण ही प्रदेश में भाजपा लगातार मजबूत होती गई। जम्मू-कश्मीर को देश के साथ मजबूती से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई।

डा निर्मल सिंह ने बताया कि अरुण जेटली जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 व 35 ए हटाने की भी लगातार पैरवी करते रहे। ऐसे में वह जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रवादी लोगों को मजबूत बनाने के लिए हुए सभी कार्यक्रमों में शामिल होते थे। ऐसे में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद उन्होंने राज्य के हितों को पूरा ध्यान दिया। उनके मंत्रालयों ने जम्मू कश्मीर में विकास को तेजी देने की दिशा में विशेष ध्यान दिया। उनका ससुराल कठुआ जिले के हीरानगर के पैया गांव में है। जम्मू में उनके काफी रिश्तेदार भी हैं।

केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से खासी प्रभावित उनकी पत्‍नी संगीता जेटली ने जन कल्याण करने की प्रेरणा दी। ऐसे में निरंतर यहां आती रही जम्मू की बेटी ने समाज के प्रतिनिधियों को भी लोगों के लिए काम करने की सलाह दी। उनकी देखरेख में ही स्वर्गीय गिरधारी लाल डोगरा की याद में कार्यक्रमों का आयोजन पारिवारिक ट्रस्ट की ओर से आयोजित किया जाता है।

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